राज्यसभा चुनाव में पहली बार नेटबंदी, सीएम अशोक गहलोत खुद बने पोलिंग एजेंट
मतदान से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि फिर कहूंगा कि कम्फर्टेबली तीनों सीट हम जीत रहे हैं। उनको अपना घर संभालना चाहिए क्योंकि भगदड़ मची हुई वहां पर है। इन्होंने जिस प्रकार से दूसरा उम्मीदवार खड़ा किया, उसको उनकी पार्टी के विधायकों ने ही पसंद नहीं किया। अनावश्यक हॉर्स ट्रेडिंग से दूसरा उम्मीदवार जीतने की क्या तुक थी? इस बार भी भाजपा मात खाएगी। अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पोलिंग एजेंट बने हैं। कहा जा रहा है कि क्रॉसवोटिंग के डर से सीएम ने यह कदम उठाया है।
वहीं सबसे पहले जिन विधायकों पर सबसे अधिक क्रॉसवोटिंग की आशंका थी, उनसे पहले वोट डलवाया गया है। बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों को भी पहले मतदान करवाया है। राज्यसभा चुनावों की वोटिंग के बीच भाजपा विधायकों की बाड़ेबंदी वाले क्षेत्र में इंटरनेट बंद करने पर भी सियासी विवाद हो गया।
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