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निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने निकाली प्रदेश के 32 हजार 722 निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिए ऑनलाइन लॉटरी आरटीआई, गरीब एवं कमजोर तबके के बच्चों के लिए वरदान-शिक्षा मंत्री

सही कार्य कर रहे निजी स्कूलों को तत्परता से फीस पुनर्भरण के निर्देश


जयपुर, 19 मई। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शुक्रवार को शिक्षा संकुल में प्रदेश के 32 हजार 722 गैर सरकारी विद्यालयों में आरटीई के तहत निःशुल्क प्रवेश के लिए वरीयता का निर्धारण करने के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली। इसके माध्यम से इन विद्यालयों में प्री-प्राइमरी एवं कक्षा-1 की 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब, कमजोर एवं वंचित वर्ग के बालक-बालिकाओं को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा दी जाएगी, इन विद्यार्थियों की फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। लॉटरी द्वारा जारी विद्यालय वार वरीयता सूची अभिभावक प्राइवेट स्कूल पोर्टल https://rajpsp.nic.in के होम पेज पर ‘वरीयता सूची‘ के लिंक को क्लिक करके देख सकते हैं। इसके साथ ही आवेदन की आईडी (नम्बर) एवं मोबाईल नम्बर से लॉगिन करके बालक-बालिकाओं के वरीयता क्रमांक को सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देखा जा सकता है।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था, जो देश और प्रदेश में कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। प्रदेश में वर्ष 2012-2013 से निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निःशुल्क सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है, तब से लेकर अब तक करीब राज्य के करीब 9 लाख बालक-बालिकाओं को इसका सीधा फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा पारदर्शिता के साथ समस्त प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है, और भारत सरकार के नॉर्म्स के अनुसार निजी विद्यालयों को इन विशेष वर्गों के विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए राशि का पुनर्भरण किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरटीई के तहत जो निजी विद्यालय सही तरीके से कार्य कर रहे हैं, उनको प्राथमिकता और तत्परता से समय पर फीस का पुनर्भरण सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए।
इफेक्टिव सुपरविजन‘ और प्रबंधकीय कौशल से लाए निखार
डॉ. कल्ला ने कहा कि स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार की सतत पहल, प्रयास और शैक्षिक नवाचारों से प्रदेश में सरकारी विद्यालयों के स्तर में लगातार गुणात्मक सुधार हो रहा है। सरकार ने प्रदेश में करीब 2700 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले है, आने वाले दिनों में ऐसे दो हजार विद्यालय और खोले जाएंगे। इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में प्रशिक्षित टीचर्स और तमाम तरह के संसाधन उपलब्ध है, ऐसे में सभी प्रधानाध्यापक, प्राचार्य और अधिकारी शिक्षकों के साथ मिलकर सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को नए स्तर ले जाने के संकल्प के साथ कार्य करे। उन्होंने निजी स्कूलों से ‘हैल्दी कॉम्पीटिशन‘ के लिए ‘इफेक्टिव सुपरविजन‘ और ‘प्रबंधकीय कौशल‘ के मूलमंत्र के साथ कार्य करने पर बल दिया।
स्कूली शिक्षा में और बेहतर कार्यों पर रहेगा फोकस
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश में स्कूली शिक्षा में नई पहल तथा और अच्छा कार्य करने पर विभाग का पूरा फोकस रहेगा। उन्होंने लॉटरी प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ समय पर सम्पादित करने के लिए विभागीय टीम को बधाई दी। शिक्षा निदेशक श्री गौरव अग्रवाल ने इसे शिक्षा विभागीय गतिविधियों में सबसे बड़ा अभियान बताते हुए आगामी दिनों में विद्यार्थी, अभिभावक, निजी स्कूल एवं शिक्षा विभागीय अधिकारियों के स्तर से सम्पादित की जाने वाली प्रक्रिया और टाइमलान के बारे में विस्तृत जानकारी दीं। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट सचिव श्रीमती चित्रा गुप्ता, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक श्री राकेश गुप्ता एवं राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी श्री जेके वर्मा के अलावा राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारी, कार्मिक, शिक्षाविद और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
पोर्टल पर 5 लाख 38 हजार बालक-बालिकाओं के 18 लाख 15 हजार आवेदन
प्रदेश के 37 हजार 345 निजी स्कूलों में से 32 हजार 722 विद्यालयों में आरटीई के तहत निःशुल्क सीटों पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर 5 लाख 38 हजार 579 बालक-बालिकाओं (बालक- 2 लाख 85 हजार 799, बालिकाएं- 2 लाख 52 हजार 765, थर्ड जेन्डर- 15) के 18 लाख 15 हजार 489 (बालक- 9 लाख 58 हजार 129, बालिकाएं- 8 लाख 57 हजार 319, थर्ड जेन्डर- 41) आवेदन लॉटरी के लिए प्राप्त हुए। वहीं अन्य 4 हजार 623 निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। आनलाइन लॉटरी जारी होने के बाद आगामी दिनों में समयबद्ध कार्यक्रम के तहत निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिए प्रक्रिया सम्पादित होगी।
ये रहेगी महत्वपूर्ण टाइमलाइन
लॉटरी जारी होने के बाद अब अभिभावकों को आगामी 2 जून तक ऑनलाइन रिर्पोटिंग करनी होगी, इसमें विद्यालय का चयन किया जाएगा। लॉटरी में प्रथम चयनित निजी विद्यालय, 19 मई से 6 जून की अवधि में आवेदन पत्रों की जांच करेंगे। अभिभावकों की ओर से 12 जून तक दस्तावेजों में संशोधन किया जा सकता है। वहीं 19 मई से 23 जून 2023 के दौरान सीबीईओ द्वारा सम्बंधित निजी विद्यालयों की ‘रिक्वेस्ट‘, बालक-बालिकाओं के दस्तावेज रि-अपलोड नहीं करने या अभिभावकों द्वारा संशोधन दर्ज किए जाने के सम्बंध में जांच की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद राज्य स्तर पर एनआईसी की ओर से 26 जून को शेष समस्त आवेदनों को ऑटो वैरीफाई और फिर 27 जून को पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीटों पर चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा ही पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीटों पर चयन (सशुल्क बालकों के प्रवेश एवं वरीयता क्रम के आधार पर) 28 जून से 30 सितम्बर 2023 तक किया जाएगा।

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