Bikaner update

बीकानेर के धोरों से पूरे साल पैदावार दे सकते हैं ‘नींबूवर्गीय फल’, (मोसम्बी)75 किस्मों पर पिछले सात वर्षों से किया जा रहा अनुसंधान, अब साकार रुप लेने लगा,नाल क्षेत्र में इस हेतु किसानों को लगाने हेतु दी जाएगी जानकारी

बीकानेर, (नाल) ,17 नवंबर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद बिकानेर द्वारा देश के शुष्क क्षेत्रों में कुछ चयनित फलों पर अनुसंधान के लिए संभाग मुख्यालय पर स्थापित केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा पिछले सात वर्षों से ‘नींबूवर्गीय फल’ (मोसम्बी,किनु) के लिए चलाया जा रहा शोध-कार्य अब साकार रुप लेने लगा है। संस्थान में नींबूवर्गीय फल की विभिन्न जातियों जैसे स्वीेट ऑरेंज, मेंडरिन, ग्रेपफ्रूट, पूमेलो, लाइम, लेमन और इनके अंतर्जातीय संकर की लगभग 75 किस्मों पर पिछले सात वर्षों से अनुसंधान किया जा रहा है। विभिन्न् किस्मों की पैदावार एवं उनका स्वाद अलग-अलग है और खाने में फल स्वादिष्ट हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. दिलीप कुमार समादिया ने बताया कि बीकानेर की जलवायु में नीबूवर्गीय फलों की सभी जातियों की विभिन्न किस्मों के सफल परिणाम प्राप्त हुए हैं जिसमें से स्वीट ऑरेंज की मौसमी, सतगुड़ी, जाफा, हेमलीन, मेंडरिन में किन्नों , अंतर्जाजीय संकर में डेजी व फ्रिमोन्ट आदि के उत्कृेष्टु शोध परिणाम मिल रहे हैं।
इस अनुसंधान के परियोजना अन्वेषक वैज्ञानिक डॉ. जगन सिंह गोरा ने कहा कि संस्थान के प्रक्षेत्र पर किए गये अनुसंधान में देखा गया है कि विभिन्न किस्मों के सात साल के पौधों पर प्रति पौधा पैदावार 40 किग्रा से लेकर 120 किग्रा तक तीसरे फल वर्ष में दर्ज की गयी है। हमने देखा है कि नीबूवर्गीय फलों की विभिन्न प्रजातियां बीकानेर की जलवायु में पूरे वर्षभर फल देने में सक्षम हैं, जैसे सितम्बंर से नवम्बर तक स्वींट ऑरेंजेज, नवम्बर-दिसम्बर में डेजी व फ्रिमोंट, जनवरी से मार्च किन्नौंम, अप्रैल से सितम्बर तक लाइम व लेमन की किस्में प्रमुख हैं जो यहां पैदावार देती हैं। संस्था्न में मौसम्बीक, सतगुडी एवं किन्नौं को विभिन्न 10 मूलवृंत पर लगाया है जिनके परिणाम भी सफल देखे जा रहे हैं। इन नीबूवर्गीय फलों की किस्मों को उगाने के लिए किसानों को मुख्यत: दो-तीन बातों का ध्यान रखना होता है जैसे – किस्म का चुनाव जो प्रमाणित संस्था से हो, पानी का पीएच मान 7 से 7.5 तक हो तथा ईसी 1 से कम हो। ऐसी परिस्थितियों में नीबूवर्गीय फलों की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।नाल ग्राम पंचायत के पूर्व वार्ड पंच ओमप्रकाश सोनी ने केंद्रीय शुष्क बागवानी केंद्र का भृमण कर केंद्र के निदेशक डॉ दिलीप कुमार समादिया व परियोजना अन्वेषक वेघानिक डॉ जगन सिह बोरा से मिलकर निम्बूवर्गीय फल(मोसम्बी,किनु) के बारे में जानकारी प्राप्त कर इन फलों के पेड़ों को नाल बड़ी,नाल छोटी,व डाइया ओर कावनी गावो के किसान अगर अपने खेतों में लगाये ह तो अछि पैदावार किसानों को मिल सकती ह उन्होंने इस बारे में इस छेत्र के किसानों को जाग्रत करने की जरूरत बताते हुवे किसानों को इसकी जानकारी देकर उन्हें इसे लगाने हेतु प्रेरित करने का आश्वासन दिया

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

CommentLuv badge

Topics

Translate:

Google News
Translate »
error: Content is protected !!