मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर बैन:भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था; शाह बोले- देश के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
गृहमंत्री अमित शाह ने पोस्ट करके संगठन पर बैन लगाने की जानकारी दी।
केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश विरोधी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर UAPA के तहत बैन लगाया गया है।
शाह ने लिखा- मसरत आलम ग्रुप के सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।
उन्होंने लिखा- सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर पोस्ट करके जानकारी दी।
संगठन बनाने वाला जेल में है
मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर संगठन को मसरत आलम भट्ट ने बनाया था। वो 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 50 साल के मसरत पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग केस में मामला दर्ज किया है। 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर देश विरोधी प्रदर्शनों में उसकी कथित भूमिका के चलते उसे गिरफ्तार किया गया था। उस पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आलम के खिलाफ 27 FIR दर्ज हैं। उसके खिलाफ 36 बार PSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। मार्च 2015 में, मसरत आलम को रिहा कर दिया गया था, जिससे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के खिलाफ विरोध शुरू हो गया, जो उस समय BJP के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल थी।
मसरत आलम भट्ट जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने से संबंधी कई आरोपों में 2015 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
कश्मीर में देश विरोधी प्रदर्शनों में शामिल था मसरत
श्रीनगर में सैयद अली शाह गिलानी के स्वागत के लिए एक रैली में कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगे थे। उस समय की मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार ने मसरत को देशद्रोह और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया था।
इससे पहले मसरत आलम ने 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 120 से अधिक कश्मीरी युवा मारे गए थे।
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