भारत आ रहे जहाज पर हिंद महासागर में ड्रोन अटैक:इस पर 20 भारतीय क्रू मेंबर; भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट का जहाज से कॉन्टैक्ट हुआ
जिस जहाज पर हमला हुआ, उसका नाम एमवी केम प्लूटो है। फिलहाल किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। (फाइल)
हिंद महासागर में सऊदी से भारत आ रहे एक ऑयल वैसेल एमवी केम प्लूटो पर शनिवार को ड्रोन से हमला हुआ। भारतीय नौसेना के मुताबिक इस जहाज पर 20 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार हैं। यह जानकारी मिलने के बाद नौसेना अलर्ट पर है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक भारतीय नौसेना के P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने एमवी केम प्लूटो के साथ कम्युनिकेशन स्थापित किया है। ड्रोन हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा नौसैनिक हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।
भारतीय नौसेना के वॉरशिप और भारतीय कोस्ट गार्ड के पैट्रोलिंग वैसेल ICGS विक्रम को भी उस जगह के लिए रवाना कर दिया है, जहां हमला हुआ है।
जहाज सऊदी अरब से मेंगलुरु जा रहा था। इसमें क्रूड ऑयल है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन जहाज पर आग लग गई। इस आग पर काबू पा लिया गया है। लाइबेरिया के झंडे वाला यह जहाज इजराइल से संबंधित बताया जा रहा है।
मैप में अटैक की लोकेशन देखें…
जहाज ने आखिरी बार सऊदी अरब संपर्क किया था
आग से जहाज के काम करने की कैपेसिटी पर असर पड़ा है। ब्रिटिश मिलिट्री के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स ने बताया कि जहाज भारत के पोरबंदर कोस्ट से करीब 200 समुद्री मील की दूरी पर था। हालांकि यह भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) से दूर था।
फिलहाल किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। जहाज से आखिरी बार सऊदी अरब संपर्क किया गया था।
हूती विद्रोहियों ने भारत आ रहा कार्गो जहाज हाईजैक किया था
इससे करीब एक महीने पहले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाईजैक कर लिया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाईजैक किया था।
वारदात से पहले हूती समूह ने इजराइली जहाजों पर हमले की चेतावनी दी थी। हूती विद्रोहियों के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा कि इजराइल की तरफ से चलने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाया जाएगा।
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के अनुसार बहामास के झंडे तले जा रहा जहाज ब्रिटिश कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।
समुद्री लुटेरे से माल्टा का जहाज बचाने गई थी भारतीय नौसेना
वहीं एक हफ्ते पहले समुद्री लुटेरों ने भी माल्टा के एक जहाज पर हमला कर दिया था। इसके बाद भारतीय नौसेना ने अपना एक युद्धपोत अदन की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था।
द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाईजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला कर दिया। जहाज से जब आखिरी बारी कॉन्टेक्ट हुआ, तब वो अरब सागर में सोकोट्रा आइलैंड से यमन की तरफ 380 नॉटिकल मील की दूरी पर था।
भुखमरी की कगार पर गाजा के 5 लाख लोग
7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग के बीच इजराइल ने गाजा के कुछ इलाकों को ‘सेफ जोन’ घोषित किया था। इजराइली सेना ने कहा था कि वह इन ‘सेफ जोन’ में हमले नहीं करेगी। साथ ही नॉर्थ गाजा में हमले कर रही सेना ने फिलिस्तीनियों को साउथ गाजा की तरफ जाने को कहा था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के एनालिसिस के मुताबिक इजराइल ने सेफ जोन में हमले किए हैं। 30 नवंबर को खत्म हुए 7 दिन के सीजफायर के बाद से इजराइल साउथ गाजा में हमले कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली सेना ने साउथ गाजा में 907 किलोग्राम के बम गिराए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी सेना ने भी अब तक इतने बम किसी भी देश के रिहाइशी इलाकों में नहीं गिराए।
इस बीच UN का कहना है कि गाजा में रह रहे 5 लाख लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं है। अगर जंग चलती रही तो ये लोग भुखमरी का शिकार हो जाएंगे। BBC के मुताबिक गाजा में रह रहे 23 लाख लोगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे- पानी, बिजली, खाना नहीं मिल रहा है।
जंग की 4 तस्वीरें…
जंग के चलते लाखों फिलिस्तीनी बेघर हुए हैं। लोग गाजा के अल-मवासी कैंप में रह रहे हैं।
इजराइली सेना गाजा के कैंप पर भी हमले कर रही है। तस्वीर अल-बुरेज कैंप की है।
7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में इजराइल के किबुत्ज बीरी स्थित यह घर तबाह हो गया। यहां बंधक बनाए गए लोगों की तस्वीरें लगी हुई हैं।
तस्वीर इजराइल के केरेम शालोम बॉर्डर की है। यहां ट्रक में जरूरत का सामान रखा गया है, जो गाजा पहुंचाया जाएगा।
पुतिन ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से बात की
यरूशलम पोस्ट के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की। दोनों ने जंग रोकने और गाजा में जरूरी मदद पहुंचाने पर चर्चा की। इस दौरान अब्बास के रूस दौरे पर भी बातचीत हुई। हालांकि फिलिस्तीनी प्रेसिडेंट रूस कब और कितने दिनों के लिए जाएंगे इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है।
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