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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस बंटवारे की भयावहता का दंश झेल चुके लोगों को देश कर रहा नमन भाजपा ने निकाला मौन जुलूस।

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बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी बीकानेर द्वारा आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर गंगा थियेटर से गांधी पार्क तक मौन जुलूस निकला भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य व देहात अध्यक्ष जालम सिंह भाटी की अगुवाई में इस जुलूस में बंटवारे का दंश झेल चुके सामाजिक लोग पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

भाजपा शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य ने कहा 14 अगस्त को भारतीय इतिहास का सबसे मुश्किल दिन कहा जाता है। इस एक दिन में भारत का भूगोल, समाज और संस्कृति सबका बंटवारा हो गया पाकिस्तान 14 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह भारत के लिए सबसे पेचीदा दौर था, जिन परिवारों ने विभाजन का दर्द सहा है, वो आज तक इसे नहीं भूल पाए हैं। दोनों देशों के बीच बंटवारे की लकीर खींचते ही रातों रात लाखों लोग अपने ही देश में बेगाने हो गए और मजहब के आधार पर लाखों लोग न चाहते हुए भी जानें को मजबूर हुए सिर्फ एक फैसले की वजह से लाखों लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा अपनी जमीन जायदाद छोड़कर चले जाना पड़ा लाखों लोग मकान-दुकान और संपत्ति से रातों रात बेदखल होकर सड़क पर आ गए भारत पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी बीसवीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। भाजपा देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी ने कहा भारत के इतिहास में ये दुर्भाग्यशाली दिन है समाज में नफरत और हिंसा व्याप्त हो गई थी अखंड भारत की आजादी के इतिहास में ये घटना रक्तरंजित हो गई थी यह दिन भारत के संघर्ष और बलिदान का दिन है इस दिन लाखों लोग अपने मूल स्थान से विस्थापित हुए थे उनके साथ यातनपूर्ण व्यवहार हुआ था। प्रभारी ओम सारस्वत ने कहा विभाजन की घटना को याद किया जाए तो 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के लिए इतिहास का एक गहरा जख्म है वह जख्म तो आज तक ताजा है और भरा नहीं है यह वो तारीख है जब देश का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान एक अलग देश बना बंटवारे की शर्त पर ही भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा लाहौर से पठानकोट तक खंडित भारत में लाखों शरणर्थी आए थे उनके मन में पीड़ा थी कांग्रेस ने करोड़ों भारतीय लोगों की पीठ में छुरा भोंका है पूर्वी बंगाल में हिंदुओं पर जाजिया कर लगाया गया इसका कम्युनिस्ट पार्टी ने भी समर्थन किया था कांग्रेस के मानसपुत्र आज भी देश के टुकड़े कर रहे हैं। महामंत्री अनिल शुक्ला ने कहा देश का बंटवारा हुआ लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से नहीं इस ऐतिहासिक तारीख ने कई खूनी मंजर देखे भारत का विभाजन खूनी घटनाक्रम का एक दस्तावेज बन गया जिसे हमेशा उलटना-पलटना पड़ता है दोनों देशों के बीच बंटवारे की लकीर खिंचते ही रातों-रात अपने ही देश में लाखों लोग बेगाने और बेघर हो गए. धर्म-मजहब के आधार पर न चाहते हुए भी लाखों लोग इस पार से उस पार जाने को मजबूर हुए महामंत्री नरेश नायक ने इस जुलूस में शामिल होने पर सभी का आभार जताया। आज के मौन जुलूस में महेश मुंड, महावीर रांका, अविनाश जोशी, भगवान सिंह मेड़तिया, अशोक प्रजापत, अशोक मीणा, आनंद सिंह भाटी, हनुमान सिंह चावड़ा, मनीष सोनी, श्याम सुंदर चौधरी, विक्रम भाटी, सुमन छाजेड़, मधुरिमा सिंह, सोहन चांवरिया, दिलीप पूरी, विजय उपाध्याय, नरसिंह सेवक, चंद्र प्रकाश गहलोत, विनोद करोल, कमल आचार्य, कपिल शर्मा, दिनेश महात्मा, सुधा आचार्य, श्याम सुंदर चांडक, अनिल पाहुजा, भगवती गौड़, भारती अरोड़ा, राहुल पारीक, सादुल सिंह रावत, अंकित तंवर उपस्थिति रहे।

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