बीकानेर, 21 मई। कला व संस्कृति मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि संगीत, साहित्य और कला के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है। नाट्य विधा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है जो हमारी परम्पराओं से जुड़ा है।
डाॅ. कल्ला शुक्रवार को राजस्थान ललित कला अकादमी तथा क्यूरियो संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय आॅनलाईन चिल्ड्रन्स थिएटर वर्कशॉप ‘कोलाज आॅफ किलकारी’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चों को कला, संस्कृति और थियेटर की गतिविधियों से जोड़े रखने के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम आएंगे। इस वर्कशॉप के माध्यम से बच्चे घर बैठे रंगमच की बारीकियां सीख सकेंगे और अच्छे कलाकार के रूप में उभरेंगे।
डॉ. कल्ला ने कहा कि संस्था द्वारा पिछले 14 वर्षों से यह प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आॅनलाईन माध्यम से इसे आयोजित किया जा रहा है, यह सराहनीय हैै। उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को नई चीजें सीखने का अवसर मिलेगा, यह नाट्य कार्यशाला बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि आज करियर के क्षेत्र में नाट्य और रंगमंच की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण हो गई है। इसके मद्देनजर भी युवा इससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं के विकास के लिए सरकार भी कृत संकल्प है।
राजस्थान ललित कला अकादमी के डाॅ. रजनीश हर्ष ने बताया कि दस दिवसीय कार्यशाला के दौरान सिने कलाकार रघुवीर यादव और हिमानी शिवपुरी सहित राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी बच्चों को घर बैठे रंगकर्म की बारीकियां सिखाएंगे। इस दौरान प्रदशर्नी अधिकारी विनय शर्मा, क्यूरियो संस्थान के गगन मिश्रा भी ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद रहे।
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