बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर के सुदर्शन सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में कौमी एकता सप्ताह का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन और मालायार्पण कर किया गया जिसमें महाविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्य डा. अजंता गहलोत, डॉ अच्छन राठौड़, डॉ नूर जहां, डॉ संजू श्रीमाली, डॉ रेणू दुर्गापाल व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारीउपस्थित रहे । कार्यक्रम में स्वयंसेवेकों ने NSS गीत गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया । वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ अजंता गहलोत ने स्वयंसेवकों को मैं और तुम की भावना छोड़कर हम की भावना को अपनाने पर बल देते हुए अपने कर्तव्य का पालन करते हुए धर्म, जातिगत भेदभाव को परे रखकर समाज के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया । राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों द्वारा राष्ट्रीय एकता व धर्मनिरपेक्षता विषय पर व्याख्यानों का आयोजन किया गया । देश में विविधता में एकता के संदेश को चरित्र चरितार्थ करने की उद्देश्य से प्रथम व्याख्यान राष्ट्रीय एकता विषय पर रखा गया जिसकी मुख्य वक्ता डॉ संजू श्रीमाली थे ।इन्होंने अपने उदबोधन में स्वयंसेवकों को अपने परिवार व समाज के अंदर राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत बनाने, सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने का आह्वान किया ।प्रोफेसर संजू श्री माली ने बताया कि हमारे देश में विभिन्न भाषा, धर्म, जातियां और संप्रदाय के लोग रहते हैं इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हमारे अंदर एकता तथा आत्मीयता की भावना विकसित हो जिससे हम एक दूसरे के साथ भाईचारे के साथ रह सके । द्वितीय व्याख्यान धर्मनिरपेक्षता विषय पर रखा गया जिसमें मुख्य वक्ता डॉक्टर नूरजहां थे ।इन्होंने स्वयंसेवकों को धर्मनिरपेक्षता व पंथनिरपेक्षता के बीच के अंतर को सरल तरीके से समझाया । प्रोफेसर नूर जहां ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद, संविधान की प्रस्तावना ,धर्मनिरपेक्षता का देश के विकास पर प्रभाव एवं इसके महत्व को विस्तार से समझाया । कार्यक्रम के अंत में स्वयंसेवको राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलवाई गई एवं समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए रैली निकाल कर स्वयंसेवकों ने समाज में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया ।कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे ।


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