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बीकानेर में बॉर्डर पर हाइवे बने तस्करों के मददगार, रोकने के लिए कैमरों की दरकार

Drone monitoring barbed wire fence on state border or restricted area. Modern technology for security. Digital artwork with fictive vehicle.

बॉर्डर पर हाइवे बने तस्करों के मददगार, रोकने के लिए कैमरों की दरकार

Bikaner News: सीमा सुरक्षा बल ने टी पॉइंट चिह्नित कर सरकार को भेजे, पश्चिम सीमा पर पाक से हेरोइन तस्करी रोकने की कवायद

बॉर्डर पर हाइवे बने तस्करों के मददगार, रोकने के लिए कैमरों की दरकार

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बीकानेर. भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से ड्रोन की मदद से हेरोईन तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए अब कैमरों की मदद ली जाएगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम सरहद पर भारत माला सड़क और नेशनल व स्टेट हाइवे से बॉर्डर की तरफ जाने वाली सम्पर्क सड़कों को चिह्नित किया है, जिनसे तस्कर बॉर्डर तक पहुंच रहे हैं। इस सभी सड़कों के टी पॉइंटों पर कैमरे लगाकर निगरानी शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है। सरकार के साथ बीएसएफ स्थानीय जिला प्रशासन से भी इस काम में मदद मांग रहा है। बीएसएफ डीआईजी ने रेंज पुलिस महानिरीक्षक के साथ पुलिस महानिदेशक से भी इस संबंध में मुलाकात की है।

तस्कर नहीं पहुंच पाएं बॉर्डर तक

बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, हेरोइन डिलीवरी पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में हो रही है। तस्करी का पूरा नेटवर्क पंजाब से ऑपरेट हो रहा है। तस्करों के आका पंजाब से करियर (तस्कर) को राजस्थान से लगती सीमा पर भेजकर हेरोइन की डिलीवरी मंगवाते हैं। इसमें लोकल रास्तों की जानकारी के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेते हैं। एन्टी ड्रोन तकनीक पर तेजी से काम चल रहा है। परन्तु सबसे अहम है बॉर्डर तक भारतीय सीमा से तस्करों के पहुंचने को रोकना। इसके लिए अभी तक सामने आए तस्करी के मामलों का अध्ययन कर ग्रामीण मार्गों की पहचान की गई है, जहां से तस्कर हाइवे से बॉर्डर तक पहुंचते हैं।

भारत माला और हाइवे का फायदा

बीएसएफ के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के सामांतर पंजाब से राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर, बीकानेर, और बाड़मेर से होकर भारत माला सड़क परियोजना गुजरती है। नए बने इस चमचमाते हाइवे पर तस्कर पंजाब से कुछ ही घंटों में श्रीगंगानगर व बीकानेर से लगती सीमा तक पहुंचने लगे हैं। श्रीगंगानगर जिले में तो तस्करी की वारदातों वाले स्थान हाइवे से कुछ ही दूरी पर है। हाइवे पर केवल टोल नाकों पर ही कैमरे लगे हुए हैं। उनकी मॉनिटरिंग भी पुलिस या एजेंसी के पास नहीं है। श्रीगंगानगर और बीकानेर जिले से लगते 370 किलोमीटर लम्बे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर लगता है। राजस्थान के प्रवेशद्वार श्रीगंगानगर से लेकर घड़साना तक भारत माला हाइवे पंजाब से सीधा जुड़ा हुआ है। इसके बाद बीकानेर जिले से लगते बॉर्डर तक पहुंचने के लिए घड़साना से आगे रावला-खाजूवाला-दंतौर स्टेट हाइवे है।

बीकानेर में 30 पॉइंट

बीएसएफ की ओर से बीकानेर सेक्टर में कैमरे लगाने के लिए 30 पॉइंट तय किए गए हैं। यह हाइवे से सम्पर्क सड़कों के टी प्वाइंट और स्टेट हाइवे को मिलाने वाले सर्किल हैं। इसी तरह श्रीगंगानगर सेक्टर में भी ऐसे 40 पॉइंट हैं, जहां से सड़कें सीधे बॉर्डर तक पहुंचती हैं। आगे जैसलमेर और बाड़मेर सेक्टर में भी इसी तरह पॉइंट तय किए गए हैं। बीकानेर जिला कलक्टर ने इस प्लान को मूर्त रूप देने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेजा है। विभाग ने बीएसएफ से इसमें कुछ संशोधन करवाया है। प्रशासन ने बजट के लिए राज्य सरकार को भेजा है।

पंजाब से आ रहे तस्कर, हाइवे पर निगरानी जरूरी

बॉर्डर पार से हेरोइन आदि तस्करी का माल लेने वाले पंजाब से आ रहे हैं। पंजाब से राजस्थान में प्रवेश के स्थानों पर निगरानी के लिए पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात की है। तस्कर दोपहिया, चौपहिया वाहन पर भागने के लिए नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे की मदद लेते हैं। सुरक्षा संबंधी बैठक में हाइवे व सम्पर्क सड़कों पर कैमरे लगवाने का प्रस्ताव दिया है। प्रशासन और सरकार को भी प्रस्ताव भेजे गए हैं।

– पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, सेक्टर डीआईजी बीएसएफ बीकानेर

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