बीकानेर।कोरोना के टीकों और दवाओं को सस्ता व सर्व सुलभ कराने के लिए तथा इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी के हस्तांतरण के लिये स्वदेशी जागरण मंच द्वारा “वैश्विक सर्व सुलभ टीकाकरण एंव चिकित्सा अभियान” चलाया जा रहा है।
इस अभियान की जानकारी देते हुए स्वदेशी जागरण मंच बीकानेर महानगर सह संयोजक आदित्य बिश्नोई ने बताया कि यद्यपि कोविड के इलाज से सम्बंधित कई
दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है।
इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है वहाँ कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है। इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है। इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है। इसके अन्तर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता हेतु “युनिवर्सल एक्सेस टु वेक्सीन्स एण्ड मेडिसिन्स” अर्थात “युवम” (UVAM) के नाम से यह अभियान चल रहा है। इसमें आनलाईन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है।
इस अवसर पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच जोधपुर प्रान्त के कोष प्रमुख प्रमेश अग्रवाल ने बताया कि भारत में भी कम से कम 70% जनसंख्या के टीकाकरण के लिए लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे।
‘वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं चिकित्सा अभियान’ के अंतर्गत देश और विदेश के विविध समाजिक, संस्कृतिक व सभी प्रकार के संगठनों, शिक्षण संस्थानों, प्रबुद्ध जनों शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है। 28 मई 2021 को इस संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भी भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजन किया गया था।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के साथ, विगत अक्टूबर में ही इन्हें पेटेंट मुक्त करने का विश्व व्यापार संगठन में जो ट्रिप्स समझौते से छूट का प्रस्ताव रखा उसका 120 देशों ने अब तक समर्थन कर दिया है। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे देशों , कम्पनियों और व्यक्ति समूहों से हम पुरजोर आग्रह करते हैं कि मानवता के हित में, वे अविलंब इसका विरोध बन्द करें।
उन्होंने कहा कि युवम विश्व व्यापार संगठन, सहित विश्व की सभी सरकारों से दृढ़तापूर्वक आग्रह करता है कि टीकों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सभी संभावित निर्माताओं के लिए व्यापार रहस्य सहित टीकों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कच्चे माल की उपलब्धता, व्यापार रहस्य सहित सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
रेम्डेसीवीर, फेविरेसीर, टोसिलिजुमेब और अन्य आवश्यक दवाओं के उत्पादन और मोलनुपीराविर जैसी नई दवाओं का प्रचुरता से उत्पादन सुनिश्चित किया जाए।साथ ही वैश्विक स्तर पर वैक्सीन और दवाईयों के पर्याप्त उत्पादन के साथ- साथ इनके मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण भी आवश्यक है।
इस हेतु डबल्यू टी ओ , जी 7 एवम अन्य वैश्विक मंचो के माध्यम से राजनयिक प्रयासों में तेजी लायी जाए ।इस अभियान के अंतर्गत ही डिजिटल हस्ताक्षर अभियान में अभी तक देश में लगभग साढ़े पांच लाख एंव राजस्थान क्षेत्र में 98 हजार से अधिक तथा जोधपुर प्रान्त में 13 हजार से अधिक लोग इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
ऐसी ही एक दूसरी याचिका पर भी भारत और विश्व के 20 देशों के 1600 से अधिक अति उच्च शिक्षाविदोंऔर प्रबुध नागरिकों ने हस्ताक्षर करते हुए हमारी मांग है कि विश्व व्यापार संगठन, बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रावधानों में छूट दे,
वैश्विक दवा निर्माता और वैक्सीन निर्माता कपनियां स्वेच्छा से, मानवता के लिए, अन्य निर्माताओं को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट मुक्त अधिकार दें , सरकार पेटेंट धारकों से इतर भी अन्य सभी दवा निर्माताओं को वैक्सीन व दवाईयां को बनाने का अधिकार, आवश्यक प्रौद्योगिकी व उत्पादन सामग्री की उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये और उन्हें प्रोत्साहन दे।
इसके साथ ही आवश्यकता है कि कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एवं वैक्सीन और दवाओं की वैश्विक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, सभी देशभक्त जनता, संबंधित व्यक्ति और संगठन बढ़-चढ़कर आगे आएँ।
इस प्रेस वार्ता में स्वदेशी जागरण मंच बीकानेर से नीलेश सोलंकी,गोरधन सारस्वत,मनोहरसिंह,समंदरसिंह राइका, अमृत लाल,सन्तोष कुमावत ने भी सम्बोधित किया।
स्वदेशी जागरण मंच द्वारा वैश्विक सर्व सुलभ टीकाकरण एंव चिकित्सा अभियान द्वारा वैक्सीन सर्व सुलभ करवाने की कोशिश

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