3 महीने सुरंग से ऑयल चोरी, कैसे नहीं लगा सुराग?:पुलिस को धोखा देने के लिए किराए का पेट्रोल पंप, पाइप लाइन के साइड में छेद ताकि जांच में न दिखे

पाली में जोधपुर-जयपुर हाईवे पर बर थाने से 100 मीटर दूर एक गिरोह 3 महीने से आईओसी की पाइप लाइन से ऑयल चुरा रहा था।
गिरोह ने ऑयल चोरी के लिए पेट्रोल पंप किराए पर लेकर 100 फीट लंबी सुरंग बना दी।
गिरोह के सदस्य थाने के सामने ही सुरंग के जरिए आईओसी की पाइप लाइन से क्रूड ऑयल चुराकर तेल के टैंकरों में भरकर ले जाते थे।
तीन महीने तक चोरी के क्रूड ऑयल से भरे टैंकर गुजरते रहे, लेकिन बर थाने के पुलिसकर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
गिरोह के लोग इतने शातिर हैं कि ऊपर के बजाय पाइप लाइन के साइड में छेद करके कनेक्शन किया था, ताकि खुदाई के बाद भी क्रूड ऑयल चुराने वाली लाइन नजर नहीं आए।
दिलचस्प ये है कि बर पुलिस ने ही तीन साल पहले आईओसी की पाइप लाइन से तेल चुराने वाले एक अन्य गिरोह का खुलासा किया था।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

तीन साल पहले भी सामने आया था तेल चोर गिरोह
बर पुलिस ने ही तीन साल पहले पाली के बगड़ी थाना क्षेत्र के देवली हुल्ला गांव में खेत के अंदर सुरंग बनाकर आईओसी की पाइप लाइन से तेल चुराने वाले गिरोह का खुलासा किया था।
गिरोह ने 1 लाख 20 हजार लीटर तेल चुराया था। आईओसी की लाइन से क्रूड ऑयल चोरी करने के बाद टैंकरों में गुजरात, हरियाणा, एमपी में बेचते थे।
आज जहां बर थाना है, वहां पहले बर पुलिस चौकी थी। बर पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने 28 जनवरी 2021 को एमपी नंबर के टैंकर को रुकवाकर ड्राइवर आरीफ पुत्र सलीम फकीर से पूछताछ की।
पूछताछ में पता लगा कि गिरोह एक खेत में आईओसी की लाइन से तेल चुराकर सप्लाई करता है। पूरे मामले की एसओजी ने जांच की तो दो थानेदार और तेल चुराने वाले गिरोहों का खुलासा हुआ था।

रविवार को IOC के अधिकारियों ने लाइन का सर्वे किया था। इसमें लाइन में फाल्ट होने की जानकारी मिली। सोमवार को गड्ढा खोदकर देखा तो सुरंग का पता चला।
ऐसे बनाया तेल चुराने का प्लान
बर थाने से महज 100 मीटर की दूरी से गुजरती है आईओसी की पाइप लाइन
गुजरात-हरियाणा आईओसी की पाइप लाइन बर थाने से महज 100 मीटर की दूरी से गुजरती है। लाइन के अंदर से क्रूड ऑयल गुजरात से हरियाणा की रिफाइनरी से तक भेजा जाता है। थाने के सामने एचपीसीएल का पेट्रोल पंप भी आ रखा है। इस पंप के पीछे से ही आईओसी की पाइप लाइन गुजर रही थी।
तेल चुराने के लिए पेट्रोल पंप किराए पर लिया
बर कस्बे से ब्यावर रोड पर एचपीसीएल कंपनी का पेट्रोल पंप है। यह पंप कंपनी का है। इसे कोको(सर्विस प्रोवाइडर) के तौर पर लीज पर दिया जाता है।
पिछले कुछ सालों से यह पंप बंद पड़ा था। यह पेट्रोल पंप थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर है। पुलिस के सामने से तेल चुराकर ले जाना बहुत रिस्की था।

गिरोह ने तीन महीने पहले ही पेट्रोल पंप किराए पर लिया था। इससे पहले दो साल तक यह पंप बंद था।
गिरोह ने दो वजहों से इस पेट्रोल पंप को चुना…
वजह 1 : पेट्रोल पंप के पास से गुजर रही थी आईओसी की लाइन
पेट्रोल पंप के पिछले हिस्से की दीवार के पास से ही जमीन के अंदर से आईओसी की पाइप लाइन गुजर रही थी। पाइप लाइन से तेल चुराने के लिए गिरोह के लिए पेट्रोल पंप सबसे उपयुक्त जगह थी। गिरोह ने इस पंप को तीन महीने पहले पाली के आकाश जैन और सोहनलाल विश्नोई के साथ मिलकर राजेंद्र जैन से किराए पर ले लिया। बाड़मेर के राजेंद्र जैन को यह पंप कंपनी ने करीब तीन से चार महीने पहले लीज पर दिया था।
वजह 2 : पंप से चोरी का तेल टैंकर में ले जाते ताकि पुलिस को शक नहीं हो
आईओसी की लाइन से तेल चुराने के बाद उसे तेल टैंकरों में भरकर ले जाना सबसे मुश्किल था। अगर किसी खेत या गोदाम से सुरंग बनाकर तेल चुराकर टैंकरों में ले जाते तो आस-पास के लोगों को शक हो जाता। पेट्रोल पंप से तेल टैंकर गुजरने पर किसी को भी शक नहीं होता। गिरोह के लोग सुरंग से तेल चुराकर पंप के पीछे लगे कनेक्शन से तेल टैंकरों में भरते थे। फिर क्रूड ऑयल टैंकरों में भरकर पुलिस थाने के सामने से ही गुजरते थे।

सुरंग के एग्जिट पॉइंट पर एक अंडरग्राउंड केबिन बना रखा था। यहीं से पाइप के जरिए क्रूड ऑयल को टैंकर में भरकर ले जाते थे।
100 फीट लम्बी सुरंग बनाकर ऐसे चुराया क्रूड ऑयल
पेट्रोल के ऑफिस के पीछे 10 फीट गहरी सुरंग बनाई
गिरोह ने पेट्रोल पंप के ऑफिस के पीछे 10 फीट गहरी सुरंग बनाई थी। ऑफिस के पीछे सुरंग का काम होने के कारण आस-पास के लोगों को नजर नहीं आता था कि ऑफिस के पीछे क्या चल रहा है। ऑफिस के पीछे गिरोह ने करीब 10 फीट गहरी सुरंग खोदी थी। ऑफिस के पीछे सुरंग का एग्जिट पाइंट रखा गया था। यहां एक कनेक्शन कर रखा था। इस कनेक्शन से पाइप के जरिए चोरी का क्रूड ऑयल टैंकरों में भरते थे।
सुरंग में लोहे के पाइप लगाए ताकि मिट्टी न ढहे
गिरोह ने सुरंग में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा था। सुरंग को हाईटेक तरीके से बनाया गया। जमीन से करीब 10 फीट नीचे सुरंग में बड़े-बड़े पाइप लगाए गए। इन पाइप से ऊपर की मिट्टी नीचे नहीं ढह सकती थी। तीन से चार फीट लम्बे पाइपों को आपस में जोड़कर सुरंग में डाला था। पाइप इतने बड़े थे कि इनमें एक शख्स बढ़कर या नीचे झुकर आराम से गुजर सकता था।

गिरोह ने सुरंग खोदने के बाद हर दिन निकलने वाली मिट्टी को निकालने के लिए स्पेशल ट्रॉली बनाई थी।
मिट्टी निकालने के लिए स्पेशल ट्रॉली
गिरोह ने सुरंग खोदने के बाद हर दिन निकलने वाली मिट्टी को निकालने के लिए स्पेशल ट्रॉली बनाई थी। इस ट्रॉली को ऐसे बनाया कि आगे से एक शख्स रस्सी अपनी गर्दन और कमर में डालकर इसे खींचकर सके। इसी ट्रॉली से 100 फीट लम्बी सुरंग से मिट्टी निकाली थी।
सुरंग की मिट्टी को पंप के प्लेटफार्म में लगाया
गिरोह ने बड़े ही शातिर तरीक से 100 फीट लम्बी सुरंग को खोदते समय कई ट्रॉली मिट्टी निकाली थी। किसी को पता नहीं लगे, इसके लिए सुरंग से निकलने वाली मिट्टी से पंप का प्लेटफार्म बनाते गए। कई सालों से बंद पड़ा पंप का क्षतिग्रस्त हो रखा था। ऐसे में लोगों को लगा कि पंप की मरम्मत का काम चल रहा है। सुरंग से इतनी मिट्टी निकली कि उसे पूरे पंप के परिसर में बिखेरकर प्लेटफार्म बना दिया था।

सुरंग के अंदर ड्रिल से खुदाई के लिए बिजली कनेक्शन किया था। साथ ही वेंटिलेशन की पंखा भी लगा रखा था।
आईओसी की अंडरग्राउंड पाइप लाइन गुजरात से राजस्थान होते हुए हरियाणा की रिफाइनरी तक जाती है। अत्यधिक प्रेशर से क्रूड ऑयल को पाइप लाइन से गुजारा जाता है।
पाइप लाइन में प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि अगर सुई जितना भी छेद हो जाए तो ऑयल इतना प्रेशर से निकलता है कि सामने लोहे को भी काट दे।
इतने प्रेशर वाली लाइन से कनेक्शन करने के लिए गिरोह ने हाईटेक तकनीक इस्तेमाल की थी। गिरोह ने लाइन के ऊपर से कनेक्शन करने की बजाय साइड में छेद करके कनेक्शन किया।

जमीन के अंदर रखे पाइप से सुरंग बनाई गई। पाइप इतने बड़े थे कि इनमें एक शख्स झुककर या सिर नीचे करके गुजर सकता था।
सर्वे और खुदाई के कनेक्शन दिखाई न दे, इसलिए लाइन के साइड में छेद
कंपनी हर महीने लाइन का सर्वे करती है। पाइप लाइन के सर्वे के दौरान प्रेशर चेक किया जाता है। जहां प्रेशर कम मिलता है, वहां खुदाई करके लाइन को देखते है। ऐसे में अगर सर्वे में प्रेशर कम मिला और कंपनी के कर्मचारी ने खुदाई करके भी पाइप लाइन को देखेंगे तो साइड से किया कनेक्शन दिखेगा नहीं। जबकी पाइप लाइन के उपर छेद करके किया गया कनेक्शन थोड़ी खुदाई के बाद दिखाई देता है।
दूसरे प्रयास में पाइप लाइन में 1 इंच का छेद
गिरोह के लोग पेट्रोल पंप के ऑफिस के पीछे से करीब 100 फीट गहरी सुरंग खोदकर आईओसी की अंडरग्राउंड पाइप लाइन तक पहुंच गए थे।
उन्होंने पाइप लाइन के साइड में छेद करके कनेक्शन करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं रहे। इसके बाद ठीक उसके पास दूसरी जगह पर फिर से पाइप लाइन में छेद करने का प्रयास किया। इस बार सफल हो गए थे।
गिरोह के लाेग आईओसी की लाइन में करीब 1 इंच का छेद करके पाइप से कनेक्शन करके सुरंग के जरिए क्रूड ऑयल चुराते थे। सुरंग में पाइप से क्रूड ऑयल पंप के ऑफिस के पीछे बने पॉइंट तक पहुंचने के बाद क्रूड ऑयल को टैंकरों में भरकर ले जाते थे।

गिरोह के पाइपलाइन के ऊपर के बजाय साइड में छेद करके कनेक्शन किया, ताकि सर्वे हो तो कनेक्शन नजर न आए।
दूसरी बार सर्वे से खुलासा हुआ तेल चोरी का
गिरोह करीब तीन महीने से तेल चुरा रहा था। आईओसी कंपनी ने जब लाइन का सर्वे किया तो उन्हें प्रेशर कम होने की शिकायत मिल लेकिन इस जगह सामने पहाड़ी का चढ़ाव होने के कारण जगह का पता नहीं लग पा रहा था।
ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों ने दूसरी मशीन मंगवाकर फिर से सर्वे किया तो पंप के पीछे की जगह पाइप लाइन में प्रेशर कम होने की जगह का पता लगा। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी ने 12 फरवरी को पंप के पीछे की जगह खुदाई की तो पता सुरंग का खुलासा हुआ।
एसओजी ने पंप मैनेजर और गिरोह की तलाश शुरू की
आईओसी की शिकायत पर बर थाना पुलिस ने जीरो नंबर एफआईआर दर्ज करके एसओजी में भेज दी। एसओजी ने मामले की जांच शुरू करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। एसओजी पेट्रोल पंप को लीज किराए पर लेने वाले आकाश जैन, सोहनलाल विश्नोई और तेल चुराने वाले उनके साथियों की तलाश कर रही है। अभी मामले में एक भी आरोपी पकड़ में नहीं आया है।
मामले में बर थानाधिकारी हरीराम जाट का कहना है कि मैंने अभी चार महीने पहले ही बर थाने में जॉइन किया था। पेट्रोल पंप पर तेल टैंकर पे्ट्रोल और डीजल सप्लाई करने आते हैं, इसलिए पता नहीं लगा कि यह क्रूड ऑयल चुराकर ले जा रहे हैं।

मामला सामने आने के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने गुरुवार को पाइप लाइन की मरम्मत की।
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