NATIONAL NEWS

300 सजायाफ्ता बंदी खुले शिविरों में जाएंगे:परिवार के साथ रहकर मजदूरी करेंगे और सजा काटेंगे

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

300 सजायाफ्ता बंदी खुले शिविरों में जाएंगे:परिवार के साथ रहकर मजदूरी करेंगे और सजा काटेंगे

बीकानेर

फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

राजस्थान की जेलों से करीब 300 सजायाफ्ता अच्छे आचरण वाले बंदियों को खुले शिविरों में भेजा जाएगा जहां वे अपने परिवार के साथ रहकर सजा काटेंगे। ये बंदी मेहनत मजदूरी कर परिवार को जीवन-यापन भी करेंगे। प्रदेश की जेलों में एक तिहाई सजा पूरी करने और अच्छे आचरण वाले बंदियों को चिह्नित किया गया है जिन्हें सलाखों से मुक्ति मिलेगी और खुले शिविर में परिवार के साथ रह सकेंगे। खुले शिविर में मेहनत-मजदूरी कर कमाएंगे और परिवार के लोगों का जीवन-यापन करेंगे। ऐसे 300 बंदियों को प्रदेश के अलग-अलग खुले शिविरों में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इन बंदियों को शिविर के आसपास रोजगार दिया जाएगा जहां मेहनत कर वे रोजाना 259 रुपए कमाएंगे। सरकार ने इसमें 26 रुपए की बढ़ोतरी की है, लेकिन अभी वित्त विभाग से आदेश जारी नहीं होने के कारण लागू नहीं किया गया है। बीकानेर जेल से 50 बंदियों को खुले शिविर में भेजा जाएगा। बीकानेर संभाग में 19 खुला शिविर हैं जिनमें 449 बंदियों को रखने की क्षमता है। इन शिविरों में अभी 237 बंदी ही हैं। बीकानेर जिले में स्वामी केशवानंद एग्रीकल्चर विवि, भेड़-ऊन अनुसंधान केन्द्र और नापासर के सींथल ग्राम पंचायत में बेलासर की गोविंद गौशाला सहित तीन खुले शिविर हैं जहां बंदियों को रखा जाता है।

बीकानेर जेल से 50 बंदियों को खुला शिविरों में भेजा जा रहा है। कौनसे शिविर में जाएंगे, यह मुख्यालय को तय करना है। अधिकांश बंदी आजीवन कारावास के हैं जिन्होंने अपनी एक तिहाई सजा पूरी कर ली है। -आर. अनंतेश्वर, जेल अधीक्षक

  • 50 राजस्थान में कुल खुला शिविर -1568 बंदी क्षमता।
  • 410 बंदी की क्षमता वाला सबसे बड़ा है जयपुर के सांगानेर में।
  • 5 बंदी की क्षमता वाला सबसे छोटा चूरू के रतनगढ़ में।
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!