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भारत में सांप्रदायिक विद्वेष बढ़ाने वाले10 भारतीय और6 पाकिस्तान यूट्यूब चैनल ब्लॉक:देखें लिस्ट

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सूचना और प्रसारण मंत्रालय

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने वाले 16 यूट्यूब समाचार चैनलों को ब्लॉक किया

आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए 10 भारतीय और 6 पाकिस्तान स्थित यूट्यूब चैनल ब्लॉक किए गए

यूट्यूब चैनल भारत में दहशत पैदा करने, सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए झूठी, असत्यापित जानकारी फैला रहे थे

ब्लॉक किए गए यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों के दर्शकों की संख्या 68 करोड़ से अधिक थी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईटी नियमावली, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए 22 अप्रैल 2022 को दो अलग-अलग आदेशों के तहत सोलह (16) यूट्यूब आधारित समाचार चैनल और एक (1) फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए।

ब्लॉक किए गए सोशल मीडिया अकाउंट में छह पाकिस्तान स्थित और दस भारत के यूट्यूब समाचार चैनल शामिल हैं, जिनके दर्शकों की कुल संख्या संख्या 68 करोड़ से अधिक है। यह देखा गया कि इन चैनलों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के विदेशी संबंधों, देश में सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों पर सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए किया गया था। किसी भी डिजिटल समाचार प्रकाशक ने आईटी नियमावली, 2021 के नियम 18 के तहत मंत्रालय को आवश्यक जानकारी नहीं दी थी।

भारत के कुछ यूट्यूब चैनलों द्वारा प्रकाशित सामग्री में एक समुदाय को आतंकवादी के रूप में संदर्भित किया गया है और विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों के बीच घृणा को उकसाया गया। इस तरह की सामग्री में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की मंशा पाई गई।

भारत के कई यूट्यूब चैनल समाज के विभिन्न वर्गों में दहशत पैदा करने की मंशा से असत्यापित समाचार और वीडियो प्रकाशित करते हुए पाए गए। कोविड-19 के कारण पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा से संबंधित झूठे दावे करके प्रवासी श्रमिकों को जोखिम में डालना और कुछ धार्मिक समुदायों के लिए खतरों का आरोप लगाते हुए मनगढ़ंत दावे आदि इसके उदाहरण हैं। ऐसी सामग्री को देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक माना गया।

पाकिस्तान स्थित यूट्यूब चैनलों को भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर और यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में भारत के विदेशी संबंधों जैसे विभिन्न विषयों पर भारत के बारे में फर्जी समाचार पोस्ट करने के लिए सुनियोजित तरीके का इस्तेमाल करते हुए पाया गया। इन चैनलों की सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता तथा अखंडता एवं विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से पूरी तरह से गलत और संवेदनशील माना गया।

23 अप्रैल 2022 को, मंत्रालय ने निजी टीवी समाचार चैनलों को झूठे दावे करने और निंदनीय सुर्खियों का इस्तेमाल करने के विरुद्ध चेतावनी भी दी थी। भारत सरकार प्रिंट, टेलीविजन और ऑनलाइन मीडिया में भारत में एक सुरक्षित और संरक्षित सूचना का वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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