महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हथियारों से लगाए निशाने:आतंकवाद पर लगाम लगाने भारत और सऊदी अरब सेना सीख रही नए हथियारों की तकनीक, 90 जवान शामिल
बीकानेर
भारत और सऊदी अरब की सेनाओं के बीच आज महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास हआ। दोनों सेनाओं ने परेड और झंडारोहण के बाद अत्याधुनिक हथियारों से निशाना लगाना शुरू किया। इस अभ्यास को “सदा तनसीक” नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य आधुनिक हथियारों की जानकारी देना और आतंकवाद पर लगाम लगाना है। भारत-सऊदी अरब संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सदा तनसीक’ का उद्घाटन महाजन में हुआ।
10 फरवरी तक होने वाले युद्धाभ्यास में 45 जवानों वाली सऊदी अरब की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज कर रही हैं। भारतीय सेना की टुकड़ी में भी 45 जवान है और जिसका प्रतिनिधित्व ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स (मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री) की एक बटालियन की ओर से किया जा रहा है।
इस अभ्यास के दौरान पुल बनाने सहित अनेक तकनीकी अभ्यास भी होंगे। (फाइल फोटो)
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खंड VII के तहत अर्ध रेगिस्तानी इलाके में संयुक्त अभियानों के लिए दोनों पक्षों के सैनिकों को प्रशिक्षित करना है। यह अभ्यास दोनों पक्षों को उप-पारंपरिक क्षेत्र में ऑपरेशन्स की तकनीक, प्रक्रियाओं और रणनीति में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। इससे दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच आपसी भाईचारा और मेलमिलाप विकसित करने में मदद मिलेगी।
इस अभ्यास में मोबाइल वाहन चेक पोस्ट की स्थापना, घेरा और खोज अभियान, हाउस इंटरवेंशन ड्रिल, रिफ्लेक्स शूटिंग, स्लिथरिंग और स्नाइपर फायरिंग शामिल होगी। यह अभ्यास दोनों टुकड़ियों को अपने बंधन को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा। यह अभ्यास सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने, रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने और दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
जमीनी और हवाई अभ्यास करेंगी दोनों सेना
“सदा तनसीक” अभ्यास के लिए दोनों सेनाओं के 90 सैनिक एक दिन पहले (रविवार) को ही महाजन पहुंच गए थे। दोनों देशों के जवान जमीनी और हवाई अभ्यास करेंगी। इस दौरान ड्रोन हमलों से बचाव, टैंक, मिसाइल, राइफल्स आदि हथियारों को परखा जाएगा। इसके अलावा सऊदी अरब के जवान भारतीय थल सेना के नए हथियारों के उपयोग के साथ-साथ इसकी इंजीनियरिंग पर भी काम करेंगे।
9 फरवरी तक चलेगा युद्धाभ्यास
9 फरवरी तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए सऊदी अरब से 45 सैनिक कुछ दिन पहले ही भारत पहुंच चुके थे। आठ फरवरी को दोनों देशों की सेना एक-दूसरे से सीखे गुर का प्रदर्शन करेंगी। यह अभ्यास दोनों पक्षों के अत्याधुनिक स्वदेशी रक्षा उपकरणों की क्षमताओं को उजागर करने, साझा सुरक्षा उद्देश्यों की पहचान करने, उन्हें प्राप्त करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास का तीसरा संस्करण है।
इंदिरा गांधी नहर पर भी पुल बनाने का अभ्यास इस दौरान होता है। (फाइल फोटो)
अन्य देशों के साथ भारत के अभ्यास
भारत अन्य देशों की सेना के साथ भी कई बार अभ्यास कर चुका है। इसमें शामिल है…
- भारत- अमेरिका- फरवरी 2021 में भारत और अमेरिका की सेना ने संयुक्त अभ्यास किया था। इसमें जम्मू-कश्मीर राइफल और अमेरिकी सेना के सवा सौ सैनिक शामिल हुए।
- भारत-फ्रांस- इन दोनों देशों की सेनाओं ने दो बाद युद्धाभ्यास किए हैं। पहला 2015- 2016 में शक्ति और दूसरा 2019 में हुआ था।
- भारत-रूस- 2013 और 2015 में दोनों देशों की सेनाओं ने युद्धाभ्यास किए हैं।
- भारत-ब्रिटेन- युद्धाभ्यास अजय वारयर 2017 में हुआ था। दोनों देशों के सौ से अधिक सैनिकों ने अभ्यास में भाग लिया।
- महाजन फायरिंग रेंज में भारत-ओमान के बीच युद्धाभ्यास अल नजाह 2022 में 13 दिन चला।
- भारत-यूएई के बीच जनवरी 2024 में युद्धाभ्यास डेजर्ट साइक्लोन हुआ, जिसमें दोनों देशों के 45-45 सैनिकों ने भाग लिया था।
जापान के साथ अभ्यास 25 फरवरी से
महाजन फायरिंग रेंज में ही भारत और जापान के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास “ धर्म गार्जियन” अगले महीने की 25 तारीख से शुरू होगा और 9 मार्च तक चलेगा। चीन के खतरे से निपटने के लिए जापान अपनी जमीनी ताकत बढ़ाना चाहता है। गौरतलब है कि भारतीय सेना इस महीने मिस्र, किर्गिस्तान के साथ विभिन्न स्थानों पर द्विपक्षीय युद्धाभ्यास कर रही है।
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