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सीजन में भी फ्लाइट ‘जमीं’ पर:आसमां से गायब 5 फ्लाइट 55 की जगह 50 उड़ानें ही

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*सीजन में भी फ्लाइट ‘जमीं’ पर:आसमां से गायब 5 फ्लाइट 55 की जगह 50 उड़ानें ही*
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन दिनों फ्लाइट संचालन में कमी आई है। एयरपोर्ट पर रोजाना औसतन 50 फ्लाइट ही संचालित हैं, जबकि 2 माह पहले अप्रैल में रोजाना 55 फ्लाइट संचालित हो रही थीं। दरअसल घरेलू फ्लाइट संचालन में कमी आई है। इसके पीछे यात्रीभार का कम होना बड़ी वजह है। एयरलाइंस से जुड़े सूत्रों की मानें तो एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी विमानों के ईंधन की दरें अधिक होने से यात्रा महंगी हुई है। लगभग सभी एयरलाइंस ने किराए में बढ़ोतरी की है। दूसरी ओर, यात्रीभार घटने की वजह से ही एयरलाइंस फ्लाइट रद्द कर रही हैं। फ्लाइट रद्द करने में एयर एशिया एयरलाइन सबसे आगे है। एयर एशिया की औसतन रोजाना 3 फ्लाइट रद्द होती हैं। स्पाइसजेट और अलायंस एयर की फ्लाइट भी औसतन 1-1 फ्लाइट रद्द होती है। सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो भी फ्लाइट संचालन को नियमित नहीं रख पा रही है।

*लगातार कम यात्रीभार के चलते रद्द हो रही हैं फ्लाइट*

रात में इंडिगो की गोवा, एयर इंडिया की कोलकाता की फ्लाइट अधिकांश समय रद्द हो जाती है।

एयर एशिया की मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली की फ्लाइट आए दिन कैंसिल कर दी जाती है।

स्पाइसजेट की फ्लाइट्स सबसे ज्यादा लेट होती हैं, हालांकि एयरलाइन का फ्लाइट रद्द होने का आंकड़ा कम है।

स्पाइसजेट की अमृतसर की फ्लाइट को लेकर समस्या आती है।

अलायंस एयर की दिल्ली की 2 में से 1 फ्लाइट रोजाना रद्द होती है।

गो फर्स्ट की अहमदाबाद की फ्लाइट भी नियमित नहीं है।

वहीं इंडिगो की सूरत, चंडीगढ़, इंदौर की फ्लाइट के संचालन को लेकर भी समस्या आती है।

जयपुर एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टूरिस्ट सीजन समाप्त होने और गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने की ओर हैं। ऐसे में फ्लाइट्स में यात्रीभार कम हो रहा है। वहीं हवाई किराया बढ़ना भी इसकी एक प्रमुख वजह है। हालांकि जल्द ही दो-तीन एयरलाइंस नए शहरों के लिए फ्लाइट्स लॉन्च कर सकती हैं वहीं कुछ नए इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए भी फ्लाइट शुरू की जा सकती है।

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