मामले पेंडिंग:बीकानेर को मिले हाईकोर्ट बेंच, संभाग के चारों जिलों की अदालतों में दो लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग; 30 प्रतिशत जाते हैं जोधपुर
- हाईकोर्ट बेंच के लिए 14 सालों से वकील कर रहे संघर्ष, अब मेघवाल के कानून मंत्री बनने से जागी उम्मीद
राज्य में बीकानेर, उदयपुर और कोटा संभाग लंबे समय से हाईकोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं। तीनों में से हाईकोर्ट बेंच की सबसे ज्यादा जरूरत बीकानेर संभाग के चारों जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और बीकानेर के लोगों को है। क्योंकि, सबसे ज्यादा 2,11,321 मामले बीकानेर संभाग के न्यायालयों में पेडिंग हैं और करीब 70,000 दिवानी, फौजदारी और अन्य मामले जोधपुर हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
इसके अलावा जिलों की जोधपुर से दूरी भी ज्यादा है जिससे आमजन को परेशानी होती है। पाकिस्तान बॉर्डर से लगते श्रीगंगानगर जिले के हिंदुमलकोट की दूरी तो 543 किमी है। वर्ष 2009 से वकील बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन, बीकानेर को हाईकोर्ट बेंच नहीं मिल पा रही है। बीकानेर के भाजपा सांसद अर्जुनराम मेघवाल के कानून मंत्री बनने के बाद पहली बार बीकानेर आने पर मंगलवार को वकील हाईकोर्ट बेंच शुरू कराने के लिए उनसे मिलेंगे। गौरतलब है कि राजस्थान में केवल जयपुर-जोधपुर में ही हाईकोर्ट है। सस्ते, सुलभ न्याय के लिए तहसील स्तर पर न्यायालयों का विकेन्द्रीकरण किया जा रहा है। लेकिन बड़ी जरूरत के बावजूद संभाग स्तर पर होई कोर्ट की बेंच नहीं खोली जा रही।
राजनीतिज्ञों को बीकानेर संभाग में हाईकोर्ट बेंच की जरूरत को समझना चाहिए- बीएस राठौड़
बार एसोसिएशन बीकानेर के अध्यक्ष बिहारी सिंह राठौड़ का कहना है कि संभाग मुख्यालय में हाईकोर्ट बेंच की सख्त आवश्यकता है। राजनीतिज्ञों को यह समझना चाहिए और जनता के हित में शीघ्र हाईकोर्ट बेंच शुरू करनी चाहिए। पांच मार्च, 12 को भारत सरकार के तत्कालीन विधि मंत्री ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया था। बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच की सबसे ज्यादा जरूरत के साथ ही पूरा सेटअप भी है। शानदार बिल्डिंग और अन्य सुविधाएं पहले से हैं। देश के कानून मंत्री बीकानेर में होने से वकीलों का उत्साह बढ़ा है और 24 साल पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद है।
2009 में 109 दिन चला आंदोलन
बीकानेर के वकील बार एसोसिएशन बीकानेर के बैनर तले हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर वर्ष 2009 से आन्दोलनरत हैं। शुरू में आन्दोलन 109 दिन तक लगातार चला। इसमें धरना-प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन धरना, वाहन रैली, पैदल मार्च, मशाल जुलूस जैसे कार्यक्रम हुए जिसमें बीकानेर की जनता ने भी सहयोग किया। वर्ष, 13 में करीब 21 दिन अदालती कार्यों का बहिष्कार किया गया। उसके बाद बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से आन्दोलन स्थगित किया और प्रत्येक माह की 17 तारीख को सांकेतिक हड़ताल रखने का फैसला लिया जो आज भी जारी है। वकील लगातार भारत सरकार के विधि व न्याय मंत्री, राज्य के सीएम और विधि मंत्री से मिलते रहे हैं।
ग्रामीण स्तर पर न्यायालय तो संभाग स्तर पर हाईकोर्ट बेंच क्यों नहीं- आरके दास गुप्ता
वरिष्ठ अधिवक्ता रामकृष्ण दास गुप्ता का कहना है कि सरकार ग्रामीण स्तर पर विकेन्द्रीकरण कर सस्ता, सुलभ न्याय दिलाने का प्रयास कर रही है, तो संभाग स्तर पर हाईकोर्ट बेंच क्यों नहीं खोली जा रही। इससे आमजन को जल्दी न्याय तो मिलेगा ही, पक्षकारों को आर्थिक मार भी नहीं झेलनी पड़ेगी। अभी बीकानेर संभाग के करीब 30 प्रतिशत काम जोधपुर हाईकोर्ट में होते हैं। फौजदारी, दीवानी मामलों के अलावा रिट के आर्टिकल 226, 227 में सीधा जोधपुर हाईकोर्ट जाना पड़ता है। बार-बार तारीखें, वकीलों की फीस, समय की बर्बादी के कारण व्यक्ति ज्यादा परेशान होता है।
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