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रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री:राहुल गांधी ने मुहर लगाई, 7 दिसंबर को शपथ लेंगे

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रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री:राहुल गांधी ने मुहर लगाई, 7 दिसंबर को शपथ लेंगे

रेवंत रेड्‌डी ने अपने राजनीति की शुरुआत ABVP से की। इसके बाद वे TDP फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। वे फिलहाल तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मल्काजगिरी से सांसद भी हैं। - Dainik Bhaskar

रेवंत रेड्‌डी ने अपने राजनीति की शुरुआत ABVP से की। इसके बाद वे TDP फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। वे फिलहाल तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मल्काजगिरी से सांसद भी हैं।

कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री होंगे। राहुल गांधी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। राहुल ने कहा कि रेवंत रेड्डी को तेलंगाना में सीएम पद के लिए चुना गया है।

मंगलवार को दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसमें राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई सीनियर नेता मौजूद थे।

हालांकि रेवंत रेड्डी के नाम की आधिकारिक घोषणा हैदराबाद में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद होगी। रेवंत 7 दिसंबर को सुबह 11 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे।

हैदराबाद में एक शख्स ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। उसकी मांग थी कि रेवंत रेड्डी को सीएम बनाओ, नहीं तो मैं आत्मदाह कर लूंगा। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

हैदराबाद में एक शख्स ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। उसकी मांग थी कि रेवंत रेड्डी को सीएम बनाओ, नहीं तो मैं आत्मदाह कर लूंगा। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।

पहले 6 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना में पार्टी की जीते के बाद से सीएम पद के लिए रेवंत रेड्डी का नाम लगभग तय था। 6 दिसंबर की शाम उनका शपथ ग्रहण समारोह भी होना था, लेकिन पार्टी में विरोध के चलते इसे रद्द करना पड़ा।

सीएम के रूप में रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण का विरोध करने वालों में पूर्व तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी, पूर्व सीएलपी नेता भट्टी विक्रमार्क, पूर्व मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, पूर्व डिप्टी सीएम दामोदर राजनरसिंहा शामिल हैं। इन नेताओं ने रेवंत रेड्डी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

यह पहला मौका नहीं है, जब रेवंत रेड्डी को पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ा है। इससे पहले जब 2021 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया था। तब भी उन पर पद पाने के लिए करोड़ों रुपए देने का आरोप लगा था।

कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 64 सीटें जीतीं
तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर को वोटिंग हुई थी, रिजल्ट रविवार को आया। इसमें कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं। सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 39 सीटें मिलीं।

भाजपा को 8, AIMIM को 7 और एक सीट CPI के खाते में गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्‌डी और कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने 3 दिसंबर की रात राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद हैं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रेवंत रेड्‌डी को तेलंगाना का डीके शिवकुमार कहा जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ कामारेड्‌डी और कोडंगल सीट से चुनाव लड़ा था। कामारेड्‌डी सीट से उन्हें भाजपा नेता के वेंकट रमन्ना रेड्डी ने हरा दिया। वहीं, कोडंगल सीट से उन्होंने जीत दर्ज की।

महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में जन्मे 54 साल के रेवंत का पूरा नाम अनुमुला रेवंत रेड्डी है। उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट रेवंत ने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा की स्टूडेंट विंग ABVP से की थी। 2007 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी चुने गए।

बाद में आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू के न्योते पर वे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) में शामिल हो गए। 2009 में उन्होंने TDP के टिकट पर आंध्र प्रदेश के कोंडगल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को हराया। नायडू ने उन्हें विधानसभा में पार्टी का नेता भी बना दिया।

TDP में इस बात की चर्चा होने लगी कि रेवंत कांग्रेस से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। 2017 में TDP ने उन्हें अपने नेता सदन के पद से हटा दिया। कुछ दिनों बाद ही रेवंत कांग्रेस में शामिल हो गए। 2018 के चुनाव में रेवंत फिर कोडंगल से लड़े और हार गए।

2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने मल्काजगिरी सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार संसद पहुंचे। जून 2021 में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें सीनियर नेता एन. उत्तम रेड्डी की जगह तेलंगाना की कमान सौंपी। इससे एक खेमा काफी असंतुष्ट था।

रेवंत कैश फॉर वोट मामले में जेल में भी रहे। उन पर LLC चुनावों में पैसे देकर वोट खरीदने का आरोप लगा। मौजूदा चुनाव में भी उन पर पैसे लेकर पार्टी टिकट देने के आरोप लगे। तेलंगाना सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे KTR ने तंज कसते हुए रेवंत से पूछा था कि क्या रेट (टिकट का) चल रहा है रेड्डी?

रेवंत का विवाह संयुक्त आंध्र प्रदेश के कद्दावर नेता जयपाल रेड्डी की भतीजी गीता से हुआ। गीता के परिवार के शुरुआती विरोध के बावजूद रेवंत अपने प्यार को शादी के बंधन तक पहुंचाने में कामयाब रहे।

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तेलंगाना में हावी रहा परिवारवाद
BRS: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में CM केसीआर गजवेल सीट से और उनके बेटे और BRS के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव सिरसिला से चुनाव जीत गए हैं। केसीआर के भतीजे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव सिद्दीपेट से चुनाव जीत गए हैं।
कांग्रेस: पार्टी के सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी को हुजूरनगर सीट से और उनकी पत्नी एन पद्मावती को कोडाड सीट से टिकट दिया था। दोनों चुनाव जीत गए हैं। विधायक हनुमंत राव हैदराबाद की मलकाजगिरी सीट से चुनाव हार गए हैं और उनके बेटे रोहित राव मेडक सीट से चुनाव जीत गए हैं।

हनुमंत राव पहले BRS में थें और पार्टी ने उन्हें फिर से मयनपल्ली सीट से टिकट दिया था लेकिन हनुमंत राव ने BRS छोड़ दी। कांग्रेस ने हनुमंत राव के साथ ही उनके बेटे को भी टिकट दिया था। कांग्रेस के जी विवेकानंद चेन्नूर से और उनके भाई जी विनोद बेल्लामपल्ले से चुनाव जीत गए है।

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