*रिटायर्ड IAS अधिकारी परमेश्वरन अय्यर होंगे नीति आयोग के नए सीईओ, अमिताभ कांत की लेंगे जगह*
केंद्र सरकार ने रिटायर्ट IAS अधिकारी परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) को नीति आयोग (NITI Aayog) का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है
*REPORT BY SAHIL PATHAN*
केंद्र सरकार ने रिटायर्ट IAS अधिकारी परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) को नीति आयोग (NITI Aayog) का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनेल एंड ट्रेनिंग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। परमेश्वरन अय्यर को दो साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही परमेश्वरन अय्यर नीति आयोग के तीसरे सीईओ होंगे। परमेश्वरन अय्यर, नीति आयोग के मौजूदा सीईओ अमिताभ कांत की जगह लेगें, जिनका कार्यकाल 30 जून 2022 को खत्म हो रहा है।
*6 साल बाद रिटायर होंगे अमिताभ कांत*
अमिताभ कांत को सरकार ने 17 जुलाई 2016 को नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग का सीईओ नियुक्त किया था। अमिताभ कांत को दो साल के तय कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उनका कार्यकाल बढ़ाकर 30 जून 2019 तक कर दिया गया। इसके बाद फिर उनका कार्यकाल दो साल के लिए और बढ़ाकर जून 2021 तक कर दिया गया। जून 2021 में उन्हें फिर से सेवा विस्तार मिला और उनका कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाकर जून 2022 तक कर दिया गया है। इस तरह अमिताभ कांत जून पिछले 6 सालों से नीति आयोग के सीईओ हैं।
*कौन हैं परमेश्वरन अय्यर?*
परमेश्वरन अय्यर 1981 बैच के यूपी कैडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। श्रीनगर में पैदा हुए परमेश्वर अय्यर की स्कूलिंग देहरादून के फेमस स्कूल दून स्कूल से हुई है। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। अय्यर ने 1981 में सिविल सेवा की परीक्षा पास की और उन्हें यूपी कैडर आवंटित मिला था। साल 2009 में परमेश्वरन अय्यर ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया और वह वर्ल्ड बैंक के पानी और स्वच्छता से जुड़े मिशन से जुड़े गए।
साल 2016 में एक बार फिर से वह भारत सरकार से जुड़े और उन्हें मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई। यह मिशन पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार लाने से जुड़ा था। साल 2020 में वह अपने पद से इस्तीफा देकर वापस वर्ल्ड बैंक को ज्वाइन करने अमेरिका चले गए, जहां उनके परिवार के लोग रहते हैं।
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