Politics

एसटीएफ, कोबरा फाइटर्स, लेडी कमांडो, आईजी ने बताया बस्तर में चुनाव कराने का प्लान

एसटीएफ, कोबरा फाइटर्स, लेडी कमांडो, आईजी ने बताया बस्तर में चुनाव कराने का प्लान

छत्तीसगढ़ के नक्सली सेंटर रहे बस्तर में विधानसभा चुनाव के लिए पुलिस प्रशासन भारी-भरकम तैयारी की है। डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा फाइटर्स के साथ महिला कमांडो ने भी इस इलाके में चुनाव कराने का जिम्मा संभाला है। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज का दावा है कि बस्तर में नक्सिलयों का इलाका अब सिकुड़ने लगा है।

हाइलाइट्स

  • पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों पर वोटिंग होगी
  • पहली बार महिला कमांडो भी होंगी तैनात, पोलिंग बूथों पर करेंगी गश्त
  • आईजी सुंदरराज पी. का दावा, नक्सलियों की सप्लाई चेन टूटी, कैडर कम हुए

बस्तर में वोटिंग बेखौफ होगी, आईजी ने बताया नक्सलियों पर नकेल कसने का प्लान

जगदलपुर : 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होगी। पहले चरण में ही बस्तर संभाग की सभी 12 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। बस्तर में भले ही नक्सलियों का प्रभाव कम हुआ है लेकिन इलाका अभी भी बेहद संवेदनशील हैं। यहां सुरक्षित चुनाव कराना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती है। एनबीटी से बातचीत में बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया कि वोटिंग के लिए डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा जैसे स्पेशल फोर्स की मदद ली जाएगी। सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवान भी बस्तर में मोर्चा संभालेंगे। पुलिस ने वोटिंग के दिन डिटेल सिक्योरिटी प्लान तैयार किया है ताकि हर मतदाता अपने मतदाता केंद्र तक सुरक्षित जाकर वोट डालें।
आईजी का दावा, खत्म होंगे नक्सल
बस्तर में बेहद संवेदशील है। आईजी सुंदरराज ने कहा कि पिछले चार पांच साल में 65 से अधिक नए सुरक्षा कैंप बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बने हैं। ऐसी कई सड़कें खोली गई हैं जो नक्सलियों की वजह से 35-40 सालों से बंद पड़ी थी। ये सब नक्सल एरिया में थी। अब पॉजिटिव बदलाव हुआ है। नक्सलियों का इलाका कम हो रहा है, उनका रिक्रूटमेंट बेस भी सिकुड़ रहा है और उनका सप्लाई नेटवर्क भी टूटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सली बैक फुट पर हैं लेकिन हम उनकी ताकत को कम नहीं आंक रहे। नक्सली अभी भी आईईडी या स्मॉल एक्शन टीम के जरिए सुरक्षाबलों या लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए हम हमेशा अलर्ट रहते हैं। वह कहते हैं कि रिएलिटी यह है कि जो नक्सल संगठन है, वह धीरे धीरे कमजोर होते जा रहा है। उनके कैडर की संख्या कम होती जा रही है, उनका प्रभाव भी कम होता जा रहा है। बहुत जल्दी उनका खात्मा होगा, ये हमारा प्रयास रहेगा।


35 बूथ महिला कमांडो के हवाले
इस बार पहली बार नक्सल प्रभावित इलाकों में महिला कमांडो को भी चुनाव के दौरान तैनात किया जाना है। ये मतदान केंद्रों में भी ड्यूटी करेंगी साथ ही गश्त लगाकर एरिया डोमिनेशन भी करेंगी। करीब दो साल पहले बस्तर फाइटर स्पेशल फोर्स में महिला कमांडो को भी रिक्रूट करना शुरू किया गया था और इन्हें स्पेशल ट्रेंनिंग दी गई है साथ ही चुनाव की ट्रेनिंग भी इन्हें दी गई है। ये महिला कमांडो नक्सल विरोधी कई ऑपरेशंस का भी हिस्सा रह चुकी हैं। आईजी सुंदरराज ने कहा कि इन चुनाव में पहली बार कुछ मतदान केंद्र को ऑल विमिन सिक्योरिटी पर्सनेल मतदान केंद्र के रूप में आइडेंटिफाई किया है। एक जिले में 5 ऐसे केंद्र हैं। पूरे बस्तर संभाग में 35 ऐसे केंद्र हैं, जिनमें महिला बल तैनात रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे समाज में भी संदेश जाएगा।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक जब छत्तीसगढ़ राज्य बना था उस वक्त बस्तर संभाग में नक्सलियों का प्रभाव लगभग आधे इलाके में था। 40 हजार स्क्वायर किलोमीटर एरिया में से लगभग 20 हजार स्कवायर किलोमीटर एरिया एक तरह से उनके कब्जे वाला एरिया माना जाता था। लेकिन धीरे धीरे सुरक्षा बलों के लगातार चलाए गए अभियान की वजह से नक्सलियों का एरिया कम हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अब वह 20 हजार स्क्वायर किलोमीटर का एरिया घटकर 6 हजार स्क्वायर किलोमीटर रह गया है। करीब 14 हजार स्कवायर किलोमीटर एरिया सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से री-क्लेम किया है।

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

CommentLuv badge

Topics

Translate:

Google News
Translate »
error: Content is protected !!