पूर्वोत्तर भारत के असम स्थित उदाली कोविड केयर सेंटर होजई में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी डॉ. सेउज कुमार सेनापति पर मंगलवार को एक मृत रोगी के रिश्तेदारों और परिचारकों द्वारा बेरहमी से और बर्बर रूप से हमला किया गया।
तेजपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विद्यार्थी रहे सेनापति, ने हाल ही में एनआरएचएम के तहत ड्यूटी ज्वाइन की है। वे कोरोना की इन विकट परिस्थिति में अत्यंत समर्पण भाव के साथ अपने कोविड कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस बर्बर मारपीट का वीडियो वायरल होने से कल पूरे असम सहित भारत में खलबली मच गई थी। इस मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए , कहा था कि डॉक्टर को न्याय मिलेगा इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
सूत्रों की मानें तो मरीज कोविड मरीज था जिसकी स्थिति गंभीर थी उसे यूरिनरी रिटेंशन की भी समस्या थी, डॉक्टर सेऊज कुमार सेनापति द्वारा उसे कैथेटर लगाया जा रहा था तभी मरीज की मृत्यु हो गई। जिसके बाद डॉक्टर के साथ मरीज के परिजनों द्वारा बर्बर व्यवहार किया गया।
परंतु ऐसे मामले हमारे मेडिकल के विद्यार्थियों को किस कदर प्रभावित करते हैं इसका अनुमान लगाना भी स्वयं में सोच का विषय है।प्रत्येक क्षेत्र की अपनी सीमाएं हैं।हम डॉक्टर को भगवान से कम नहीं मानते पर जन्म और मृत्यु के लिए अपने भगवान की मूर्ति को भग्न नहीं करते।
वर्तमान में जब कोरोना काल में चिकित्सक जी जान से सेवा में लगे हैं तब ऐसी घटनाएं आने वाली पीढ़ी के मानस को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
इस संदर्भ में तेजपुर मेडिकल कॉलेज छात्र संघ ने इस बर्बर कृत्य की निंदा करते हुए हमलावरों को फांसी की सजा की मांग की है। टीएमसीएसयू ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, डॉ. सेउज कुमार सेनापति (तेजपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से पास आउट) ने कुछ दिन पहले ही एनआरएचएम के तहत एमओ के रूप में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी। आज मरीज के परिजन उसकी बेरहमी से पिटाई कर रहे हैं। ऐसे समय में जब विकट संकट काल में डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए 24 घंटे दे रहे हैं, बदले में लोग उन्हें यही दे रहे हैं। क्या अब कार्रवाई करेगी असम सरकार? क्या उसे न्याय मिलेगा? हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। हम उन्हें सख्त सजा की मांग करते हैं। यह अमानवीय और बर्बर है।”
Report by Dr Mudita Popli
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