कौन हैं CRPF के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह? जिन्हें हिंसाग्रस्त मणिपुर का सुरक्षा सलाहकार बनाया गया

1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पिछले साल सितंबर में सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। कुलदीप पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने मार्च 2021 से सितंबर 2022 तक सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में कार्य किया
विस्तार
मणिपुर में हुई हिंसा के बाद कई जिलों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच, सेना ने कहा कि मोरेह और कांगपोकपी में स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। वहीं, राजधानी इंफाल और हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।

इस बीच मणिपुर सरकार ने गुरुवार को सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह को अपना सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया। राज्य में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी।

वेटरन डे पर सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह –
कौन हैं कुलदीप सिंह?
1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पिछले साल सितंबर में सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। कुलदीप पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने मार्च 2021 से सितंबर 2022 तक सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। यह जिम्मेदारी उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा से ठीक पहले दी गई थी।

पौधारोपण करते कुलदीप सिंह –
एनआईए डीजी के तौर पर भी कर चुके हैं काम
इससे पहले वह बल में ही मध्य क्षेत्र के विशेष महानिदेशक पद पर कार्यरत रहे हैं। उन्हें एक अतिरिक्त प्रभार में, मई 2021 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का महानिदेशक बनाया गया था। मणिपुर सरकार द्वारा नियुक्त के साथ ही सिंह इंफाल पहुंच गए हैं।

Kuldeep Singh DG CRPF –
यूपीएससी ने पश्चिम बंगाल डीजीपी के लिए सुझाया था नाम
दिसंबर 2021 में यूपीएससी के नेतृत्व वाले पैनल ने पश्चिम बंगाल सरकार को पुलिस बल के प्रमुख (एचओपीएफ) के उम्मीदवारों के रूप में तीन नाम भेजे थे। दरअसल, राज्य और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध के कारण पिछले चार महीनों से राज्य में पूर्णकालिक डीजीपी नहीं था। जानकारी के अनुसार, यूपीएससी द्वारा प्रदान किए गए नामों में तत्कालीन डीजी सीआरपीएफ कुलदीप सिंह भी थे।

मणिपुर हिंसा –
अभी क्या हैं राज्य में हालात?
भारतीय सेना ने बताया कि अब मणिपुर में हालात नियंत्रण में हैं। वायु सेना ने C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 वायुयानों से लगातार दो दिन असम में उड़ानें भरीं। प्रभावित क्षेत्रों से सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रात भर उड़ानें भरी गईं। वहीं, चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।
इससे पहले, मणिपुर सरकार ने गुरुवार को अत्यधिक गंभीर मामलों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था। हिंसा के बीच भाजपा विधायक वुंगजगिन वाल्टे पर गुरुवार को इंफाल में भीड़ ने उस समय हमला किया जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ बैठक के बाद राज्य सचिवालय से लौट रहे थे। फेरजोल जिले के थानलोन से तीन बार के विधायक वाल्टे इंफाल में अपने आधिकारिक आवास की ओर जा रहे थे जब यह हमला हुआ।

मणिपुर हिंसा –
स्थिति को काबू करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। आठ जिलों में कर्फ्यू लगाए गए हैं। विभिन्न इलाकों में सेना की तैनाती की गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
वहीं, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने ट्रेनों की आवाजाही पर अस्थाई रोक लगा दी है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।

Chief Minister Manik Saha –
त्रिपुरा सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
इस बीच, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि त्रिपुरा सरकार ने मणिपुर में हाल की घटनाओं के संबंध में त्रिपुरा के निवासियों को 24×7 आधार पर सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा –
असम सरकार ने समर्थन देने की घोषणा की
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मणिपुर संकट पर चिंता जताई है और राज्य की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। मैं मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और इस संकट की घड़ी में असम सरकार ने पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया है।

पेमा खांडू, मुख्यमंत्री अरुणाचल प्रदेश –
छात्रों को निकालेंगे सुरक्षित बाहर: अरुणाचल प्रदेश सीएम
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने बताया कि प्रदेश सरकार मणिपुर सरकार के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने छात्रों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए उनके संपर्क में है। मणिपुर से छात्रों की सुरक्षित निकालने के लिए आयुक्त सीएमओ की देखरेख में एक समन्वय समिति भी गठित की गई है।
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