*बीकानेर नगर निगम बजट : धरातल से दूर कई घोषणाएं, आय बढ़ाने की अनदेखी*
इस बार शताब्दी वर्ष का होगा बजट : वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अभिभाषण की कई घोषणाओं पर एक साल बाद भी अमल नहीं
बीकानेर. नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित बजट को सदन के पटल पर रखने की तैयारियां तेज हो गई हैं। निगम प्रस्तावित बजट को अंतिम रूप दे चुका है। 13 फरवरी को वेटरनरी ऑडिटोरियम में होने वाली साधारण सभा के दौरान महापौर सुशीला कंवर प्रस्तावित बजट को सदन के पटल पर रखेंगी। निगम के प्रस्तावित बजट के दौरान बजट अभिभाषण में महापौर कई घोषणाएं कर सकती हैं।महापौर ने निगम के वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रस्तावित बजट के दौरान बजट अभिभाषण में कई घोषणाएं की थी। उन घोषणाओं में से कई घोषणाएं एक साल बाद तक धरातल पर नहीं आ सकी है। उन घोषणाओं का लाभ आमजन को अब तक नहीं मिल पाया है। निगम का शताब्दी वर्ष होने के कारण इस बजट में भी और कई घोषणाएं शहर को लेकर हो सकती है।
*आय बढ़ाने पर गौर नहीं*
वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रस्तावित बजट के दौरान निगम के राजस्व बढ़ोतरी पर जोर दिया था। राजस्व बढ़ाना तो दूर निगम ने जिन मदों में राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया था, वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में निगम फिसड्डी साबित हुआ है। अप्रेल 2022 से दिसंबर 2022 तक निगम में आय बढ़ाने को लेकर उदासीनता बरती गई। नगर निगम आयुक्त-महापौर के टकराव में ही उलझा रहा।
*इन घोषणाओं पर कार्य शुरू नहीं*
– नगरीय विकास कर की प्राप्ति के लिए पुन: सर्वे ही नहीं।
-मुख्य स्थानों पर स्मार्ट अण्डर ग्राउण्ड बिन्स नहीं लगे।
– निगम कार्यालय में बाबा साहेब व महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापित नहीं।
– मुख्य बाजारों व व्यस्त मार्गाे पर मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण नहीं।
– गणगौर पार्क में गणगौर एवं ईसर की प्रतिमाएं नहीं लगी।
– मुख्य कार्यालय का सम्पूर्ण जीर्णोद्धार नहीं हुआ।
– गजनेर रोड पर कला एवं संस्कृति केन्द्र की नहीं हुई स्थापना।
*राजस्व प्राप्ति के प्रयास भी नहीं*
– आवासन मण्डल व नगर विकास न्यास में करोड़ों की राशि बकाया।
– विद्युत विभाग से विद्युत सेस की राशि प्राप्त करने के प्रयास नहीं।
– जलदाय विभाग से वर्षों से राशि प्राप्त नहीं ।
-हर तीन साल बाद यूडी टैक्स सर्वे का प्रावधान। 17 साल बाद भी सर्वे नहीं।
– मोबाइल टावरों का नवीनीकरण शुल्क नहीं प्राप्त किया जा रहा।
– आवासीय भूखण्डों का व्यावसायिक उपयोग हो रहा। कर अधिरोपित नहीं।
-फायर सेस वसूली में भी उदासीनता।
*99 करोड़ रुपए होंगे वेतन-भत्ते व ग्रेच्यूटी पर खर्च*
नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2023-24 का प्रस्तावित बजट 13 फरवरी को होने वाली साधारण सभा में रखा जाएगा। महापौर 419 करोड 52 लाख 46 हजार रुपए का प्रस्तावित बजट सदन में पेश करेंगी। प्रस्तावित बजट के लिए रखे गए व्यय विवरण में 99 करोड़ 05 लाख 77 हजार रुपए निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, पेंशन ग्रेच्यूटी डीसीआरजी पर खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। यह राशि कुल बजट की लगभग 25 प्रतिशत है।

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