Ministry of Commerce and Industry

खाने का तेल होगा सस्ता:सोयाबीन और सूरजमुखी तेल आयात पर 2 साल के लिए कस्टम ड्यूटी और सेस खत्म; अभी जरूरत का 60% इंपोर्ट

*खाने का तेल होगा सस्ता:सोयाबीन और सूरजमुखी तेल आयात पर 2 साल के लिए कस्टम ड्यूटी और सेस खत्म; अभी जरूरत का 60% इंपोर्ट*
खाने के तेल की कीमतों को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया। सरकार ने 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात पर 2 साल के लिए कस्टम ड्यूटी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट​​​​​​ सेस खत्म करने का ऐलान किया है। यह सेस अभी 5% है।
फैसले से खाने का तेल सस्ता होने की उम्मीद है। तेलों के आायात पर दी गई छूट 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। महंगाई में खाद्य तेल की प्रमुख भागीदारी है और पिछले तीन महीनों से खाद्य तेल के खुदरा दाम में 15 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

*फैसले से मिलेगी राहत*
वित्त मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में इंपोर्ट टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक ट्वीट में लिखा, यह फैसला उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।
मालूम हो कि सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाया था। साथ ही इस्पात और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क भी हटाने का निर्णय लिया था।

*सरकार के पास सीमित विकल्प*
सरकार ने यह कदम स्थानीय बाजार में बढ़ती खाने के तेल की कीमतों को कम करने के लिए उठाया है।सरकार सेस का उपयोग खेती-बाड़ी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाने के लिए करती है। सरकार के पास तेल की कीमतों को कम करने के लिए आयात पर टैक्स हटाना और सेस खत्म करने जैसे सीमित विकल्प हैं।

*6 साल में ऐसे महंगे हुए तेल*
कोरोनाकाल में 2 साल तक लगभग हर कारोबार प्रभावित हुआ। नौकरियां भी गईं। मध्यमवर्गीय परिवारों की सेविंग्स खत्म हुई। ऐसे में पहले से आर्थिक बोझ तले दबे परिवार अब बाजार की तेज चाल से घायल हैं। ऐसे में गृहणियों के लिए रसोई का बजट बनाए रखना मुश्किल हो गया है। 2016 में जो दाम थे वे अब दोगुना नहीं बल्कि कई खाद्य वस्तुओं के दाम तीन गुना से भी ज्यादा हो गए हैं।

*बेस इंपोर्ट पर टैक्स खत्म*
भारत ने पॉम आयल और सोयाबीन तेल समेत खाने के ज्यादातर तेलों पर पहले ही बेस इंपोर्ट टैक्स खत्म कर दिया है। साथ ही जमाखोरी रोकने के लिए भी इन्वेंट्री लिमिट लगा दी है।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ने के साथ ही बढ़ी हैं।

*काला सागर क्षेत्र से रुकी सप्लाई*
हमले के कारण काला सागर क्षेत्र से सूरजमुखी तेल की सप्लाई रुक गई है। भारत अभी खाने के तेल की जरूरत का 60% इंपोर्ट करता है। केंद्र सरकार के सामने बढ़ती महंगाई को थामना अभी सबसे बड़ी चुनौती है। अप्रैल में देश में थोक महंगाई तीन दशकों में सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है।

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

CommentLuv badge

Topics

Translate:

Google News
Translate »
error: Content is protected !!