हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर सुधि राजीव तथा महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित होगे मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व निदेशक प्रोफेसर पीएस वर्मा होगे विशिष्ट अतिथि*
शैक्षिक गुणवत्ता और उन्नयन किसी भी शिक्षा संस्थान और शिक्षक का सर्वोच्च उद्देश्य है।यह उद्देश्य केवल संस्था के उन्नयन या शिक्षा के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि समाज, संस्कृति के विकास के लिए भी उतना ही अपरिहार्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी दृष्टि और उद्देश्य से देश के सभी शिक्षण संस्थानों में लागू की गई है। NAAC प्रत्यायन में लगातार तीसरी बार A ग्रेड प्राप्त राज्य के एकमात्र संस्थान राजकीय डूंगर महाविद्यालय में दिनांक 17-18 अगस्त से प्रारंभ होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी में इसी विषय पर चिंतन मनन होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन प्रक्रिया एवम चुनौतियों पर इस तरह की यह प्रथम संगोष्ठी होगी जिसमें राज्य के दो विश्विद्यालयों के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित , प्रो सुधि राजीव तथा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व निदेशक पीएस वर्मा शिरकत करेंगे। प्रो बृज रत्न जोशी ने बताया कि प्रो मनोज दीक्षित कुलपति महाराजा गंगा सिंह विश्विद्यालय ने इस संगोष्ठी के ब्रोशर का विमोचन किया और आयोजन समिति को शुभकामनाएं प्रेषित की। विमोचन के दौरान प्रो बिट्ठल बिस्सा, प्रो अरुण शर्मा, प्रो अनिल छंगाणी, डूंगर महाविद्यालय उप प्राचार्य प्रो नरेंद्र नाथ , संगोष्ठी संयोजक प्रो दिव्या जोशी, कोऑर्डिनेटर प्रो नरेंद्र भोजक ,आयोजन सचिव प्रो हेमेंद्र भंडारी ,प्रो रवि परिहार, प्रो राजा राम, प्रो वी.के एरी उपस्थित रहे। प्रो एस.एन जाटोलिया ने बताया कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय कुलपति प्रो मनोज दीक्षित तथा प्रो सुधि राजीव कुलपति हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय जयपुर इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि होगें। प्रो पीएस वर्मा पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विशिष्ट अतिथि होगें। अब तक इस संगोष्ठी में 100 से अधिक संख्या में शिक्षकों तथा शोधार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है । डा राजेंद्र पुरोहित ने बताया कि उद्घाटन सत्र के दौरान राजकीय डूंगर महाविद्यालय के आईयूएसी के दो प्रो डा नरेंद्र भोजक और डा दिव्या जोशी द्वारा NAAC मूल्यांकन तथा प्रतायायन पर प्रकाशित दो पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया जायेगा । संगोष्ठी में 8 तकनीकी सत्र तथा १२ आमंत्रित व्याख्यान भी होंगे। तकनीकी सत्र में प्रायोगिक शिक्षा और भारतीय ज्ञान प्रणाली बहुविषयक दृष्टिकोण और एनईपी 2020 और भाषाए संस्थागत प्रबंधन विजन एनईपी 2020 पाठ्यक्रम प्रारूप एनईपी 2020 का स्टे होल्डर विजन प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक संस्थागत तैयारी। डूंगर महाविद्यालय प्राचार्य प्रो इंदरसिंह राजपुरोहित ने कहा कि अगले दो दिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा शिक्षण संस्थाओं की तैयारियों और नवाचारों पर संवाद और मंथन के बिंदुओं को हैंडबुक के रूप में प्रकाशित भी किया जायेगा तथा शिक्षा की गुणवतत्ता को बनाए रखने की दिशा में यह संगोष्ठी एक सराहनीय पहल है ।
Add Comment