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राजस्थान का जवान चाइना बॉर्डर पर शहीद:पिता की पार्थिव देह के पास बैठकर बेटी बोलती रही- पापा…. उठिए, मुझसे बात करिए

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राजस्थान का जवान चाइना बॉर्डर पर शहीद:पिता की पार्थिव देह के पास बैठकर बेटी बोलती रही- पापा…. उठिए, मुझसे बात करिए

बानसूर (कोटपूतली-बहरोड़

शहीद पति के अंतिम दर्शन करने के दौरान वीरांगना बेहोश हो गई, जिसे महिलाओं ने संभाला। - Dainik Bhaskar

शहीद पति के अंतिम दर्शन करने के दौरान वीरांगना बेहोश हो गई, जिसे महिलाओं ने संभाला।

राजस्थान का जवान अरुणाचल प्रदेश के चाइना बॉर्डर पर शहीद हो गया। वह कोटपूतली-बहरोड़ के बानसूर का रहने वाला था। वर्तमान में उसकी तैनाती बलवा पोस्ट (अरुणाचल प्रदेश) पर थी। घटना 4 अप्रैल की है। रविवार सुबह पार्थिव देह शहीद के गांव पहुंची तो जयकारों से पूरा इलाका गूंज उठा। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटी अमीषा (19) तो पिता की पार्थिव देह के पास बैठ गई और कहती रही- पापा… उठिए। मुझसे बात करिए। बड़ी मुश्किल से उसे संभाला गया।

अंतिम दर्शनों के बाद पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम में लाया गया।

अंतिम दर्शनों के बाद पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम में लाया गया।

हॉस्पिटल में ली अंतिम सांस
सेना के 5 ग्रेनेडियर बटालियन में तैनात सूबेदार गिर्राज प्रसाद यादव (46) मूलरूप से गांव माजरा अहीर (बानसूर) के रहने वाले थे। गिर्राज की बेटी अमीषा ने कहा- सेना के अधिकारियों ने बताया कि पिता को ऊंचाई पर स्थित बलवा पोस्ट पर सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इसके बाद सैन्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

बेटी अमीषा यादव ने अपने शहीद पिता को अंतिम विदाई दी।

बेटी अमीषा यादव ने अपने शहीद पिता को अंतिम विदाई दी।

जवानों ने सलामी दी
तिरंगा यात्रा के घर पहुंचने पर शहीद का बेटा शोहित (25) बेसुध हो गया। वीरांगना अंजुलता (44) बार-बार गश खाकर गिर रही थी। अंतिम दर्शन के बाद शहीद को सेना के जवानों ने सलामी दी। पार्थिव देह को करीब 9:30 अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग जयकारे लगाते हुए चले।

अंजुलता अपने शहीद पति गिर्राज प्रसाद के अंतिम दर्शन करने के दौरान बेसुध हो गई।

अंजुलता अपने शहीद पति गिर्राज प्रसाद के अंतिम दर्शन करने के दौरान बेसुध हो गई।

तिरंगा यात्रा निकाली
शहीद गिर्राज प्रसाद का शव चार दिन बाद रविवार को उनके गांव पहुंचा। पूरे गांव में मातम छा गया है। पार्थिव देह सुबह 8 बजे हरसौरा थाना क्षेत्र ​​​​​​के ​आलनपुर पहुंची। यहां से ग्रामीणों ने शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली। सुबह करीब 8:30 बजे 2 किलोमीटर दूर गांव माजरा तक यात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। इस दौरान भारत माता और शहीद गिर्राज प्रसाद अमर रहे के जयकारे लगाते रहे। इस दौरान शहीद गिरिराज प्रसाद के घर पूर्व मंत्री शकुंतला रावत, भाजपा नेता महेंद्र यादव, DSP सत्यनारायण मीणा, हरसौरा थानाधिकारी प्रदीप यादव समेत कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि पहुंचे।

तिरंगा यात्रा के साथ बड़ी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे।

तिरंगा यात्रा के साथ बड़ी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे।

1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे
शहीद के भाई ने बताया- गिर्राज प्रसाद अक्टूबर 1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। एक बेटा शोहित यादव (25), बेटी अमीषा यादव है। उनके एक बेटा और एक बेटी है। गिर्राज प्रसाद चार-भाई बहनों में तीसरे नंबर के थे। सबसे बड़े भाई रोहिताश यादव दिव्यांग है। छोटा भाई भूपसिंह हरसौरा में प्रावइेट स्कूल चलाते हैं।

बेटा शोहित यादव पिता की पार्थिव देह देखकर फफक पड़ा।

बेटा शोहित यादव पिता की पार्थिव देह देखकर फफक पड़ा।

तीन अप्रैल को पत्नी से हुई थी फोन पर बात
परिवार ने बताया कि 3 अप्रैल को गिर्राज प्रसाद ने पत्नी को फोन किया था। सब कुछ ठीक लग रहा था। घर-परिवार, बच्चों की पढ़ाई और खेती के बारे में पूछा था। एक महीने पहले ही छुट्‌टी लेकर गांव आए थे।

तस्वीरों में देखिए शहीद का अंतिम सफर…

शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही बेसुध बेटे शोहित को लोगों ने संभाला।

शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही बेसुध बेटे शोहित को लोगों ने संभाला।

शहीद के दिव्यांग भाई रोहिताश को रिश्तेदारों और परिजनों ने संभाला।

शहीद के दिव्यांग भाई रोहिताश को रिश्तेदारों और परिजनों ने संभाला।

शहीद के पार्थिव देह गांव पहुंचने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में महिलाएं उनके घर पहुंच गईं।

शहीद के पार्थिव देह गांव पहुंचने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में महिलाएं उनके घर पहुंच गईं।

शहीद की पार्थिव देह गांव माजरा अहीर पहुंची। इस दौरान तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

शहीद की पार्थिव देह गांव माजरा अहीर पहुंची। इस दौरान तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

आलनपुर तिराहे से दो किलोमीटर दूर शहीद के घर तक बाइक से तिरंगा यात्रा निकाली गई।

आलनपुर तिराहे से दो किलोमीटर दूर शहीद के घर तक बाइक से तिरंगा यात्रा निकाली गई।

शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचते ही भीड़ लग गई।

शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचते ही भीड़ लग गई।

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