Bikaner update

प्रभागाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक डॉ.शरत मेहता का नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित

TIN NETWORK
TIN NETWORK

बीकानेर/ भारतीय पशु आनुवंशिकी और प्रजनन सोसायटी (आईएसएजीबी ) द्वारा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के प्रभागाध्यक्ष डाॅ. एस.सी.मेहता को राष्ट्रीय फेलोशिप प्रदान कर सम्मानित किए जाने के कारण रविवार को साझी विरासत एवं पोकरमल राजरानी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में होटल राजमहल में नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात समाजसेवी , महावीर इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. नरेश गोयल थे तथा नागरिक अभिनंदन समारोह की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की।
प्रारंभ में स्वागत भाषण करते हुए अरिहंतमार्गी जैन महासभा के संक्षरक जयचंद लाल सुखाणी ने डाॅ.शरतचंद्र मेहता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि कृषि एवं पशु आनुवांशिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिको ने अनेक शोधकार्य सफलतापूर्वक संचालित किए है , जिससे भारत की क्षमताएं बढी है। उन्होंने कहा कि डाॅ.शरतचंद्र मेहता के अथक प्रयासो एवं उपलब्धिमूलक शोध के परिणाम को मध्यनजर यह सम्मान पशु आनुवंशिकी और प्रजनन के क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण दिया गया है ।
जोशी ने कहा कि विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए मेहता की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण उनको यह फेलोशिप प्रदान की गई ।
समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ.नरेश गोयल ने कहा कि यह बीकानेर के लिए गौरव की बात है कि मेहता के अथक परिश्रम के कारण अश्व अनुसंधान केन्द्र पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना रहा है। डाॅ.गोयल ने कहा कि पशुओं में रोग प्रतिरोधकता के आनुवंशिक कारण का अध्ययन एवं उसका रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु मेहता के शोधकार्य उल्लेखनीय योगदान है।
एडवोकेट महेंद्र जैन ने डाॅ.शरतचंद्र मेहता के अभिनंदन पत्र का वाचन करते हुए बताया कि विश्व में ऊंटों की विभिन्न नस्लों का आणविक विश्लेषण, पशुओं से उत्पादन से जुड़े विभिन्न जीन्स (डीएनए ) में विभिन्नता का पता लगाना, ऊंटों के दूध के गुणों को देखते हुए उनका दूध उत्पादन के लिए चयन करना , उनके संरक्षण के लिए “ऊंटा री बातां” कार्यक्रम चलाना, घोड़ों में रेस से संबंधित जीन्स का आणविक विश्लेषण करना, आम आदमी से घोड़ों को पुनः जोड़ने के लिए अश्व पर्यटन प्रारंभ कर डाॅ.शरतचंद्र मेहता ने उत्कृष्ट कार्य किए है ।
वरिष्ठ कवि मोहन लाल भंसाली ने डाॅ.मेहता के सम्मान में काव्यपाठ किया।
व्यंगकार-सम्पादक डाॅ.अजय जोशी ने अभिनंदन समारोह में कहा कि
डॉ मेहता के कार्यों को देखते हुए ही इससे पूर्व सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ डोमेस्टिक ऐनमल बायोडाईवर्सिटी द्वारा भी मेहता को फेलोशिप प्रदान की गई ।
नागरिक अभिनंदन समारोह में अतिथियों ने डाॅ.शरतचंद्र मेहता को शाल,श्रीफल, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।
सम्मान समारोह के अवसर पर सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए डॉ. मेहता ने बताया कि जेनेटिक्स एण्ड जीनोमिक्स विषय पर अनुसंधान करते हुए उनके 110 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हुए, 18 पुस्तकें एवं तकनीकी पत्रिकाएँ , 27 बुक चेप्टर्स लिखे हैं तथा 16 विद्यार्थियों को जेनेटिक्स में मास्टर्स अथवा पीएचडी के साथ 26 विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलाॅजी में एम एस सी शोध करवाया है ।
अभिनंदन समारोह में पूर्णचंद राखेचा ,कल्याण राम सुथार, संजय कोचर, सुरेश गुप्ता, महेन्द्र बरडिया, प्रोफेसर महेन्द्र जैन, पूर्व पार्षद हजारी देवड़ा , ओमप्रकाश कोठारी , दीपेन्द्र सोनी, एवं धर्म चंद सेठिया सहित अनेक महानुभावों ने विचार व्यक्त किए।

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

CommentLuv badge

Topics

Translate:

Google News
Translate »
error: Content is protected !!