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मंहत श्री विमर्शानंद जी महाराज के कर कमलों से हुआ ‘रंग आनंद 2024’ का आगाज, नाटक ‘फिर न मिलेगी जिंदगी’ ने दर्शकों को किया भाव-विभोर

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बीकानेर। 19 फरवरी, 2024 संकल्प नाट्य समिति के तत्वाधान में शायर रंगकर्मी स्व. आनंद वि. आचार्य की स्मृति में होने वाले कार्यक्रम ‘‘रंग आनंद’’ पिछले चार वर्षों से निरन्तर किया जा रहा है। ‘‘रंग आनंद 2024’’ के प्रथम दिन समारोह की शुरूआत मां सरस्वती व स्व. आनंद वि. आचार्य के छाया चित्रों पर लालेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी विमरशानंद जी महाराज, वरिष्ठ निर्देशक एल एन सोनी, बीकानेर की प्रथम रंगनेत्री पुष्पा जैन और वरिष्ठ रंगकर्मी एवं लेखक मधु आचार्य आशावादी ने पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलन के साथ स्थानीय टाऊन हाॅल में किया। संस्था की ओर से मधु आचार्य आशावादी ने सभी रंगदर्शकों का स्वागत किया उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से चले आ रहे इस समारोह को अनवरत जारी रखने की संकल्प नाट्य समिति हमेशा प्रयासरत रहेगी। स्वामी विमरशानंद जी महाराज ने इस समारोह की सराहना करते हुवे कहा कि नाटक करना भी अपने आप में एक तपस्या है और ईश्वर की साधना है । स्वामी जी का माल्यापर्ण मधु आचार्य आशावादी और विजय सिंह राठौड़ ने किया ‘‘रंग आनंद 2024’’ समारोह में नवरीति ग्रुप बीकानेर की ओर से गणेष वंदना और राजस्थानी परंम्परा गीत पर बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इस गणेष वंदना और राजस्थानी परंम्परा गीत पर नवरीति गु्रप की ओर से अयाना शर्मा, वासु सांखला, रिद्धि पारीक, राजनंदिनी, माइषा शर्मा, हिमांषी, आरिका पाहुजा, आरवी पाहुजा, आव्या पाहुजा आदि ने अपने नृत्य से समा बांध दिया। दर्षकों ने इस प्रस्तुति का जमकर आनंद लिया।
‘‘रंग आनंद 2024’’ समारोह की इस प्रस्तुति के बाद मरूधरा थियेटर सोसायटी बीकानेर की ओर से नाटक ‘फिर न मिलेगी ज़िन्दगी’ का मंचन किया गया। इस नाटक के लेखक एवं मार्गदर्षक युवा रंगकर्मी सुरेश आचार्य रहे। नाटक का निर्देशन युवा रंग निर्देशिका प्रियंका आर्य ने किया। नाटक का मुख्य पात्र रामचरण शुक्ला ने उन तमाम लोगों की कहानी का बयान किया है जिन्हें एक वक्त पर आकर लगता है कि अभी तक उन्होंने जो जीवन जीया वो अपनों के लिए जीया, उन्होनें अपनी जिंदगी में अपने लिए कुछ नहीं किया जो भी किया वो अपनों के लिए किया। उन्होनें अपनी सारी जिंदगी जिम्मेदारियों और काम में खर्च कर दी और अपनी खुद की जिन्दगी का आनंद तक नहीं लिया। मुख्य पात्र को इस बात का एहसास सेवानिवृत्ति के उपरांत होता है परन्तु अन्य सभी व्यक्तियों के लिए यह अहसास अलग-अलग समय पर हो सकता है। यह अहसास होने पर नाटक का मुख्य पात्र उसी पल से अपने लिए जिंदगी को पुरी जिन्दादिली से जीना शुरू कर देता हैं। नाटक के मुख्य पात्र अपने जीवन का परिचय इस तरह से दर्षकों को कराया कि दर्षक उस पात्र के अहसास से जुड़ने लगे। नाटक के अंत में सभी दर्षकों ने खड़े होकर तालियां बजाई। इस नाटक में मंच पर रमेष शर्मा, प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, दीपांषु पांडे, प्रियंका आर्य, प्रदीप भटनागर, रामदयाल राजपुरोहित, अनिल बांदड़ा, रेणु जोषी, यजुर्व पाण्डे आदि ने दर्षकों को अपने अभिनय के दम पर नाटक के अंत तक कुर्सियों से चिपके रहने के लिए मजबुर कर दिया। इस नाटक के प्रदर्षन प्रभारी वसीम राजा ‘कमल’, प्रियांषु सोनी, अनिल बांदड़ा, प्रतीक प्रजापत आदि ने मंच के पीछे रह कर सहयोग किया। कार्यक्रम का मंच संचालन बीकानेर के रंगकर्मी और आरजे जयमयुर टाक ने किया।
इस समारोह के साक्षी बने राजेन्द्र जोशी, कमल रंगा, इकबाल हुसैन , अशोक जोशी सुरेश पुनिया, वणिज्ययिक कर विभाग के उपायुक्त रामेन्द्र शर्मा आदि रहे । नाटक के समापन पर सभी कलाकारों का सम्मान किया गया ।
कल 20 फरवरी को ‘‘रंग आनंद 2024’’ के इस समारोह में नव जन जागृति विचार कल्याण संस्था बीकानेर द्वारा नाटक ‘‘रूद्ध शैषव का मंचन स्थानीय टाऊन हाॅल में सांय 7 बजे किया जाएगा।

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