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श्रीलंका में लगी इमरजेंसी, हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्‍ट्रपति राजपक्षे ने उठाया बड़ा कदम

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Sri Lanka News: श्रीलंका में लगी इमरजेंसी, हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्‍ट्रपति राजपक्षे ने उठाया बड़ा कदम
श्रीलंका की जनता घोर आर्थिक संकट से जूझ रही है और इसके लिए वह मौजूदा राष्‍ट्रपत‍ि गोताबाया राजपक्षे को जिम्‍मेदार मानती है। गुरुवार को राष्‍ट्रपति आवास के बाहर जबर्दस्‍त प्रदर्शन के बाद देश में इमरजेंसी का ऐलान किया गया है।

REPORT BY SAHIL PATHAN

कोलंबो: श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोताबाया राजपक्षे (gotabaya rajapaksa) ने देश में इमरजेंसी (sri lanka emergency) का ऐलान कर दिया है। इस तरह सुरक्षा एजेंसियों को असंतोष से निबटने के लिए असीमित अधिकार मिल जाएंगे। गुरुवार को राष्‍ट्रपति आवास के बाहर हुए जबर्दस्‍त प्रदर्शनों के बाद यह कदम उठाया गया है। नाराज नागरिक देश में व्‍याप्‍त घोर आर्थिक संकट (sri lanka economic crisis) के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक, आपातकाल 1 अप्रैल 2022 से लागू हुआ।
हिंसक प्रदर्शन पर राष्‍ट्रपति राजपक्षे ने कहा, मेरा मानना है क‍ि यह श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल की घटना थी। इसके लिए जरूरी हो गया था कि ऐसे सख्‍त कानूनों को लागू किया जाए जिनसे सुरक्षा बलों को संदिग्‍धों को अरेस्‍ट करने और उन्‍हें ह‍िरासत में लेने का व्‍यपाक अधिकार मिल जाएं।

Sri Lanka. Police curfew imposed in Colombo north & south & Nugegoda police areas, due to ongoing pr

आपातकाल से राष्‍ट्रपति को असीमित अधिकार
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश की धाराएं लागू कीं, हैं जो उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन, दंगा या नागरिक हंगामा या आवश्यक आपूर्ति के रखरखाव के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है। आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकता है। वह किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकता है।

आर्थिक संकट के लिए राजपक्षे को जिम्‍मेदार मानती है जनता
लंका के राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके आवास के बाहर एकत्र हुए थे। इसके बाद 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और कोलंबो शहर के ज्यादातर इलाकों में कुछ देर के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया। देश में आर्थिक संकट है और लोग राष्ट्रपति को इसका जिम्मेदार मानते हैं।

सरकार ने प्रदर्शन को बताया ‘आतंकी कृत्‍य’
श्रीलंका सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को ‘आतंकी कृत्य’ करार दिया और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों-समागी जान बालवेगया (एसजेबी) और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुक्वेला ने कहा कि राष्ट्रपति की जान खतरे में थी क्योंकि प्रदर्शन खुफिया विफलता के कारण हुआ।

विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था
राजपक्षे के आवास के बाहर गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे जिन्होंने द्वीप राष्ट्र में भीषण आर्थिक संकट को दूर करने में उनकी विफलता को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की। देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी थी। आंदोलन के हिंसक होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई।

कोलंबो में कर्फ्यू लगा दिया गया था
राष्ट्रपति के आवास के पास लगे स्टील अवरोधक को गिराए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। इस संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कोलंबो शहर के अधिकांश हिस्सों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसे आवश्यक सामान की कमी हो गई है। देश में हालत यह है कि दिन में 13 घंटे तक बिजली गुल रहती है।

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