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राजस्थान का ‘सिरदर्द’ लॉरेंस बिश्नोई गैंग, खात्मे के लिए IPS उमेश मिश्रा और दिनेश एमएन ने बनाया स्पेशल प्लान ! पढ़े स्पेशल ख़बर

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राजस्थान का ‘सिरदर्द’ लॉरेंस बिश्नोई गैंग, खात्मे के लिए IPS उमेश मिश्रा और दिनेश एमएन ने बनाया स्पेशल प्लान

राजस्थान के कई बड़े कारोबारियों को जान से मारने की धमकियां देकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग करोड़ों रुपये मांग रहा है। रुपये नहीं देने पर बेखौफ होकर फायरिंग की घटना को भी अंजाम दिया जाता है। इसी को देखते हुए IPS उमेश मिश्रा और दिनेश एमएन की जोड़ी ने खास प्लान बनाया है।

जयपुर: राजस्थान पुलिस के दो आईपीएस अफसरों की जोड़ी अब उत्तर भारत के सबसे बड़े आपराधिक गिरोह को खत्म करने में जुटी हैं। यह जोड़ी है डीजीपी उमेश मिश्रा और एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की। राजस्थान कैडर के दबंग आईपीएस दिनेश एमएन को कौन नहीं जानता। वे जिन-जिन जिलों में एसपी रहे, वहां के दुर्दांत अपराधी थर-थर कांपते थे। सवाई माधोपुर का खूंखार डकैत रामसिंह हो या कुख्यात गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह और सोहराबुद्दीन। आईपीएस दिनेश एमएन ने डकैत रामसिंह, गैंगस्टर आनन्दपाल और सोहराबुद्दीन जैसे कई अपराधियों को ठिकाने लगा दिया। पिछले कुछ सालों में उत्तर भारत के राज्यों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। लॉरेंस की गैंग बड़े कारोबारियों को जान से मारने की धमकी देकर करोड़ों रुपये वसूलती हैं। लॉरेंस की गैंग का नेटवर्क राजस्थान में भी फैल चुका है।

DGP उमेश मिश्रा और ADG दिनेश एमएन की मजबूत जोड़ी राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा खुफिया तंत्र के एक्सपर्ट हैं। मिश्रा कई सालों तक इंटेलीजेंस में आईजी और एडीजी रह चुके हैं। अब वे पुलिस विभाग के मुखिया हैं। इधर साढ़े चार साल तक एंटी करप्शन ब्यूरो में रहते हुए भ्रष्ट अफसरों को सलाखों के पीछे भेजने वाले आईपीएस दिनेश एमएन एडीजी क्राइम बन गए हैं। पूरे प्रदेश के अपराध को नियंत्रित करने और अपराधियों पर एक्शन लेने का जिम्मा आईपीएस दिनेश एमएन पर है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग राजस्थान के लिए सिरदर्द बन चुकी है। डीजीपी उमेश मिश्रा और एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने लॉरेंस जैसे गैंगस्टर्स को ठिकाने लगाने का स्पेशल प्लान बना लिया है। 21 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ, दिल्ली और गुजरात के एडीजी स्तर के अधिकारियों की जयपुर पुलिस मुख्यालय में बैठक ली गई। इस बैठक में संगठित रूप से गिरोह चलाकर अपराध करने वालों पर शिकंजा कसने की रणनीति साझा की गई।


आगरा से शुरू हुई धरपकड़ 28 जनवरी की रात को जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने जयपुर जी क्लब पर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया तो पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई। पुलिस की स्पेशल टीम ने तुरंत बदमाशों का पीछा किया। अगले ही दिन आगरा में दबोच लिया। फायरिंग की घटनाओं का अंजाम देने वाले भूपेन्द्र गुर्जर, प्रदीप शुक्ला, ऋषभ और एक नाबालिग को तुरंत पकड़ लिया गया था। जब इन बदमाशों ने पुलिस पर हमला करके फरार होने की कोशिश की तो पुलिस ने तीन बदमाशों के पैरों में गोली मार दी थी। इन गुर्गों से पूछताछ के बाद गैंग के कई सदस्यों के बारे में जानकारी मिली। जी क्लब पर फायरिंग की जिम्मेदारी लेने वाले रितिक बॉक्सर की बहन लवीना सहित एक दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है।


अब रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ निशाने पर राजस्थान पुलिस ने इंटेलीजेंस और तकनीकी जांच के जरिए लॉरेंस बिश्नोई रितिक बॉक्सर का पता लगा लिया था। रितिक नेपाल में छिपा था। जैसे ही पुलिस को पता लगा कि फायरिंग की एक और घटना को अंजाम देने के लिए रितिक बॉक्सर जयपुर आने वाला है, उसी समय पुलिस की टीम नेपाल बॉर्डर पहुंच गई। पांच दिन के इंतजार के बाद 18 मार्च 2023 को रितिक बॉक्सर नेपाल से रक्सौल बॉर्डर से भारत की सीमा में प्रवेश कर रहा था। पुलिस ने तत्काल उसे दबोच लिया। एडीजी दिनेश एमएन की टीम ने गैंगस्टर रोहित गोदारा का भी पता लगा लिया है। रोहित गोदारा ने जून 2022 में दिल्ली से फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाया। रोहित ने पवन कुमार नाम से फर्जी दस्तावेज से दिल्ली में पासपोर्ट बनवा लिया। पासपोर्ट बनने के तुरंत बाद वो दुबई भाग गया। राजस्थान पुलिस अब रोहित को दुबई से भारत लाने की तैयारी में जुट गई है। साथ ही लॉरेंस के बड़े गुर्गे गोल्डी बराड़ तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।


राजू ठेहट के हत्यारों को भी तुरंत दबोचा था राजस्थान पुलिस गैंगवार के खिलाफ अब तुरंत एक्शन ले रही है। गत वर्ष 3 दिसंबर 2022 को सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट को उसी के घर के बाहर चार बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। दिन दहाड़े गैंगवार की इस घटना के तुरंत बाद डीजीपी उमेश मिश्रा ने हमलावरों को हर हालत में दबोचने के निर्देश दिए। सीकर के तत्कालीन एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने स्पेशल टीमों का बनाकर हमलावरों के पीछे लगा दिया था। हत्या की घटना के कुछ ही घंटों बाद सीकर जिले की सीमा पार करने से पहले ही चारों बदमाशों को दबोच लिया। इस दौरान हमलावरों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की थी। पुलिस ने भी जबावी कार्रवाई करते हुए चारों बदमाशों के पैरों में गोली मार दी थी। अपराधियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस तुरंत और सख्त कार्रवाई कर रही है। ऐसे में यह तय है कि अब लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क की ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकेगा।


25 से ज्यादा गुर्गे और 300 से ज्यादा फ़ॉलोअर्स गिरफ्तार लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों की धरपकड़ के लिए पुलिस की ओर से प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस की ओर से 1 लाख रुपये के इनामी बदमाश रोहित गोदारा के नजदीकी हरिओम रामावत, कुलजीत राणा और आशीष विश्नोई सहित 25 से ज्यादा गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लॉरेंस बिश्नोई सहित कई गैंगस्टर्स सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। पुलिस की ओर से ऐसे युवाओं को चिन्हित करके गिरफ्तार किया जा रहा है, जो गैंगस्टर की ओर से डाली गई पोस्ट को लाइक और शेयर करते हैं। गैंगस्टर की पोस्ट को सोशल मीडिया पर समर्थन करने वालों को लगातार आगाह किया जा रहा है। जो लोग समझाइश से नहीं मानते हैं, उन्हें हवालात में डाला जा रहा है। अब तक 300 से ज्यादा फ़ॉलोअर्स को गिरफ्तार किया जा चुका है।


अपराधियों को खुली हवा में सांस नहीं लेने देंगे: दिनेश एमएन एडीजी क्राइम दिनेश एमएन का कहना है कि अपराधियों को खुली हवा में सांस लेने का हक नहीं है, जो आदतन अपराधी है और जिनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। उनकी धरपकड़ प्रदेश भर में की जा रही है। आदतन अपराधी जो जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। उनकी लगातार धरपकड़ की जा रही है। अपराधियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को क्लब करके फिर से उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जा रहा है, ताकि वे अधिक से अधिक समय तक जेल में रहें। अगर अपराधी जेल से बाहर रहेंगे तो वे फिर से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे। उन पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। 

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