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देश भर में सराहा गया बीकानेर का ‘ऑक्सीजन मित्र’ मॉडल

जयपुर
ऑक्सीजन का अपव्यय रोकने के लिए बीकानेर के जिला कलक्टर श्री नमित मेहता की पहल पर लागू त्रिस्तरीय व्यवस्था को देशभर में सराहा गया है। माइक्रो लेवल तक की गई प्रभावी मॉनिटरिंग की बदौलत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की पीक में जिले की कुल ऑक्सीजन खपत में लगभग पांच सौ सिलेंडर तथा पीबीएम अस्पताल के कोविड डेडिकेटेड एमसीएच विंग के ऑक्सीजन प्लांट पर प्रतिदिन लगभग दो सौ सिलेण्डर का अपव्यय रुका।

कोरोना संक्रमण की दूसरी पीक में ऑक्सीजन का प्रभावी प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती था। राज्य सरकार द्वारा जिले की मांग के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती, लेकिन किसी भी कीमत पर ऑक्सीजन अपव्यय नहीं हो तथा गम्भीर मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन मिलती रहे, इसे ध्यान रखते हुए एक-एक बैड की मॉनिटरिंग के मद्देनजर योजना तैयार की गई। ऊपरी स्तर पर वरिष्ठ आरएएस अधिकारियों को पूरी व्यवस्था के पर्यवेक्षण का जिम्मा दिया गया। वहीं राउंड द क्लॉक तीन पारियों में जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम एमसीएच विंग के ‘वार रूम’ में तैनात की गई, जो सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई और अपव्यय पर नजर रख सके। इससे प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सकों में समन्वय बढ़ा और छोटी-छोटी समस्या का त्वरित समाधान होने लगा।

’मजबूत कड़ी साबित हुए ‘ऑक्सीजन मित्र’
ऑक्सीजन अपव्यय रोकने की इस कवायद में ‘ऑक्सीजन मित्र’ सबसे मजबूत कड़ी साबित हुए। जिला कलक्टर की पहल पर लगभग सौ नसिर्ंग स्टूडेंट्स को ‘ऑक्सीजन मित्र’ नियुक्त किया गया। आठ-आठ घंटे की तीन पारियों में तैनात ‘ऑक्सीजन मित्र’ को ऑक्सीजन फ्लो मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह ‘ऑक्सीजन मित्र’ बैड-टू-बैड नजर रखते और मरीज की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन का फ्लो मेंटेन करते। यानि जरूरत से ज्यादा फ्लो में ऑक्सीजन है तो उसे कम करना और आवश्यकता की तुलना में धीमे है, तो उसे बढ़ाना।

’परिजनों से करते समझाइश’
‘ऑक्सीजन मित्र’ ऑक्सीजन का अपव्यय करने वाले मरीजों और उनके परिजनों से समझाइश भी करते। इससे भी ऑक्सीजन बचत में प्रभावी सहयोग मिला। एक और व्यवस्था करते हुए पीबीएम अस्पताल द्वारा लगभग 20 चिकित्सकों को भी पारी के आधार पर राउंड द क्लॉक नियुक्त किया गया है, जिससे ‘ऑक्सीजन मित्रों’ की मॉनिटरिंग की जा सके और किसी स्तर पर रहने वाली कमी को तत्काल दूर किया जा सके।

’एमसीएच में प्रतिदिन रुका दो सौ सिलेण्डर का अपव्यय’
इन सभी प्रयासों से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की पीक में एमसीएच विंग के ऑक्सीजन प्लांट में प्रतिदिन लगभग दो सौ सिलेण्डर की बचत होने लगी। पूर्व में जहां एमसीएच विंग में प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 4.3 सिलेण्डर लगते, वहीं इस व्यवस्था के लागू होने से 2.3 सिलेण्डर प्रतिदिन लगने लगे। जिला कलक्टर द्वारा इसकी नियमित समीक्षा भी की गई। ऑक्सीजन प्लांट का नियमित निरीक्षण और वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठकें करने के साथ इस व्यवस्था के तहत ऑक्सीजन के अपव्यय को रोकने के सतत प्रयास किए गए, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए।

‘देशभर में हुई सराहना’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मई को देशभर के सात जिलों के जिला कलक्टरों से संवाद किया तथा कोरोना प्रबंधन के लिए किए गए अच्छे कार्यों के बारे में जाना। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की गरिमामयी मौजूदगी में आयोजित इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में बीकानेर को राजस्थान ़का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। इस प्रस्तुतीकरण के दौरान जिला कलक्टर ने ऑक्सीजन प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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