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भारतीय सेना में महिला सैनिकों की संख्या बढ़ाने की है आवश्यकता: ऐस्ट्रो हिंद युद्ध अभ्यास में जमकर हुआ सांस्कृतिक आदान प्रदान

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REPORT BY DR MUDITA POPLI

भारतीय सेना में महिला सैनिकों की संख्या बढ़ाने की है आवश्यकता: ऐस्ट्रो हिंद युद्ध अभ्यास में जमकर हुआ सांस्कृतिक आदान प्रदान

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बीकानेर। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में ऑस्ट्रेलिया और भारतीय सैनिकों ने एस्ट्रो हिंद युद्धाभ्यास 2022 में मिलकर युद्धाभ्यास किया। इस दौरान विशेष बातचीत में ऑस्ट्रेलियाई महिला सैन्य अधिकारी एमिली ड्रग्ममंड ने TIN network से अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि एस्ट्रो हिंद युद्धाभ्यास में उन्होंने बहुत कुछ नया सीखा है। भारतीय महिला सैनिकों के साथ उनके अनुभवों के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में महिला सैनिकों के साथ मिलकर काम करना उनके लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा तथा उन्होंने उनके साथ विभिन्न हथियारों का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया, परंतु उन्होंने कहा कि भारत में महिला सैनिकों की संख्या ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले काफी कम है ।जिसमें वृद्धि की आवश्यकता है तथा वे चाहती है कि अगली बार वे जब भारत आए तो महिला सैनिकों एवं अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई पुरुष सैनिकों के साथ उनके अनुभव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सेना में महिलाओं की संख्या पुरुषों के बराबर है तथा ऑस्ट्रेलियाई सेना के पुरुष सैनिक और सैन्य अधिकारी शारीरिक दृष्टि से जहां अधिक सुगठित लगते हैं वही भारतीय सेना में पुरुष रनिंग की विधा में पारंगत हैं। इस युद्धाभ्यास में भारत में विभिन्न क्षेत्रों से आए सैनिकों के बारे में बात करते उन्होंने कहा कि उन्हें यहां विभिन्न धर्मों को जानने का मौका मिला है। उन्होंने माना कि महिला सैनिकों की रनिंग की क्षमता पुरुषों की अपेक्षा थोड़ी कम है परंतु अपनी अन्य क्षमताओ के माध्यम से वे विजय प्राप्त कर सकती हैं।अपने बीकानेर भ्रमण के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें बीकानेर के किले ने सर्वाधिक आकर्षित किया।ऑस्ट्रेलिया तथा बीकानेर दोनों ही ढांचागत रूप से बिल्कुल अलग है। यहां की किले की स्थापत्य कला उन्हें बहुत अच्छी लगी।
इस युद्धाभ्यास में सर्वाधिक आकर्षित करने वाले हैं रहे ऑस्ट्रेलिया के एडमिन जिन्होंने यहां आकर अभ्यास के दौरान ही हिंदी सीखी तथा वे भारतीय सेना और पत्रकारों से हिंदी में बात करते हुए दिखाई दिए।उन्होंने कहा कि इस छोटे से प्रवास के दौरान वे हिंदुस्तान से प्यार करने लगे हैं और यूट्यूब के माध्यम से वह हिंदी सीखना जारी रखेंगे। उन्होंने हिंदी बॉलीवुड की फिल्मों को देखने की भी इच्छा जताई। इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और भारतीय सैनिकों ने एक दूसरे के साथ मिलकर युद्धाभ्यास तो किया ही साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक अच्छा मंच रहा जहां एक दूसरे की न केवल संस्कृति को जाना एक दूसरे के प्रति प्रेम और आदर का सम्मिश्रण भी देखने को मिला।

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