जयपुर। गृह विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आज दिनांक – 29–07-2022 को रूसा 2.0 प्रोजेक्ट 12 “स्ट्रैटेजीज ऑन इंस्टिट्यूशनल फूड वेस्ट मैनेजमेंट” के तहत एक जागरूकता अभियान सेन्ट्रल पार्क, जयपुर में आयोजित किया गया ।
“इस जागरूकता अभियान का शीर्षक“ स्टॉप फूड वेस्ट, मेक कंपोस्ट” था।इसके द्वारा जन साधारण को खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकने का संदेश दिया गया एवं साथ ही अनुपयोगी खाद्य पदार्थों द्वारा वर्मी कंपोस्ट बनाने के बारे में जानकारी दी।
इस प्रोग्राम की आयोजक प्रो.डॉ.सुनीता अग्रवाल हैड डिपार्टमेंट ऑफ होम साइंस ने कार्यक्रम मैं उपस्थित सभी लोगों को खाद्य अपशिष्ट से होने वाले नुकसानों के बारे में अवगत किया एवं खाद्य अपशिष्ट से कम्पोस्ट बनाने के लिए सभी को जागरूक किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि गण के रूप में श्री जितेन्द्र श्रीमाली, चेयरमैन, बिल्डिंग कमिटी, नगर निगम ग्रेटर, जयपुर श्री डॉक्टर नीरज माथुर, डायरेक्टर इंडियन ट्रेलब्लेजर, रिटायर्ड प्रोफेसर बीना अग्रवाल, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय राजस्थान विश्वविद्यालय, रिटायर्ड प्रोफेसर सुशीला शर्मा आचार्य, हिंदी विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय, एवं रिटायर्ड प्राचार्या सरिता भारद्वाज गवर्नमेंट कॉलेज गंगापुरसिटी रहे। अभियान के अंतर्गत विभिन्न चित्रित कैप्स, टीशर्ट्स एवं पंपलेट्स वितरित किए गए। पंपलेट्स में कंपोस्ट बनाने की संपूर्ण विधि का वर्णन चित्रों की सहायता से किया गया था, साथ ही विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनीता अग्रवाल के द्वारा कंपोस्ट विधि को पार्क में उपस्थित सभी लोगों को सरल भाषा में समझाया गया, एवं इससे लोगों ने खाद्य अपशिष्ट न करने की प्रेरणा लेते हुए उपयुक्त अभियान को शुभकामनाएं देकर इस अनूठी पहल की प्रशंसा की। विभिन्न न्यूज़ चैनल्स एवं यूट्यूबर्स द्वारा इस कार्यक्रम की लाइव प्रस्तुतीकरण की गई। इस दौरान पार्क में रैली निकाली गई तथा विभिन्न जन समूहों को जागरूक कर, लगभग 100 से 150 आम नागरिको तक स्टॉप फूड वेस्ट,मेक कंपोस्ट मैसेज पहुंचाया गया। कार्यक्रम के अंत में श्रीमान जितेंद्र जी श्रीमाली, डॉ नीरज माथुर, रिटायर्ड प्राचार्या प्रोफेसर बीना अग्रवाल, रिटायर्ड प्राचार्या सुशीला शर्मा तथा रिटायर्ड प्राचार्या सरिता भारद्वाज समेत सभी ने इस अनूठी पहल से प्रेरणा लेकर इसकी प्रशंसा की, एवं समय समय पर ऐसे कार्यक्रम करते रहने के लिए अभियान कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य कार्यकर्ता है, श्री कमलेश हरितवाल, श्री कुशल अग्रवाल,श्री श्रुतीश डंडिया, श्री श्लोक श्रीमाली द्वारा कार्यक्रम के समस्त कार्य का कुशलता पूर्वक संचालन किया गया।
प्रोजेक्ट की अन्वेष्किा प्रो. सुनीता अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट में हम खाध अपशिष्ट निस्तारण की विभिन्न तकनीको पर कार्य किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत अभी तक सूचना एवं संचार के साधन विकसित कर उनका डिजिटलाइजेशन किया गया है। राजस्थान विश्वविद्यालय के होस्टल से खाध अपशिष्ट की मात्रा का महीने भर की मात्रा का माप लिया गया है। अब अधिक मात्रा के खाध अपशिष्ट निस्तारण के उपयुक्त स्ट्रैटेजी का चुनाव कर होस्टल में खाद बनायी जायेगी।
इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत आने वाले समय में इस प्रकार जागृति अभियान को बढ़ाया जाएगा एवं विभिन्न पाठशालाओं में भी बच्चो को खाध अपशिष्ट निस्तारण के चरणों में वर्मीकम्पोस्ट बनाने के बारे में जागरूक किया जाएगा।
आज वितरित किए गए पोस्टर में प्रोजेक्ट का ई मेल भी दिया गया हैं जो जागरूक व्यक्ति सम्पर्क करेंगे उनके लिए आने वाले समय में विधि पर्दशन भी कराया जाएगा एवं आवश्यकतानुसार उनको घर पर वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए आवश्यक साम्रगी भी उपलब्ध करायी जाएगी।
प्रो. सुनीता अग्रवाल के अनुसार यह एक “Waste to Health” अभियान हैं जिसमे रसोइघर के कूड़ से जैविक खाद बनाने के पश्चात् रसोई उधान में विभिन्न सब्जियाँ उगाकर जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए। जिससे हर घर में जैविक सब्जियाँ उपलब्ध हो सके। यह जैविक सब्जियाँ रसायनमुक्त होती हैं एवं स्वास्थ्यवर्धक होती हैं। अतः घर-घर कम्पोस्ट एवं उत्तम स्वास्थ्य ही इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य हैं।
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