राहुल बोले- आज बीजेपी पर हमला नहीं बोलूंगा:5 साल पहले बीजेपी को घेरने के बाद मोदी के गले लगे थे राहुल
‘आप चाहे कितना भी गाली दे लो, लेकिन मेरे अंदर आपके प्रति प्रेम है। यही कांग्रेस की भावना है। यह भावना आपके अंदर भी है और मैं आप सबके अंदर से इस भावना को निकालूंगा और आप सबको कांग्रेस में बदलूंगा।’
2018 में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 20 जुलाई को संसद में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए यह बात कही थी। लगभग 48 मिनट की स्पीच के बाद राहुल गांधी अपनी सीट से उठे और तेजी से चलकर पीएम मोदी की सीट तक पहुंचे, उनसे हाथ मिलाया और उन्हें गले लगा लिया।
विपक्ष एक बार फिर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल ने बुधवार को कहा कि आज में बीजेपी पर हमला नहीं बोलूंगा।
2018 में जब विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था तो राहुल ने बीजेपी सरकार पर किस तरह से हमला बोला था?
2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल के भाषण की 4 दिलचस्प बातों को जानिए-
1. भाजपा और आरएसएस का बहुत आभारी हूं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जुलाई 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा था कि आप सोचोगे कि मेरे दिल में प्रधानमंत्री के खिलाफ गुस्सा और नफरत है, लेकिन मैं आपको दिल से कहता हूं कि मैं प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस का बहुत आभारी हूं कि इन्होंने मुझे कांग्रेस और हिंदुस्तानी होने का मतलब सिखाया।
उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तानी होने का ये मतलब है कि चाहे कोई कुछ कह दे, लाठी मार दे, तुम्हारे दिल में उसके लिए प्यार होना चाहिए। आपने मुझे मेरा धर्म सिखाया और हिंदू होने का अर्थ बताया।’
20 जुलाई 2018 को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
2. आपके लिए कोई गुस्सा नहीं, मैं आप सभी को कांग्रेस में बदल दूंगा
राहुल गांधी ने कहा था कि आपके अंदर मेरे लिए नफरत है। आपके लिए मैं पप्पू हूं, लेकिन मेरे दिल में आपके लिए कोई क्राेध नहीं है। एक-एक करके मैं आपके अंदर के प्यार को बाहर निकालूंगा। और आप सभी को कांग्रेस में बदलूंगा।
3. पीएम ने भी राहुल की पीठ थपथपाई
इस बयान के बाद राहुल गांधी अपनी सीट से उठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए और उनके गले लग गए। इस पर प्रधानमंत्री भी आश्चर्य में आ गए और इशारों में राहुल के अचानक आने की वजह पूछी। ये देखकर सदन में मौजूद सभी सदस्य आश्चर्यचकित रह गए। मोदी की प्रतिक्रिया भी कुछ ऐसी ही थी।
राहुल जाने लगे तो मोदी ने आवाज देकर उन्हें रोका। राहुल पलटे तो उनसे हाथ मिलाया और मुस्कराते हुए उनकी पीठ थपथपाई। इसके बाद राहुल सदन के पूरे वेल में नमस्कार करते हुए घूमे। फिर अपनी सीट पर चले गए। इसके बाद राहुल ने कहा- हिंदू होने का ये मतलब (गले लगना) होता है। हालांकि लोकसभा स्पीकर ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि राहुल जी, हाउस के कुछ नियम होते हैं।
2018 में संसद में अपनी स्पीच खत्म करने के बाद राहुल गांधी उठे और तेजी से मोदी के पास गए। पहले उन्हें गले लगा लिया। तब पीएम मोदी ने आश्चर्य भरी नजरों से उनकी ओर देखा और फिर उन्हें पास बुलाकर कुछ कहा। इसके बाद मोदी हंसने लगे।
4. बीजेपी के कई सांसदों ने मुझे बधाई दी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोले- अभी जब मैं बाहर गया तो आपके (बीजेपी के) कई संसद सदस्यों ने मुझसे कहा कि आप बहुत अच्छा बोले। ये अकाली दल की नेता मुस्कराकर मुझे देख रही थीं। राहुल के इस बयान और उनके मोदी से गले लगने के बाद अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- ये संसद है, मुन्ना भाई का पप्पी-झप्पी एरिया नहीं है।
शिवसेना ने कहा था- राहुल ने मोदीजी को झप्पी नहीं, झटका दिया है
यूनाइटेड शिवसेना ने उस वक्त कहा था कि राजनीति में इस तरह के ड्रामे भी चलते हैं। राहुल राजनीति की असली पाठशाला में जा चुके हैं। उन्होंने मोदीजी को झप्पी नहीं, झटका दिया है।
राहुल ने अपने भाषण कई बार ऐसी बातें कहीं, जिससे लोकसभा में ठहाके लगे। एक बार उन्होंने ‘बाहर’ की जगह ‘बार’ शब्द का इस्तेमाल किया। एक बार कह दिया, ‘आप लोगों के लिए मैं पप्पू हूं।’
राजनाथ बोले- राहुल ने लोकसभा में चिपको आंदोलन शुरू कर दिया
एक मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री अपनी आंख मेरी आंख में नहीं डाल सकते हैं। राहुल के भाषण के दौरान मोदी और उस वक्त की लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी कई बार मुस्कराते हुए देखा गया था।
मोदी से गले मिलने के बाद राहुल जब अपनी सीट पर जाकर बैठे तो उन्होंने आंखें मिचकाईं। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा था कि किसी के गले मिलने पर ऐतराज नहीं है, लेकिन जब मामला प्रधानमंत्री से जुड़ा हो तो डेकोरम बनाए रखना चाहिए।
सदन की गरिमा हमें ही रखनी है। कोई बाहर का आकर नहीं रखेगा। राहुलजी मेरे दुश्मन नहीं हैं, बेटे जैसे ही हैं। बाद में राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा में चिपको आंदोलन शुरू कर दिया।
2018 में संसद में मोदी से गले मिलने के बाद जब राहुल गांधी अपनी सीट पर बैठे तो उन्होंने आंख मिचकाई।
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल ने मोदी सरकार पर ये पांच आरोप भी लगाए थे
1. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठ बोला
राहुल ने कहा था कि यहां रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बैठी हैं। उन्होंने कहा था कि वे देश को राफेल हवाई जहाज का दाम बताएंगी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि करार के चलते वे दाम नहीं बता सकतीं।
हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुझे बताया कि ऐसा कोई करार भारत-फ्रांस के बीच नहीं है जो कहे कि आप हवाई जहाज के दाम नहीं बता सकते। नरेंद्र मोदी के दबाव में आकर निर्मला सीतारमण ने देश से झूठ बोला। राहुल के बाद लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ और कार्यवाही एक बार स्थगित कर दी गई।
2. प्रधानमंत्री ने सिर्फ जुमले दिए
कांग्रेस ने राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री का जुमला नंबर 1 था- हर व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रुपए आएंगे। जुमला नंबर 2 – दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन हकीकत ये है कि सिर्फ चार लाख लोगों को रोजगार मिला। चीन 50 हजार युवाओं को 24 घंटे में रोजगार देता है। आप 400 युवाओं को ही 24 घंटे में रोजगार दे पाते हैं। ये सच्चाई है आपके जुमलों की।
3. कारोबारियों से क्या रिश्ता है?
राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री का कुछ कारोबारियों के साथ क्या रिश्ता है? प्रधानमंत्री की मार्केटिंग के लिए जो पैसा लगाया जाता है, वह कहां से आता है, ये सभी को पता है। ऐसे कारोबारियों को हजारों करोड़ रुपए का फायदा मिलता है। प्रधानमंत्री मुस्करा रहे हैं। अब वे मेरी आंखों में आंख डालकर नहीं देखेंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि मैं सच बोल रहा हूं।
4. दलित-आदिवासियों पर अत्याचार होने पर प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता
राहुल ने कहा था कि क्या दलित-आदिवासी हिंदुस्तान के नहीं हैं? उन पर अत्याचार होता है तो प्रधानमंत्री के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता। उल्टा उनके मंत्री हमलावरों को जाकर हार पहनाते हैं। किसी न किसी हिंदुस्तानी को दबाया जा रहा है। यह हमला सिर्फ उस व्यक्ति पर नहीं, बल्कि अंबेडकर जी और इस सदन पर हो रहा है।
5. छोटे-छोटे दुकानदारों के घर इनकम टैक्स पहुंचा दिया
राहुल गांधी ने कहा था कि एक दिन रात आठ बजे नोटबंदी कर दी। शायद समझ नहीं थी कि किसान, मजदूर और गरीब कैश में अपना धंधा चलाते हैं। सूरत के लोगों ने मुझसे कहा कि प्रधानमंत्री ने जबर्दस्त चोट दी है। जीएसटी कांग्रेस लाई थी। आपने विरोध किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री ने विरोध किया था। प्रधानमंत्री जी ने छोटे से छोटे दुकानदार के घर इनकम टैक्स को पहुंचा दिया।
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