रेपिस्ट पिता को 20 साल की सजा:जज बोलीं- रेप पीड़िता के रक्षक ने ही किया, नरमी नहीं बरती जा सकती
जयपुर में नाबालिग बेटी से रेप के आरोप में पिता को 20 साल की सजा सुनाई गई है। जयपुर मेट्रो-1 पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। सजा सुनाते हुए जज मनीषा सिंह ने कहा- पीड़िता के साथ रेप उसके संरक्षक (रक्षक) पिता ने ही किया है। ऐसे गंभीर मामले में दोषी के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती है।
कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा- पीड़िता की गवाही और सबूतों से साबित होता है कि दोषी ने नाबालिग बेटी के साथ साल 2015 से 2020 के दौरान कई बार रेप किया। उसका यह अपराध पीड़िता की शारीरिक और भावनात्मक क्षति है, जो उसकी गरिमा को भी आहत करता है। पीड़िता ने जिस मनोवैज्ञानिक दबाव और भावनात्मक आघात को भुगता है, उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
पत्नी की भी हत्या का है आरोप
मामले में वकील (विशिष्ट लोक अभियोजक) राजेश श्योराण ने बताया- पीड़िता ने 12 दिसंबर 2020 को मानसरोवर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया कि 1 दिसंबर 2020 को उसके पिता मां की क्रूरता से हत्या कर फरार हो गए थे। 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसके पिता ने इस घटना से जुड़े एक अन्य अपराध को भी छिपाकर रखा हुआ है। साल 2015 से उसके पिता ने उसके साथ गलत काम करना शुरू कर दिया था। वे उसे धमकी देते थे कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसकी मां और भाई को मार देंगे। इस दौरान वह बेहोश रहती थी, क्योंकि उसके पिता चाय या अन्य किसी बहाने उसे नींद या नशे की दवा देते थे।
जयपुर मेट्रो-1 पॉक्सो कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
मां ने विरोध किया तो हत्या कर दी
पीड़िता ने बताया- इस दौरान जब मैं 2016 में प्रेग्नेंट हुई तो एक अस्पताल में यह कहकर गर्भपात कराया कि मामा ने इसके साथ गलत काम किया है। मैंने इस घटना की जानकारी मां को दी तो वे मेरा ध्यान रखने लगीं। पिता फिर भी मेरे साथ जबरदस्ती करते थे। एक दिन मां ने घटना का विरोध किया तो पिता ने मां की भी हत्या कर दी।
वहीं, मामले में दोषी पिता की ओर से दलील दी गई कि ननिहाल पक्ष से मिलकर साजिश कर झूठी एफआईआर उसके खिलाफ दर्ज कराई गई है। इस पर कोर्ट ने कहा- कोई भी बेटी अपने स्त्रीत्व का बलिदान करके ऐसे आरोप नहीं लगा सकती है।
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