राम जन्मभूमि मंदिर की नई तस्वीरें:राम नवमी को दोपहर 12 बजे भगवान के ललाट पर पड़ेगी सूर्य की पहली किरण
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं। ये फर्स्ट फ्लोर की हैं। ग्राउंड फ्लोर का छत बनने के बाद फर्स्ट फ्लोर के ऊपर खंभा बनाया जा रहा है। फर्स्ट फ्लोर पर ही राम दरबार बनाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारो भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे।
मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है, जिसका आकार 800 गुणा 800 मीटर है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया, साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है।
300 से 400 लोग एक साथ राम लला के दर्शन कर सकते हैं।
यह फोटो राम मंदिर में गर्भगृह के बाहर मंडप की है। मंडप में आकर्षक नक्काशी की गई है।
मिश्रा ने कहा, ग्राउंड फ्लोर पर फर्श, लाइट और कुछ नक्काशी होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा।
गर्भ गृह में लगे हैं व्हाइट मार्बल के 6 खंभे
नागर शैली पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जहां भगवान राम विराजमान होंगे उसके चारों तरफ अलौकिक नक्काशी की गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप हैं। मंडप राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा। मुख्य मंडप से भगवान की पताका फहराएंगे। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा बनकर तैयार है।
मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है।
मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में 166 खंभों पर मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह में लगे 6 खंभे सफेद संगमरमर के हैं, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंडस्टोन से बनाए गए हैं।
साल 2025 में बनकर तैयार होगा राम मंदिर
रामलला के दर्शन करने पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां बननी हैं। इनमें से 24 सीढ़ियां बन गई हैं। अब राम मंदिर का भव्य स्वरूप दूर से ही दिखाई देने लगा है।
गर्भगृह सहित ग्रांउड फ्लोर का ढांचा और छत तैयार है। आंतरिक सज्जा का काम चल रहा है। मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का भी काम शुरू कर दिया गया है।
राम नवमी पर होगा भगवान का जन्म उत्सव
कामेश्वर ने बताया, साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के दिन भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। राम जन्म के समय ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी।
इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। खगोल शास्त्र के लोग इसे लेकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के जन्म के समय बहुत तेज धूप होती है। इसके साथ मंद ,शीतल हवाएं सरयू के जल को स्पर्श करते हुए भगवान के पास पहुंचती है। सरयू में लहरें तेज हो जाती हैं।
25 हजार यात्रियों के लिए बनेगी धर्मशाला और होटल राम मंदिर ट्र्स्ट के चंपत राय ने बताया, ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के बाद भक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए मंदिर व आसपास यात्री सुविधाओं का निर्माण शुरू कर दिया है। इसमें होटल, रेस्तरां, डॉरमेट्री और धर्मशाला बनाई जाएगी।
25 हजार यात्रियों के ठहरने और सुविधाओं से जुड़े केंद्र का निर्माण चल रहा है। रामलला तक पहुंचने के लिए 700 मीटर लंबा रास्ताहै। इस रास्ते पर फीनिशिंग चल रही है।
- 10 तस्वीरों में देखिए राम मंदिर निर्माण कार्य
यात्रियों के ठहरने और उनकी मूलभूत सुविधाओं से जुड़े केंद्र का निर्माण चल रहा है। 20 फीट ऊंची दीवार और 166 पिलर खड़े कर दिए गए हैं।
यह तस्वीर राम मंदिर के गर्भगृह निर्माण के सामने की है। इसमें प्रथम तल का निर्माण आकार लेते हुए दिख रहा है। भगवान राम लला के मंदिर का गर्भगृह अष्ट कोणीय होगा।
मंदिर के बाहर से राम मंदिर के स्तंभ आकार लेते दिखाई दे रहे हैं। दीवारें मकराना के सफेद संगमरमर से बनाई जा रही हैं।
छत के करीब 200 बीम की नक्काशी हो चुकी है। बीम की तराशी रामसेवक पुरम और रामघाट स्थित कार्यशाला में हो रही है।
मंदिर में अयोध्या के सफेद मार्बल पर नक्काशी की जा रही हैं। इसमें बारीक से बारीक डिजाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
राम मंदिर का निर्माण कार्य समय के अंदर पूरा करने के लिए कार्य तेजी से चल रहा है।
भूतल पर कुल 166 खंभे लगाए गए हैं। इनमें 6 खंभे अष्टकोण के गर्भ गृह के हैं। शेष सभी 160 खंभे पिंक सेंडस्टोन जयपुर के हैं।
मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है।
गर्भगृह की दीवार और छत का काम पूरा हो चुका है। फर्श का काम अभी किया जाना है।
परकोटा कुल 8 एकड़ का है। जिसका आकार 800 गुणा 800 मीटर का है।
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