दो बड़े ऑपरेशन:पीबीएम- 53 वर्षीय महिला के घुटने का प्रत्यारोपण, सैटेलाइट- बुजुर्ग मरीज के कूल्हे का ऑपरेशन हुआ
- सैटेलाइट हॉस्पिटल में 65 वर्षीय बुजुर्ग के बाइपोलार हेमीआर्थोप्लास्टी सर्जरी कर सफल ऑपरेशन किया गया
पीबीएम हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में मंगलवार को 53 वर्षीय महिला का घुटना प्रत्यारोपित किया गया। पीड़िता पिछले पांच वर्ष से घुटने के दर्द से पीड़ित थी। ट्रोमा सेंटर के अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ. बीएल खजोटिया ने बताया कि हॉस्पिटल में यह 50वां घुटना प्रत्यारोपण था, जो पूर्णतया सफल रहा।
आमतौर पर घुटना प्रत्यारोपण ऑपरेशन में टोरनी कवेट पद्धति से रबड़ या हवा के प्रेशर से खून की नाड़ियों को ब्लॉक किया जाता है। लेकिन इस मरीज के मामले में नई पद्धति का सहारा लिया गया। जिसमें गंदा खून निकालने और नाड़ी ब्लॉकेज का खतरा नहीं रहा। फिजियोथेरेपी के बाद रोगी का घुटना 120 डिग्री तक काम करने लगेगा। ऑपरेशन के दौरान डॉ. संजय तंवर, रेजिडेंट डॉ. श्याम, एनेस्थिसिया की डॉ.नेहा, डॉ. पीरू सिंह तथा नर्सिंग ऑफिसर मगाराम मौजूद थे।
चार घंटे बाद बुजुर्ग के चेहरे पर लौटी मुस्कान
सैटेलाइट हॉस्पिटल में 65 वर्षीय बुजुर्ग के बाइपोलार हेमीआर्थोप्लास्टी सर्जरी कर सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के चार घंटे बाद ही मरीज ने आराम महसूस किया। ऑपरेशन में करीब दो घंटे का समय लगा। सैटेलाइट हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवीण चतुर्वेदी ने बताया कि अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेश सोनी एवं समीर पंवार ने बताया कि ऑपरेशन जटिल था। मरीज के कूल्हे की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया था। इसके फिमर बोन के नेक का पार्ट जब टूटता है तब मरीज को असहनीय दर्द होता है। ऑपरेशन में डॉ. प्रवीण पेंसिया, नर्सिंग स्टाफ स्वरूपसिंह राजपुरोहित, कुलदीप आदि का भी विशेष सहयोग रहा।
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