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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जमीनी हाल जानने जेसीईओ सौरभ स्वामी दलबल सहित बीकानेर में ::एम्पेनल्ड निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर दिए निर्देश

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बीकानेर, 29 नवंबर। राज्य सरकार की फ्लैगशिप मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन का निरीक्षण करने योजना के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईएएस सौरभ स्वामी दलबल सहित दो दिवसीय सघन निरीक्षण अभियान में बीकानेर पहुँचे। दल द्वारा पहले दिन डॉ तनवीर मलावत अस्पताल तथा एमएन हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया। अस्पताल में भर्ती समस्त मरीजों से चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मिल रही पूर्णतः निशुल्क व कैशलेस सेवाओं की पड़ताल की गई। उन्होंने अस्पताल के प्रबंधन के साथ बैठक कर आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। जेसीईओ सौरभ स्वामी ने अधिकाधिक आमजन को मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना का लाभ देने के लिए व्यवस्था को सुगम व सुलभ बनाने के लिए योजना से सम्बंधित आईईसी व ब्रांडिंग को निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार करवाने के निर्देश दिए। निरीक्षण दल में शामिल योजना के संभाग नोडल अधिकारी नवल किशोर व्यास, कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि वर्धन आजाद व डॉ आयुष वर्मा ने भर्ती रहकर इलाज ले रहे प्रत्येक मरीज की फाइल खंगाली। प्रत्येक लाभार्थी से गहन पूछताछ की और उपस्थित आमजन को योजना की जानकारी भी दी।
दल द्वारा पहले दिन की रिपोर्ट सहित जिला कलेक्टर नमित मेहता के साथ बैठक कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया। कलेक्टर मेहता ने योजना अंतर्गत लापरवाही करने अथवा योग्य लाभार्थी को सेवा निशुल्क ना देने वाले निजी अस्पतालों पर पेनल्टी चार्ज करने की बात कही। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ ओपी चाहर, योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ लोकेश गुप्ता व जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद रहे। दल द्वारा मंगलवार को भी विभिन्न सरकारी-निजी एंपेनल्ड अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही सभी एंपेनल्ड अस्पतालों के साथ बैठक भी रखी गई है।

जांच के ₹8000 करवाए वापिस
निरीक्षण के दौरान डीटीएम अस्पताल के सीसीयू में भर्ती सरदारशहर के एक लाभार्थी से स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल करने पर पता चला कि हृदय रोग से संबंधित एनजीओप्लास्टी पूर्णता निशुल्क की गई परंतु भर्ती होने से चार दिवस पूर्व शुरुआती जांच के लिए उस समय लगभग 8000 रुपए व्यय हुए थे। जेसीईओ स्वामी ने बताया कि योजना के अंतर्गत भर्ती होने के 5 दिन पहले तथा 15 दिन बाद तक के सभी व्यय भी निशुल्क व कैशलेस शामिल है। इस प्रकार प्रबंधन से बात कर लाभार्थी को तत्काल ₹8000 का रिफंड करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार एमएन अस्पताल में 2 भर्ती मरीज मौके से नदारद मिले जिसकी पड़ताल का जिम्मा भी प्रबंधन को दिया गया।

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