भारत में बनेगी ये छोटी चिप, यूं ही नहीं हर देश इसके लिए बेताब, जान लें फायदे
चीन के टेक्नोलॉजी दबदबे के बाद भारत ने मोबाइल मेड इन इंडिया मुहित के तहत मोबाइल की लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है। भारत में मौजूदा वक्त में सालाना 3.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल बन रहे हैं, जो 2023 तक 4-4.5 लाख करोड़ रुपये हो सकते हैं। भारत ने सेमीकंडक्टर प्लांट का निर्माण की शुरू कर दिया है।
टेक्नोलॉजी के मामले में चीन का दबदबा जारी था। इसी दबदबे के दम पर चीन सभी को अपनी धौंस दिखाता था, लेकिन अब चीन का दौर खत्म हो जा रहा है, क्योंकि भारत ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपना पैर जमा दिया है। चीन की दादागीरी के खात्मे के लिए भारत ने मोबाइल मेड इन इंडिया मुहित के तहत मोबाइल की लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। इसका नतीजा यह रहा है कि आज भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हब बन चुका है। मौजूदा वक्त में 3.5 लाख करोड़ रुपये के सालाना मोबाइल बना रहा है। साथ ही इस साल 2023 यह आंकड़ा 4 से 4.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है।

सेमींकडक्टर का निर्माण शुरू
मोबाइल फोन के बाद भारत ने सेमीकंडक्टर बनाने जा रहा है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल फॉर इंडिया इवेंट में बताया कि भारत के पहले सेमींकडक्टर प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है, जो अगले कुछ सालों में चिपसेट का निर्माण शुरू कर देगा। भारत के इस कदम से चीन परेशान है, क्योंकि लंबे वक्त तक सेमीकंडक्टर पर चीनी कंपनियों का दबदबा रहा है। लेकिन भारत ने चीन के दबदबे से निकालने का रास्ता खोज लिया है। वही दूसरी तरह अमेरिकी भी चीन को लेकर एक नया नियम लेकर आया है, जिसके तहत अमेरिकी टेक कंपनियां चीन को सेमीकडक्टर या उसके पार्ट का एक्सपोर्ट नहीं कर पाएंगे, जबकि भारत में अमेरिका की सहयोग से सेमीकंडक्टर निर्माण हो जा रहा है।
क्या होगा फायदा
भारत में सेमीकंडक्टर बनने से स्मार्टफोन, कार समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के दाम कम हो सकते हैं। वही सेमीकंडक्टर के लिए दूसरे देशों पर नहीं निर्भर रहना होगा, क्योंकि एक्सपर्ट सलाह दे रहे थे कि अगर भारत का चीन के साथ युद्ध होता है या फिर टेंशन बढ़ती है, तो चीन सेमीकंडक्टर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक पार्ट की सप्लाई रोककर भारत की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री को तबाह कर सकता है। साथ ही इंडिया स्मार्टफोन की कीमत में कम और ज्यादा कर सकता है। लेकिन अब भारत ऐसा नहीं होने जा रहा है, क्योंकि भारत ने पूरी तरह से स्मार्टफोन और उसके पार्ट्स का भारत में निर्माण करने जा रहा है।
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