जेलों में बंद अपराधी, बाहर बैठे हार्डकोर मददगार
– संभाग में लगभग एक हजार मददगार पुलिस के राडार पर, सूचीबद्ध हो रहे नाम- मददगारों में जनप्रतिनि-व्यापारी से लेकर अफसरों तक के नाम शामिल- जेलों से बन रही रंगदारी, लूट और मर्डर की योजनाएं



केस एक :- चूरू जिले के राजगढ़ में फरवरी, 22 को दो पिस्तौल व कारतूस बरामद किए गए। जेल में झुंझुनूं के शराब ठेकेदार की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया।
केस दो :- जयपुर के जी क्लब में फायरिंग मामले का कनेक्शन भी जेल से जुड़ा मिला। बीकानेर जेल में बदमाश अभिषेक कोली उर्फ सोनू मराठा संलिप्त पाया गया। निशानदेही पर रितिक बॉक्सर व जेपी जाट को पकड़ा।
केस तीन :- हरियाणा के भिवानी निवासी संदीप जेहरली की हत्या की योजना जेल में बनाई जा रही थी, जिसका पुलिस ने भंडाफोड़ कर हार्डकोर बदमाशों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था।
बीकानेर. जेलों में बैठे हार्डकोर अपराधी वहीं से रंगदारी, लूट और मर्डर की योजनाएं बना रहे हैं। इनके मददगार जेलों के बाहर बैठे लोग हैं, जो इन्हें आर्थिक के साथ-साथ हर संभव मदद कर रहे हैं। बीकानेर रेंज में हजारों ऐसे लोग पुलिस के रडार पर हैं, जो जेलों में बंद बदमाशों के मददगार हैं। अब पुलिस इन पर शिकंजा कसेगी।


जेलों में हार्डकोर पर कोई बंदिश नहीं
जेल सूत्र बताते हैं, जेलों से हार्डकोर बदमाश अपनी मनमर्जी से हुकूमत चलाते हैं। मोबाइल का धड़ल्ले से उपयोग करते हैं। जेल में बैठे-बैठे लूट, डकैती, रंगदारी, फायरिंग व मर्डर जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। यह कई बार प्रमाणित हो चुका है। नागौर का संदीप सेठिया हत्याकांड हो या सीकर का राजू ठेहठ हत्याकांड, इनकी योजना जेलों में बंद हार्डकोर बदमाशों ने ही बनाई और बाहर बैठे लोगों से वारदात को अंजाम तक पहुंचाया।
इंटर स्टेट कमेटी की मीटिंग में उठा मुद्दा
करीब तीन महीने पहले जयपुर में इंटर स्टेट क्राइम कंट्रोल कमेटी की बैठक हुई, जिसमें विशेष रूप से जेलों में बैठे हार्डकोर बदमाशों के संगीन वारदातों को अंजाम देने पर चिंता जताई गई थी। तथ्य सामने लाया गया कि हार्डकोर की मदद जेलों से बाहर बैठे लोग कर रहे हैं। हार्डकोर बदमाशों को तोड़ने के लिए मददगारों पर शिकंजा कसना जरूरी है। बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए थे।
बीकानेर रेंज में एक हजार मददगार
पुलिस सूत्रों की मानें, तो बीकानेर रेंज में जेलों में बंद हार्डकोर बदमाशों के लगभग एक हजार मददगारों की पहचान हुई है, जिन्हें पुलिस ने सूचिबद्ध कर लिया है। इन मददगारों में जनप्रतिनिधि, व्यापारी एवं महिलाएं भी शामिल हैं। बीकानेर रेंज पुलिस ने चूरू में 500, बीकानेर में 200, हनुमानगढ़ में 200 एवं श्रीगंगानगर में 100 लोगों को चयनित किया है।
जेलों में बंद हार्डकोर बाहरी लोगों की मदद से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस मुद्दे पर इंटर स्टेट क्राइम कंट्रोल कमेटी की बैठक में चिंतन किया गया था। बैठक में लिए निर्णय आधार पर हार्डकोर अपराधियों के मददगारों पर नकेल कसेंगे।
– ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज
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