राजस्थान में महंगा पेट्रोल, 3 साल में 270 पंप बंद:पड़ोसी राज्यों की बिक्री बढ़ी, दावा- वैट घटे तो पेट्रोल 97 व डीजल 90 रुपए लीटर मिलेगा

राजस्थान में पेट्रोल पंप संचालक आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि आज और कल 8 घंटे की हड़ताल करेंगे। फिर भी अगर पेट्रोल डीलर्स की मांगें नहीं मानी जाती तो 15 सितंबर से राजस्थान में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई है।
हड़ताल की वजह है- राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट काफी ज्यादा है। बॉर्डर जिलों के लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर पेट्रोल भरवा रहे हैं।
एसोसिएशन का तर्क है कि अगर वैट घटे तो राजस्थान में पेट्रोल लगभग 97 रुपए (16 रुपए सस्ता) और डीजल 90 रुपए (11 रुपए सस्ता) के आसपास पहुंच सकता है।
पढ़िए क्यों आई हड़ताल की नौबत और किस तरह प्रभावित हो रहे लोग…
हड़ताल का पहला कारण : बढ़ा हुआ वैट
राजस्थान में इस वक्त पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट है। साथ ही 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है।

इसी तरह डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट है। वहीं, इस पर 1.75 रुपए प्रति लीटर सैस वसूला जा रहा है।
राजस्थान उन राज्यों में है जहां पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स दिया जा रहा है।
राजस्थान से ज्यादा वैट पेट्रोल पर तेलंगाना में है। मगर वहां कोई अतिरिक्त सैस नहीं है। इसके चलते राजस्थान से सस्ता पेट्रोल मिल रहा है।
वहीं डीजल की बात की जाए तो कई राज्यों में डीजल पर राजस्थान से भी ज्यादा वैट है। राजस्थान में फिलहाल डीजल पर 19.30 रुपए वैट है। इसके अलावा 1.75 रुपए प्रति लीटर सैस भी लगा हुआ है।
दूसरा कारण : पड़ोसी राज्यों में सस्ता तेल
हड़ताल का दूसरा बड़ा कारण राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होना है।
कुछ राज्यों में भले ही राजस्थान के बराबर या इससे ज्यादा वैट पेट्रोल-डीजल पर हो, लेकिन राजस्थान के लिए समस्या इसलिए है कि राजस्थान से सटे पड़ोसी राज्यों में यहां की तुलना में काफी सस्ता पेट्रोल-डीजल है।
वहां पर वैट भी काफी कम है। यही वजह है कि राजस्थान के किसी भी कोने से आने वाले वाहन में पेट्रोल पड़ोसी राज्यों से भर रहा है। इससे राजस्थान के पेट्रोल पम्प संचालकों को नुकसान हो रहा है।
राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दरें काफी कम है। पेट्रोल जहां 16 रुपए तक तो डीजल 11 रुपए तक सस्ता मिल रहा है।

- पंजाब से तुलना करें तो पंजाब बॉर्डर से सटे राजस्थान के जिलों में पेट्रोल की कीमत में 13 से 16 रुपए और डीजल में 8 से 11 रुपए तक का अंतर है।
- हरियाणा की तुलना में पेट्रोल की कीमत 12 से 13.50 रुपए और डीजल में 4 से 5.50 रुपए तक का अंतर।
- यूपी की तुलना में पेट्रोल में 11 से 12.70 रुपए और डीजल में 3 से 5 रुपए तक का अंतर है।
- गुजरात की तुलना में पेट्रोल पर 12 से 14 रुपएऔर डीजल पर 2 से 3.5 रुपए प्रति लीटर तक का अंतर।
- दिल्ली की तुलना करें पेट्रोल में 11 से 12.50 रुपए और डीजल पर 4 से 5 रुपए का अंतर है।
MP में कीमतें लगभग राजस्थान के बराबर
महाराष्ट्र से अगर तुलना करें तो अंतर अलग-अलग जिलों के अनुसार 5 से 8 रुपए तक का है। पुणे, नाशिक, ग्रेटर मुम्बई जैसी जगहों पर 105 से 107 रुपए प्रति लीटर तक पेट्रोल बिक रहा है। वहीं, दूसरी और मध्यप्रदेश में यह कीमतें 108 से 110 रुपए के करीब हैं। एमपी में पेट्रोल की कीमतें लगभग राजस्थान के बराबर हैं।
मगर राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में इसके मुकाबले 2 से 3 रुपए महंगा पेट्रोल है। एमपी में पेट्रोल पर 29 प्रतिशत और डीजल पर 19 प्रतिशत वैट है। इसके अलावा कुछ सैस भी एमपी में लगे हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र में पेट्रोल पर 25 प्रतिशत और डीजल 21 प्रतिशत वैट है।
वहीं, अगर डीजल पर वैट की बात करें तो आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना राज्यों में राजस्थान से ज्यादा वैट है, लेकिन कीमत कम है।
गाड़ियों में भरे होते हैं ड्रम
पेट्रोल पम्प संचालक मनोज गोयल बताते हैं कि सबसे बड़ी समस्या बॉर्डर क्षेत्रों को है। भीलवाड़ा, अजमेर को छोड़कर ज्यादातर जिलों में ये समस्या है।
यहां से गाड़ियां पड़ौसी राज्यों में ट्रैवल करती हैं, लेकिन यहां से कोई पेट्रोल-डीजल नहीं भरवाता। बड़े ट्रक ड्रम रखते हैं। एक राज्य से फुल कराकर और ड्रमों में भराकर ले आते हैं। सरकार अगर तेल की रेट कम करती है, तो ये गड़बड़ियां भी कम हो जाएगीं।
एक्स्ट्रा फ्यूल के लिए ट्रक में दो टंकियां
उदयपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के राजेश्वर जैन बताते हैं कि सरकार को यह समझना होगा कि वैट कम करने से राजस्व घाटा नहीं होगा।
अगर कोई व्यक्ति एक लीटर डीजल गुजरात में भरवाता है तो लगभग राजस्थान में उससे 17 रुपए का नुकसान होता है। इस तरह से सरकार राजस्व को बढ़ा नहीं रही बल्कि कम कर रही है। इससे तस्करी भी चालू हो गई है।
अपने ट्रकों में लोग दो-दो टंकियां लगाकर रखते हैं और 400 लीटर अतिरिक्त फ्यूल लेकर घूमते हैं। इससे संचालकों की सेल कम हो गई है।
कम्पनी ऑपरेटेड पम्पों में पहले 20 से 25 लाख लीटर हर महीने की सेल होती थी। जो अब गिरकर 80 हजार से 1 लाख लीटर हर महीने हो गई है।
10 पंप हो चुके हैं बंद
गंगानगर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता बताते हैं कि गंगानगर में 10 पंप बंद हो चुके हैं।
हमारी ओर से यह आखिरी कोशिश है। फिर भी सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमें भी पंप बंद करने पड़ेंगे। जयपुर और गंगानगर के बीच ही पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपए का अंतर है।
कोरोना के नाम पर भी जो वैट बढ़ाया था, उसे भी सरकार को पूरी तरह से हटाना चाहिए। इसके अलावा जो रोड सैस ले रहे हैं वो किस बात का है। ऐसी कौनसी रोड बन गई जिसके लिए ये सैस ले रहे हैं।
रोज पंजाब से 1 लाख लीटर पेट्रोल आ रहा है। मेरे पंप की सेल 9 हजार लीटर पर हर महीने है और पंजाब में हर पंप 50 हजार लीटर डीजल और 15 हजार पेट्रोल बेचता है। 10 पंप बंद हो गए हैं लगभग 30 और बंद होने वाले हैं।
कोविड में लगा वैट पूरा हटाया जाए
पेट्रोल पम्प संचालकों का कहना है कि कोविड के दौरान सरकार ने 3 बार अलग-अलग तरीके से कोविड के नाम पर 8 प्रतिशत वैट बढ़ाया था। उसमें से 6.70 प्रतिशत ही वापस हटाया है। कोविड के नाम पर लगा वैट पूरी तरह हटाया जाना चाहिए।
जब कोविड के समय बॉर्डर सील हो गए थे। तब राजस्थान में बिक्री काफी अच्छी हुई थी। तब सेल 5 गुना तक बढ़ गई थी। बॉर्डर सील होने की वजह से पेट्रोल राजस्थान में ही भराया जा रहा था। वहीं अब 5 गुना कम हो गई है।
झुंझुनूं पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकित डेला बताते हैं कि हमारे यहां फ्यूल कंजम्पशन बहुत हाई है। यहां कृषि प्रधान क्षेत्र है। माइंस वगैरह भी हैं।
इसका सारा फ्यूल हरियाणा से लाया जा रहा है। हमारे व्हीकल्स हरियाणा से जाकर पेट्रोल-डीजल लाते हैं। वो 500 रुपए का पेट्रोल भराकर हरियाणा मूव कर जाएगा। फिर वहां से पेट्रोल भराएगा। इससे क्राइम भी बढ़ रहा है।
ऐसे कई पंप हैं जो बंद हो चुके हैं। यहां से स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे हैं। इंडस्ट्रियल स्टेट को लिंक करते हैं। यहां से गुजरने वाले हर ट्रक में डबल टैंक मिलेंगे वो पहले से भराकर आते हैं।
वो हमारी सड़कें यूज करते हैं, मगर रेवेन्यू पड़ोसी राज्य अर्जित कर रहा है। झुंझुनूं में 10 से 15 पंप बंद हो गए हैं और आने वाले दिनों में 50 से ज्यादा बंद होने की कगार पर हैं।
270 पम्प हो गए बंद
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने से राजस्थान में बिक्री घटी है।
एसोसिएशन का दावा है कि बिक्री नहीं होने से राजस्थान में पिछले 3 साल में 270 पम्प बंद हो चुके हैं। कई पम्प बिकने की कगार पर भी हैं।
पड़ोसी राज्यों में बिक्री बढ़ रही, राजस्थान में खास नहीं
पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि राजस्थान से सटे सभी राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री बढ़ रही है।
2020-21 के मुकाबले 2021-22 में हरियाणा में पेट्रोल की बिक्री 10.01 प्रतिशत बढ़ी, वहीं डीजल की बिक्री 0.4 प्रतिशत कम हुई।
इसी तरह पंजाब में पेट्रोल की बिक्री 14.4 प्रतिशत और डीजल की बिक्री 12.3 प्रतिशत बढ़ी।
यूपी में भी पेट्रोल 15.2 प्रतिशत और डीजल 1.2 प्रतिशत बढ़ा।
इसी तरह गुजरात में पेट्रोल 14.8 प्रतिशत और डीजल की बिक्री 15.2 प्रतिशत बढ़ी।
वहीं अगर राजस्थान की बात की जाए तो डीजल में सिर्फ 0.02 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई। पेट्रोल में भी 4.6 प्रतिशत ही बिक्री बढ़ी।
पड़ोसी राज्यों के बराबर वैट हो तो सस्ता मिलेगा पेट्रोल-डीजल
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे सुनीत बगई कहते हैं कि पड़ोसी राज्यों ने अपना कार्टल बनाया हुआ है। उनके बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 1 से 2 रुपए से ज्यादा का अंतर नहीं है।
वहीं राजस्थान में यह अंतर 11 से 16 रुपए तक है। ऐसे में अगर वैट कम हो तो राजस्थान में पेट्रोल 16 रुपए तक और डीजल 11 रुपए तक सस्ता हो सकता है।
ऐसे में राजस्थान में पेट्रोल लगभग 97 रुपए और डीजल 90 रुपए के आसपास पहुंच सकता है।
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