गरमा रहा सीएम अशोक गहलोत V/S राजेंद्र राठौड़, जानें क्या है विवाद का वसुंधरा राजे कनेक्शन?
Rajasthan Politics : राजस्थान में गरमा रहा सीएम अशोक गहलोत V/S राजेंद्र राठौड़, सीएम अशोक गहलोत के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का पलटवार आया है।




जयपुर।
राजस्थान में मौसम की गर्माहट बढ़ने के साथ-साथ सियासी पारा भी गर्माता जा रहा है। चुनावी वर्ष होने के कारण ऐसा होना स्वाभाविक भी है। चुनाव तारीख नज़दीक आने के साथ ही नेताओं के बीच बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप अभी और बढ़ना भी तय है। फिलहाल सीएम अशोक गहलोत के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का पलटवार आया है।
सीएम गहलोत की टिप्पणी, राठौड़ पर निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते दिनों अपने नागौर दौरे के दौरान राजेंद्र राठौड़ को लेकर टिप्पणी की थी। नावां गांव में हुई एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत जब उनके और पूर्व सीएम वसुंधरा के बीच राजनीतिक रिश्ते का ज़िक्र कर रहे थे तब उन्होंने हुए राजेंद्र राठौड़ का नाम लिया था।
सीएम गहलोत ने कहा कि मेरी और वसुंधरा राजे की 15 वर्षों में 15 मिनट बात नहीं हुई। हमारे टॉकिंग टर्म नहीं थे। राजेंद्र राठौड़ जैसे लोग उनके एडवाइजर हुआ करते थे। वो चाहते ही नहीं थे कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के संबंध अच्छे रहे। मेरे और वसुंधरा जी के संबंध कभी ठीक नहीं रहे। दुआ-सलाम के भी नहीं रहे, अभी लोगों ने भड़का दिया, ऐसे लोग बड़े खतरनाक होते हैं।

राठौड़ का पलटवार, निशाने पर सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत के सार्वजनिक सभा में राजेंद्र राठौड़ को लेकर की गई टिप्पणी पर राठौड़ का पलटवार आना लाज़मी था। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट संदेश में लिखा, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, मैंने तो भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर तत्कालीन वसुंधरा राजे जी की सरकार के समय पार्टी के एक कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता के नाते मुझे दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था। मैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों की पालना करने में विश्वास रखता हूं और आप कांग्रेस आलाकमान के भेजे गए दूतों को बेइज्जत कर बैंरग भेजने की राजनीति में विश्वास रखते हैं।’
राठौड़ ने आगे लिखा, ‘कांग्रेस आलाकमान के लिए सबसे बड़े शर्म की बात है कि आपने 25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक ही नहीं होने दी और 92 विधायकों का इस्तीफा दिलवाकर आलाकमान के मुंह पर करारा तमाचा मारा था।’
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, ‘आदरणीय भैरोंसिंह शेखावत जी मेरे जैसे अनगिनत कार्यकर्ताओं के गुरु रहे हैं। मुझे गर्व है कि मैं उनका शिष्य रहा हूं। धोखा देने की राजनीति हमारे संगठन की परम्परा नहीं रही। धोखे की राजनीति तो कांग्रेस के डीएनए में हैं जहां कुर्सी के चक्कर आप अपने लोगों को भी धोखा देने में बख्श नहीं रहे हो। इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि महंगाई राहत कैंपों के जरिये आप जनता को राहत देने की बजाय लगातार अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति में लगे हुए हैं।’
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