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देखें क्या कहा प्रधानमंत्री ने देश के नाम संदेश में : : PM NARENDRA MODI SPEECH

PM NARENDRA MODI SPEECH

बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है।

इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी।

इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है: PM @narendramodi
सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी।

भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई।

इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे: PM
आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे।

विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था: PM @narendramodi

आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं।

कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता? – PM @narendramodi

हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने 1 साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी।

हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है: PM

राज्य सरकारों को लॉकडाउन की छूट क्यों नहीं मिल रही?

One Size Does Not Fit All जैसी बातें भी कही गईं: PM @narendramodi

देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच, केंद्र सरकार के सामने अलग-अलग सुझाव भी आने लगे, भिन्न-भिन्न मांगे होने लगीं।

पूछा जाने लगा,

सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है?

राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही? – PM @narendramodi

दूसरी तरफ किसी ने कहा कि उम्र की सीमा आखिर केंद्र सरकार ही क्यों तय करे?

कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है?

भांति-भांति के दबाव भी बनाए गए, देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया: PM @narendramodi
इस बीच,

कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम डी-सेंट्रलाइज किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए।

तरह-तरह के स्वर उठे।

जैसे कि वैक्सीनेशन के लिए Age Group क्यों बनाए गए? – PM @narendramodi

इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला।

सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने के मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा था।

देश के नागरिक भी, अनुशासन का पालन करते हुए, अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवा रहे थे: PM

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