सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बैलट पेपर मंगवाए:चुनाव अधिकारी से पूछा- बैलट पर निशान क्यों लगाया था; कहा- उन पर अलग केस चले
चंडीगढ़
मेयर इलेक्शन के बैलट पेपर से छेड़छाड़ करते हुए चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के CCTV फुटेज।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराए जाने की जगह नई व्यवस्था दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा बैलट पेपर्स की गिनती कर चंडीगढ़ मेयर का चुनाव किया जाए। इसमें उन बैलट पेपर्स को शामिल ना किया जाए, जिन पर रिटर्निंग अफसर ने निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर्स कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि मंगलवार को कोर्ट में बैलट पेपर्स और वीडियो लाने के लिए एक ज्यूडिशियल अफसर की नियुक्ति कीजिए।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए कि ज्यूडिशियल अफसर और रिकॉर्ड्स की सुरक्षा के लिए व्यवस्था कीजिए। अदालत मंगलवार को 2 बजे चुनाव का पूरा वीडियो और बैलट पेपर्स की जांच करेगी।
अदालत ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर X का निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह वीडियो देखकर चुनाव अधिकारी को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन में प्रिसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह के इसी वीडियो को देखने के बाद तल्ख टिप्पणी की थी।
सुप्रीम कोर्ट में 5 फरवरी को सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने वह वीडियो भी देखा था, जिसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलट पेपर पर क्रॉस लगाते दिख रहे हैं।
इसके बाद CJI ने कहा था- वीडियो से साफ पता चल रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया। क्या ऐसे ही चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर केस होना चाहिए।
चुनाव दोबारा हुए तो बदल जाएंगे समीकरण
AAP के 3 पार्षदों के भाजपा में आने के बाद नगर निगम में पूरी तरह समीकरण बदल जाएंगे। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही BJP के पास 15 वोट हैं। 3 AAP पार्षदों के BJP जॉइन करने से यह आंकड़ा 18 हो गया। एक अकाली दल का वोट मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगी। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट से मेयर चुनाव दोबारा करवाने को लेकर फैसला आता है तो भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अपना मेयर बना लेगी।
पूनम देवी (बाएं), नेहा मुसावत (बाएं से दूसरे नंबर पर) और गुरचरणजीत सिंह काला (दाएं) ने चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद (बीच में) की मौजूदगी में भाजपा ज्वॉइन की।
नए पार्षदों में से चुना जा सकता है मेयर
चंडीगढ़ मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। इसलिए, BJP की तैयारी है कि सोनकर के इस्तीफे के बाद इस कुर्सी का दावेदार उन 3 नामों में से एक को बनाया जाए, जो AAP से छूटकर पार्टी में शामिल हुए हैं। इनमें 2 महिला पार्षदों में से एक को मेयर की कुर्सी मिल सकती है।
यह तस्वीर 30 जनवरी की है। जब चुनाव के बाद भाजपा के मेयर पद उम्मीदवार मनोज सोनकर दौड़े-दौड़े आए और चुनाव अधिकारी अनिल मसीह (बाएं) ने उन्हें कुर्सी पर बिठा दिया।
मेयर चुने जाने पर मनोज सोनकर के साथ सांसद किरण खेर और अन्य पार्षद।
AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट के 8 वोट इनवैलिड हुए थे
चंडीगढ़ मेयर चुनाव AAP और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था। 30 जनवरी को हुई वोटिंग में भाजपा के मनोज सोनकर को 16 और AAP-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले। 8 वोट इनवैलिड कर दिए गए थे, ये सभी वोट AAP-कांग्रेस प्रत्याशी को मिले थे।
इसी को आधार बनाकर AAP-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।
वोटों की गिनती के दौरान बैलट पेपर्स को बाहर ले जाते रिटर्निंग अफसर।
चंडीगढ़ में वोटों का गणित
चंडीगढ़ में कुल 35 पार्षद हैं, और एक वोट सांसद का वोट होता है। इस प्रकार कुल वोट 36 हैं। इनमें से 14 पार्षद और एक सांसद को मिलाकर 15 वोट भाजपा के पास हैं। जबकि, पिछले चुनाव में BJP को 16 वोट मिले थे। इसमें माना जा रहा था कि एक वोट शिरोमणि अकाली दल के इकलौते पार्षद का भाजपा को मिला था। वहीं AAP के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं। 3 पार्षदों के भाजपा में जाने से अब AAP के सिर्फ 10 पार्षद रह गए हैं। ऐसे में गठबंधन के पास अब कुल 17 वोट हैं।
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