राजीव गांधी जल संचय योजना के द्वितीय चरण में
2 लाख जल संग्रहण कार्य कराए जाएंगे
-मुख्य सचिव
जयपुर, 20 अक्टूबर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान राजीव गांधी जल संचय योजना के द्वितीय चरण में 352 पंचायत समितियों के 4 हजार 500 गांवों में 2 हजार 600 करोड़ रूपये की लागत से 2 लाख जल संग्रहण एवं संरक्षण कार्य कराए जाएंगे।
श्रीमती शर्मा गुरूवार को सचिवालय में योजना पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी जल संचय योजना ने वर्षा जल के अधिकतम संग्रहण संरक्षण एवं उपलब्ध जल का न्यायोचित उपयोग करने के परिप्रेक्ष्य में नए आयाम स्थापित किए हैं। योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत किए गए वर्षा जल संग्रहण कार्यों से भूजल तालिका में बढोत्तरी हुई है और किसानों को कृषि कार्य हेतु पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है।
ग्रामीण विकास विभाग की शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने योजना के कार्यक्षेत्र व फंडिंग पैैटर्न पर मुख्य सचिव को अवगत कराया। पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से योजना के प्रथम चरण की उपलब्धियों व द्वितीय चरण की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।
श्री जैन ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में अगस्त, 2019 से जून, 2022 तक 3931 गांवों में 1557 करोड़ रूपये की लागत से लगभग 1 लाख 31 हजार जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है। टांके, एनिकट, चैक डैम इत्यादि संरचनाओं के निर्माण में 94 प्रतिशत व बजट खर्च में 89 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि समस्त कार्याे की जियो-टेगिंग भी की गई है, जिससे पोर्टल के माध्यम से आमजन जानकारी प्राप्त कर सकते है।
पंचायतीराज सचिव ने बताया कि योजना के द्वितीय चरण के संबध में 1 सितम्बर, 2022 को गाइडलाइन्स जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग प्री-सर्वे डाटा कलक्शन, कार्ययोजना व जियो-टेगिंग कार्य 15 नवम्बर तक सुनिश्चित करें। द्वितीय चरण में वर्ष 2024 तक 20 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को कवर किया जाएगा।
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