Covid-19 Rajasthan Gov news

चित्तौड़गढ़ एवं श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास केन्द्र-राज्य सरकारें मिलकर करें महामारी की घातक दूसरी लहर का सामना : मुख्यमंत्री ,सभी के लिए वैक्सीनेशन हो निःशुल्क, राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर करें विचार

जयपुर, 9 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ केन्द्र और राज्य सरकारें तथा सभी देशवासी मिलकर लड़ेंगे, तभी विजय प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अप्रत्याशित तथा अधिक घातक है और इसने भयंकर रूप ले लिया है। इस चुनौती का सामना करने के लिए जरूरी है कि वैक्सीनेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी गई निःशुल्क वैक्सीन की तरह ही शेष आयु वर्ग के लोगों को भी केन्द्र सरकार की ओर से निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए।

श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चित्तौड़गढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 325-325 करोड़ रूपये की लागत से बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों की शिलान्यास पट्टिकाओं का वर्चुअल अनावरण किया। इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार को देशभर में टीकाकरण अभियान के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। यदि विदेशों से वैक्सीन आयात करने की आवश्यकता है, तो वह भी किया जाना चाहिए, क्योंकि वैक्सीन से इस बीमारी के घातक प्रभावों को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अपने स्तर पर लॉकडाउन के अलग-अलग प्रतिबंध लागू किए हैं, जिससे अन्तर्राज्यीय समन्वय में कमी महसूस हो रही है। ऐसे में, केन्द्र सरकार को पिछली बार के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के अनुभवों से सीख लेते हुए फिर से पूरे देश में एकरूपता के साथ लॉकडाउन लागू करने पर विचार करना चाहिए।

श्री गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में डीआरडीओ की ओर से लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांटों की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन परिवहन के लिए अतिरिक्त टैंकर उपलब्ध कराने, राज्य को ऑक्सीजन का आवंटन देश के पूर्वी राज्यों की बजाय निकटवर्ती राज्यों से कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र की ओर से जारी सभी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए संक्रमण को रोकने और मरीजों के इलाज करने के प्रयासों में कोई कसर नहीं रखेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कई पहल की हैं, जिनसे प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा मजबूत हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजनाओं, निरोगी राजस्थान अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य मित्र आदि योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों से प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। श्री गहलोत ने हाल ही में लागू की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को पूरे देश के स्तर पर लागू करने का सुझाव भी दिया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि आज राजस्थान और पूरा देश कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में बहुत अधिक तकलीफ से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इन विषम स्थितियों का सामना करने में केन्द्र सरकार सभी राज्यों को यथासंभव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज लगाने को भी समान प्राथमिकता दी जाए।

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि बीते कुछ सालों में देश में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। देशभर में हैल्थ केयर ढांचे को मजबूती देने के लिए कई सुधार कार्यक्रम भी लागू किए गए हैं। एम्स की संख्या बढ़कर 22 हो गई है तथा 110 चिन्हित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसी क्रम में तीसरे चरण में स्वीकृत किए गए 75 मेडिकल कॉलेजों में से सर्वाधिक 15 राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के लिए सतत प्रयास किए और सभी मापदण्डों को समय पर पूरा किया, जिनमें से दो मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास आज किया जा रहा है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अश्विनी चौबे ने कहा कि केन्द्र सरकार चिकित्सा शिक्षा संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने एवं शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ सालों में देश में सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलजों की संख्या बढ़ाई गई है। इसका नतीजा है कि एमबीबीएस, पीजी तथा सुपर स्पेशलिटी सीटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जिससे आने वाले समय में चिकित्सकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि जिन दो मेडिकल कॉलेजों का आज शिलान्यास हुआ है, इनके भवन अगले दो वर्ष में तैयार हो जाएं और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता रहे। इसके बाद हमारी योजना है कि जल्द से जल्द इन कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स शुरू किए जाएं। उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों के निर्माण के लिए केन्द्र और राज्य की हिस्सा राशि 60ः40 के अनुपात में राज्य सरकार की ओर से 130 करोड़ रूपये प्रति कॉलेज व्यय होंगे।

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज से वंचित रहे तीन जिलों- राजसमंद, जालोर एवं प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी देने की मांग की।

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया ने प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार और नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के निर्माण स्वीकृति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वीकृत 15 कॉलेजों में से दो के आज शिलान्यास के बाद 7 अन्य के निर्माण के लिए कार्यादेश इस माह के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे। शेष मेडिकल कॉलेजों के लिए कार्यादेश जल्द जारी होंगे।

सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना, सांसद श्री सीपी जोशी एवं श्री निहाल चंद, संबंधित जिलों के विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधि, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में आमजन वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े।


About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

CommentLuv badge

Topics

Translate:

Google News
Translate »
error: Content is protected !!