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बैक टू बैक हादसे, कई बार इमरजेंसी लैंडिंग; सेना के लिए सिरदर्द बने ALH Dhruv हेलीकॉप्टर पर लगी रोक ! पढे स्पेशल रिपोर्ट

बैक टू बैक हादसे, कई बार इमरजेंसी लैंडिंग; सेना के लिए सिरदर्द बने ALH Dhruv हेलीकॉप्टर पर लगी रोक

ALH Dhruv Choppers Operations Halts: दो दिन पहले हादसे में एक जवान की मौत के बाद भारतीय सेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ALH Dhruv के संचालन पर रोक लगा दी है। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस आशय का आदेश दिया गया है। आइए जानते हैं, आखिर यह हेलीकॉप्टर सेना के लिए सिरदर्द क्यों बन गया?

आखिर सेना के लिए क्यों सिरदर्द बना ALH Dhruv हेलीकॉप्टर?

आखिर सेना के लिए क्यों सिरदर्द बना ALH Dhruv हेलीकॉप्टर?

ALH Dhruv Choppers Operations Halts: भारतीय सेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (Advanced Light Helicopter) ALH DHRUV के संचालन पर रोक लगा दी गई है। दो दिन पहले ही यह हेलीकॉप्टर जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में क्रैश हो गया था। जिसमें एक जवान की जान गई थी। अब रक्षा मंत्रालय द्वारा ALH Dhruv के सभी ऑपरेशंस पर एक महीने के लिए रोक लगा दी गई है। इस फैसले के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस हेलीकॉप्टर में ऐसी क्या खराबी है कि इसे बैन कर दिया गया? क्या यह फैसला केवल किश्तवाड़ हादसे को आधार मानते हुए लिया गया है? इस सवाल की पड़ताल की। पड़ताल में यह बात सामने आई कि ALH Dhruv शुरू से दागदार रहा है। किश्तवाड़ से पहले भी ALH Dhruv कई बार हादसे की शिकार हुईं। दर्जनों बार इसकी इमरजेंसी लैडिंग कराई गईं। आइए जानते हैं, ALH Dhruv पर पड़ताल में क्या-क्या बातें सामने आई?


सबसे पहले जानिए ALH DHRUV के बारे में-


ALH DHRUV हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा निर्मित भारत का एक पल्टीपरप्स हेलीकॉप्टर है। भारतीय सेना के साथ-साथ इसे हाई प्रोफाइल लोगों को भी दिया गया है। इस हेलीकॉप्टर को नेपाल और इज़रायल को भी निर्यात किया गया था। फिर सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा इसे मंगाया गया है।

ALH DHRUV सेना के ऑपरेशन के साथ-साथ तलाशी अभियान, आपदा के समय में रेस्क्यू ऑपरेशन और मेडिकल इमरजेंसी में अहम भूमिका निभाता आया है। यह एक हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। जो नदी, पहाड़, जंगल में आसानी से आवाजाही करता है।

इसे बनाने की घोषणा जर्मनी की कंपनी की मदद से 1984 में की गई थी। 1992 में इसने पहली उड़ान भरी थी। फिर सेना की जरूरत के हिसाब से सुधार के बाद इसे 2002 से भारतीय सेना को सौंपा गया।


ALH DHRUV का तकनीकी पक्ष


52.1 फीट लंबे ध्रुव हेलीकॉप्टर की ऊंचाई 16.4 फीट है। इसे दो पायलट उड़ाते हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 291 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इनमें 12 सैनिक बैठ सकते हैं और यह बिना रुके 630 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसमें 8 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, 4 एयर-टु-एयर मिसाइल ले जाने की क्षमता है। एक्सपर्ट के अनुसार जब इसे डिजाइन किया गया था, तब इसे हल्के लड़ाकु चॉपर की श्रेणी में सबसे बेहतरीन हेलीकॉप्टर माना गया था।


ALH DHRUV का दागदार इतिहास, बीते 2 महीने में 3 हादसे


8 मार्च 2023: अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग

ALH DHRUV के हालिया हादसों की बात करें तो 8 मार्च 2023 की तारीख सामने आती है। इस रोज मुंबई से रेगुलर उड़ान पर निकले भारतीय नौसेना के ALH ध्रुव की अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। तब पावर और हाइट की कमी के कारण पायलट ने हेलीकॉप्टर को पानी उतारा था। तब सेना ने तुरंत ही दूसरे एयरक्रॉफ्ट को भेजकर क्रू के तीन लोगों को बचाया। इस इमरजेंसी लैंडिंग के बाद नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए।

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26 मार्च 2023: कोचीन में टला था बड़ा हादसा


मुंबई की घटना के बाद मार्च के महीने में ही 26 तारीख को केरल के कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास इंडियन कोस्ट गार्ड के ALH ध्रुव मार्क 3 हेलीकॉप्टर की टेस्ट उड़ान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी। लैंडिग के समय हेलिकॉप्टर 25 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। तब एक बड़ा हादसा होते-होते बचा था। हालांकि एक ट्रेनी का हाथ फ्रैक्चर हुआ था।


4 मई 2023: किश्तवाड़ में क्रैश, एक जवान शहीद


दो दिन पहले चार मई को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में क्राफ्ट्स मैन पब्बल्ला अनिल की मौत हो गई थी। आर्मी के मुताबिक सुबह 11:15 बजे सेना के हेलिकॉप्टर ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को तकनीकी खराबी की जानकारी दी थी।

इसके बाद वह एहतियाती लैंडिंग के लिए आगे बढ़े। खराब और अंडरग्रोथ जमीन की वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इन बड़े हादसों के अलावा भी एएलएच हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं।


सेना का सिरदर्द क्यों बना ALH Dhruv हेलीकॉप्टर?


बैक टू बैक हादसे और कई बार की इमरजेंसी लैंडिंग ALH Dhruv हेलीकॉप्टर की मैन्युफैक्चरिंग पर सवाल खड़े करती है। CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में HAL के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम रिपोर्ट किए जा रहे मामले से अवगत हैं, लेकिन सेना के अधिकारियों के बाद हम कोई विवरण नहीं दे सकते। रक्षा बल पहले से ही मामलों की जांच कर रहे हैं।”

ALH Dhruv पर रक्षा विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

रिटायर ग्रुप कैप्टन ऑगस्टाइन विनोद ने मीडिया से बात करते हुआ कहा कि ऐसी घटनाओं पर जवाबदेही तय करना तत्काल अनिवार्य है। ऐसी दुर्घटनाओं के कारणों को रोकने की जरूरत है और तकनीकी विफलताओं को समझने और उसे सामने लाने की जरूरत है। एएलएच के हादसों पर अभी सेना की जांच जारी है। जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। रिपोर्ट सामने आने के बाद इन हादसों के पीछे की वजह साफ होगी।


दो दशकों में 22 ALH हुए क्रैश


गौरतबल हो कि रक्षा मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दशकों में करीब 22 एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, इसके अलावा उनमें से कई के परिणामस्वरूप देश भर में कई आपातकालीन लैंडिंग हुई थी। संसद के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-2021 के बीच एएलएच से जुड़ी छह घटनाओं की सूचना मिली थी।

अभी भारतीय सेना के पास कितने ध्रुव हेलीकॉप्टर है?
रक्षा मंत्रालय ने द्वारा एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर के संचालन पर रोक लगाए जाने के समय तक भारत की तीनों सेनाओं के पास 300 से ज्यादा ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं। इनमें एयरफोर्स के पास 70, आर्मी के पास 191 और नेवी के पास 14 हेलीकॉप्टर्स हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेवी ने 11 और आर्मी ने 73 हेलीकॉप्टर का ऑर्डर दिया हुआ है। इंडियन आर्मी आज सभी 191 एएलएच ध्रुव के परिचालन पर रोक लगा दी है।

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