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ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट में 288 नहीं, 275 मौतें:चीफ सेक्रेटरी बोले- कुछ शव दो बार गिने; रेलवे ने कहा- इंटरलॉकिंग और सिग्नल गड़बड़ी से हादसा

ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट में 288 नहीं, 275 मौतें:चीफ सेक्रेटरी बोले- कुछ शव दो बार गिने; रेलवे ने कहा- इंटरलॉकिंग और सिग्नल गड़बड़ी से हादसा

भुवनेश्वर/बालासोर

ओडिशा में बालासोर ट्रेन हादसे के दो दिन बाद ओडिशा सरकार ने दावा किया है कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। राज्य के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार को कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को एक्सीडेंट साइट का जायजा लेने के बाद कहा- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। हमने जिम्मेदारों की पहचान कर ली है। इसके बाद रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलेपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा- शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।

बालासोर में हादसे की जगह ट्रैक को रिपेयर करने का काम जारी है। रविवार सुबह तक दुर्घटना का शिकार हुए कोच ट्रैक से हटा दिए गए थे।

बालासोर में हादसे की जगह ट्रैक को रिपेयर करने का काम जारी है। रविवार सुबह तक दुर्घटना का शिकार हुए कोच ट्रैक से हटा दिए गए थे।

रविवार रात तक रूट रिपेयर होने की उम्मीद
रेल बोर्ड की मेंबर ने यह भी कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हुआ था। उस समय ट्रेन की स्पीड 128 किमी/घंटा थी। टक्कर के बाद मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। इसी वजह से काफी लोगों की जान गई। उन्होंने रविवार रात 8 बजे तक 2 लाइनें ठीक होने की उम्मीद भी जताई।

खबर से जुड़े अपडेट्स…

  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर बताया कि ट्रैक रिपेयरिंग के बाद दोपहर 12:05 बजे डाउन मेन लाइन शुरु हो गई है।
  • दिल्ली से एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम AIIMS भुवनेश्वर पहुंची है। यह टीम 100 से क्रिटिकल मरीजों का इलाज करेगी।
  • ओडिशा हादसे के बाद कुछ शवों को लेने अब तक कोई नहीं आया है। सरकार ने परिजनों से शव ले जाने की अपील की है।
हादसे में मरने वालों की तस्वीरें जारी की गई हैं, जिससे लोग शव की पहचान कर सकें।

हादसे में मरने वालों की तस्वीरें जारी की गई हैं, जिससे लोग शव की पहचान कर सकें।

रेलवे ने अलग-अलग स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यहां लोग राहत-बचाव कार्य और मृतकों-घायलों के बारे में जानकारी ले सकते हैं…

  • इमरजेंसी कंट्रोल रूम: 6782262286
  • हावड़ा: 033-26382217
  • खड़गपुर: 8972073925, 9332392339
  • बालासोर: 8249591559, 7978418322
  • कोलकाता शालीमार: 9903370746
एक्सीडेंट साइट पर लोगों का सामान बिखरा हुआ है। मशीनें शनिवार से लगातार ट्रैक रिपेयरिंग में जुटी हुई हैं।

एक्सीडेंट साइट पर लोगों का सामान बिखरा हुआ है। मशीनें शनिवार से लगातार ट्रैक रिपेयरिंग में जुटी हुई हैं।

यार्ड ले-आउट से समझें हादसे के समय तीनों ट्रेन की स्थिति
इस यार्ड ले-आउट के जरिए दुर्घटना के समय तीनों ट्रेनों की स्थिति को बताया गया है…

1. बीच वाली अप लाइन है, जहां शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी। वहीं दूसरी डाउन लाइन पर, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पार कर रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसके बाद वे बगल की पटरियों पर एक मालगाड़ी से टकरा गए और कुछ डिब्बे डाउन मेन लाइन पर भी गिर गए। बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों को टक्कर मार दी।

इस यार्ड लेआउट के जरिए दुर्घटना के समय तीनों ट्रेन की स्थिति को बताया गया है।

इस यार्ड लेआउट के जरिए दुर्घटना के समय तीनों ट्रेन की स्थिति को बताया गया है।

कोरोमंडल ट्रेन मालगाड़ी से टकराई, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस इसकी बोगियों से भिड़ी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

दोनों ट्रेनों के बहानगा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का फर्क था, पर एक साथ आ गईं
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।

वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था, लेकिन 7 बजे के करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।

नीचे पांच फोटो में देखिए हादसे के दो दिन बाद के हालात…

यह हादसे का एरियल व्यू है। कई कोच पूरी तरह से तहस-नहस हो गए।

यह हादसे का एरियल व्यू है। कई कोच पूरी तरह से तहस-नहस हो गए।

पहले ट्रेन डिरेल होने की खबर आई, फिर टकराने की जानकारी मिली
हादसे के एक घंटे बाद शाम को करीब 8 बजे बालासोर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर आई। इसके बाद दूसरी ट्रेन डिरेल होने की बात पता चली। रात करीब 10 बजे साफ हुआ कि दो यात्री गाड़ियां और एक मालगाड़ी टकराई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया।

यह तस्वीर पीएम मोदी के शनिवार को घटनास्थल पहुंचने के दौरान की है। PM ने फोन करके पीड़ितों के इलाज को लेकर निर्देश दिए थे।

यह तस्वीर पीएम मोदी के शनिवार को घटनास्थल पहुंचने के दौरान की है। PM ने फोन करके पीड़ितों के इलाज को लेकर निर्देश दिए थे।

PM मोदी घटनास्थल पर घायलों से मिले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम करीब 4 बजे घटनास्थल पहुंचे। वे अस्पताल में घायलों से भी मिले। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम इस घटना से सबक लेंगे और व्यवस्था को सुधारेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हादसे को लेकर शोक जताया है। व्हाइट हाउस ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा- हमारी संवेदनाएं हादसे के पीड़ितों के साथ हैं।

14 साल, शुक्रवार का यही वक्त, जब ओडिशा में ही कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी हुई थी
कोरोमंडल एक्सप्रेस 14 साल साल पहले यानी कि 13 फरवरी 2009 को भी ऐसे ही हादसे का शिकार हुई थी। इत्तफाक की बात है कि वह हादसा भी शाम के साढ़े 7 बजे के करीब ही हुआ था। ट्रेन जाजपुर रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी। इसी दौरान वह गलत ट्रैक पर चली गई और उसकी 8 बोगियां पलट गई थीं। हादसे में 16 यात्रियों की मौत हुई थी और 40 से ज्यादा घायल हुए थे।

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