Covid-19

बीकानेर के प्राइवेट हॉस्पिटल बने “जीवन रक्षा” और “वरदान” के नाम पर लोगों के लिए अभिशाप


बीकानेर।कोरोना रोगियों की सेवा के नाम पर खुले प्राइवेट कोविड-19 सेंटर लोगों की मजबूरी का जबरदस्त फायदा उठा रहे हैं ।बीकानेर में हालात यह हैं कि रोजाना लगभग 1000 से अधिक कोरोना रोगी अस्पताल पहुंच रहे हैं ।जिसके चलते पीबीएम अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना रोगियों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है ,हालात इतने विकट हो गए हैं कि इस दुख की घड़ी में भी लोग ऑक्सीजन और दवाई जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है ।
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से पता चला है कि बीकानेर में बने प्राइवेट कोविड-19 सेंटर कोरोना रोगियों से मनचाही कीमत वसूल रहे हैं। जिन अस्पतालों को कोविड-19 सेंटर के रूप में तब्दील किया गया है वो ऐसी स्थिति में कोविड-19 रोगियों के लिए अलग कोरोना पैकेज के रहे हैं। उन्हीं कोरोना रोगियों से ऑक्सीजन के नाम पर अलग राशि ली जा रही है। इन प्राइवेट सेंटरों में सरकार का दखल नहीं होने के कारण यहां मरीजों से मनचाहा धन वसूला जा रहा है।
यही नहीं इस परिस्थिति का पूरा फायदा मेडिकल स्टोर भी उठा रहे हैं। इन दवा की दुकानों पर लोगों से मनचाही कीमत वसूली जा रही है।अमूमन दस रुपए कीमत पर मिलने वाले दस्तानों के लिए मरीजों के परिजनों से 40 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।इसके साथ ही दवाइयों के बिल मरीजों के मांगने पर भी उन्हें काम अधिक है का बहाना बनाकर ,बिल उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। मरीजों के परिजन इस समय ऐसी मानसिकता में हैं कि उनका एकमात्र लक्ष्य अपने व्यक्ति को बचाना है,इसलिए चुपचाप सहने को मजबूर हैं।उल्लेखनीय है कि रेमदेसिवर की कालाबाजारी में बीकानेर पुलिस द्वारा चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में घड़साना का संदीप नायक जो कि चौधरी लैब में नर्सिंग स्टाफ है ।वल्लभ गार्डन का रमेश जो कि जीवन रक्षा में मेडिकल स्टोर हेल्पर है नोखा का महेंद्र विश्नोई जोकि बेस्ट हेल्थ केयर में नर्सिंग कर्मी है तथा चक 10 एल एम् का अनिल जाट शामिल है जो वरदान हॉस्पिटल में नर्सिंग कर्मी है ये सभी प्राइवेट अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इनके पास से चार रीमेडिसिवर इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं।
जिला प्रशासन अपने स्तर पर अधिकाधिक सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है शायद इसी के चलते पी बी एम के प्रति अब फिर से लोगों में विश्वास बढ़ने लगा है परन्तु इन प्राइवेट कोविड सेंटरों पर सरकारी दखल के बिना इनकी स्वछंदता पर अंकुश लगाना संभव नहीं है।यदि इसपर प्रशासन द्वारा शीघ्र ही संज्ञान नहीं लिया गया तो अपनी मनमानी के द्वारा ये प्राइवेट कोविड अस्पताल मरीजों की भावनाओं के साथ यूं ही खिलवाड़ करते रहेंगे।

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