
बीकानेर । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान बीकानेर (आईसीएआर-सीएसडब्ल्यूआरआई) द्वारा आज स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान बीकानेर, द्वारा भेड़ बकरी पालक व किसान मेले का आयोजन भी किया गया । जिसमे बीकानेर तथा उदयपुर के विभिन्न गांवों के लगभग 400 किसानों ने भाग लिया । मेले में कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों के प्रदर्शन के लिए स्टालों की प्रदर्शनी भी लगाई गई । जिसमें आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों के गणमान्य लोगों ने सभा को संबोधित भी किया और वही वैज्ञानिक-किसान संवाद भी आज सत्र के दौरान आयोजित किया गया।
इस दौरान केंद्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ धीर सिंह ने कहा कि पूरे भारत की अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक महती स्थान रखता है।जिसमें भेड़ पालन बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि भेड़ मीट दूध और ऊन लिए काम में लाई जाती है। साथ ही पशुपालन के क्षेत्र से विदेशी मुद्रा की भी आय होती है।
डॉ अशोक कुमार तोमर, निदेशक केंद्रीय हेड एंड वूल रिसर्च संस्थान अविकानगर मालपुरा ने कहा कि किसानों के साथ मिलकर इस प्रकार का आयोजन किया जा रहा है उन्होंने भेड़पालन के विषय में बात करते हुए कहा कि मगरा मारवाड़ी तथा चोकला भेड़ कार्पेट वूल के लिए काम आती है। उन्होंने बताया कि निशुल्क एवं रियायती कीमत पर पशु उपलब्धता, फीडिंग, दाना सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ पशुपालन के द्वारा आय वृद्धि कैसे हो इस पर भी बातचीत की गई। मेले में भाग लेने वाले किसानों प्रताप सिंह, ओमप्रकाश , शांति तथा वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से पशुपालन की जानकारी मिलती है तथा इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।

Add Comment