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वादों-दावों में रसगुल्लों की मिठास, मुद्दों में भुजिया सी चरकास, कल्ला को चुनौती दे रहा भाजपा का ये नया चेहरा

वादों-दावों में रसगुल्लों की मिठास, मुद्दों में भुजिया सी चरकास, कल्ला को चुनौती दे रहा भाजपा का ये नया चेहरा

Rajasthan Election 2023 : भुजिया और रसगुल्लों के लिए दुनियाभर में विख्यात बीकानेर की चुनावी तासीर और तस्वीर देखनी हो तो बीकानेर पश्चिम से बेहतर कोई क्षेत्र नहीं हो सकता।

 Congress Dr. B.D. Kalla And BJP Jethanand Vyas


Rajasthan Assembly Election 2023 : भुजिया और रसगुल्लों के लिए दुनियाभर में विख्यात बीकानेर की चुनावी तासीर और तस्वीर देखनी हो तो बीकानेर पश्चिम से बेहतर कोई क्षेत्र नहीं हो सकता। यहां कुछ घंटे तसल्ली से घूम दस-पंद्रह लोगों से राजनीति का ‘ज्ञान’ ले लिया तो समझो आपने बीकानेर जिले का सियासी समीकरण समझ लिया। यहां पाटों पर शहरवासी बातों ही बातों में पश्चिम से लेकर पूर्व और उत्तर से दक्षिणी राजस्थान तक की सियासी तस्वीर उकेर देते हैं। बीकानेर पश्चिम में इस बार चुनाव दिलचस्प बना हुआ है। यहां चुनावी वादों और दावों में रसगुल्लों की मिठास है तो सालों से रेल फाटकों से थम रही रफ्तार का समाधान नहीं होने से मतदाता भुजिया की चरकास का भी अहसास करवा रहे हैं। यहां से कैबिनेट मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला दसवीं बार कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में है। तो भाजपा ने यहां पिछले पांच सालों से लगातार धर्मयात्रा निकाल सुर्खियों में रहने वाले हिंदूवादी चेहरे जेठानंद व्यास को मैदान में उतार तुरुप का पत्ता चलाया है। इस सीट पर डेढ़ दशक से कांग्रेस से कल्ला और भाजपा से गोपाल जोशी ही आमने-सामने चुनाव लड़ते रहे हैं। जोशी का 2021 में निधन होने के बाद इस चुनाव में भाजपा ने नया प्रयोग किया है। दोनों के चुनाव कार्यालय खुल चुके हैं। रोजाना 8-10 मोहल्लों में जनसंपर्क कर रहे हैं, लेकिन नुक्कड़ सभाओं का दौर अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। दोनों की महिला सेना भी मैदान में आ चुकी है।यह भी पढ़ें

कांग्रेस के पक्ष में गंगाशहर के चौरडि़या चौक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभा कर चुके है। वहीं पूर्व और पश्चिम के कार्यकर्ता सम्मेलन में रूठों को मंच पर जगह देकर मनाने का जतन भी किया गया है। भाजपा में अभी कोई बड़ी सभा नहीं हो पाई है। स्थानीय सांसद के नाते केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल जरूर नामांकन रैली में शामिल हुए। नाम वापसी के बाद 9 या 10 को संगठन की बैठक कर ग्राउंड स्तर की रणनीति बनाने की तैयारी है।

ट्रेडिशनल प्रचार यहां की पहचान
बीकानेर पश्चिम यानी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा इलाका। जैसी परम्परागत तासीर यहां की है, प्रचार का तरीका भी ट्रेडिशनल ही ज्यादा नजर आ रहा है। हां, सोशल मीडिया का थोड़ा असर है, लेकिन प्रचार का मस्तमोलापन यहां की पहचान है। कल्ला के प्रचार में लाइव चुनावी पेरोडी के लिए शहर के कलाकारों की टोली साथ चल रही है। व्यास के लिए भी पेरोडी बन रही है, लेकिन उसमें रिकॉर्डेड ज्यादा बज रही है। ब्लॉग, रील और शॉर्टस भी बन रहे हैं।

बागी कर रहे परेशान, अपने हुए बेगाने
यहां शहर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष अब्दुल मजीद खोखर आरएलपी से ताल ठोक समीकरण बिगाड़ते दिख रहे हैं। इसके अलावा चार-पांच अन्य अल्पसंख्यकों ने भी नामांकन भरा है। सोमवार को भी नामांकन के दौरान खुद कल्ला और उनकी टीम कलक्ट्रेट में नामांकन भरने वालों पर नजर रख रही थी। इनकी मान-मनौव्वल जारी है। नाम वापसी के बाद 9 नवम्बर को तस्वीर साफ होगी। कांग्रेस की टिकट का विरोध करते हुए भाजपा का दामन थाम चुके राजकुमार किराडू भी कल्ला के लिए परेशानी पैदा कर रहे है। भाजपा में बगावत जैसी तस्वीर तो नहीं है, लेकिन जेठानंद के जनसंपर्क में संगठन के पदाधिकारियों की कमी खल रही है।यह भी पढ़ें

क्षेत्र के 3 प्रमुख मुद्दे
1- मुख्य बाजार में रेलवे फाटकों से दो हिस्सों में बंट जाता है शहर।
2- हेरिटेज रूट की बदहाली, पर्यटन विकास। बिजली के तारों के जाल से मुक्ति।
3- वंचित क्षेत्र को सीवरेज से जोड़ना और पुराने सीवरेज सिस्टम में सुधार।

प्रत्याशी कर रहे 3 वादे
1- सबसे पहले रेलवे फाटकों की समस्या का समाधान करेंगे।
2- बीकानेर का चहुंमुखी विकास प्राथमिकता में।
3- शहर में भय और अपराध मुक्त वातावरण बनाएंगे।

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